6.5.11

इस यश को सहने की शक्ति देना प्रभू


 सम्मान  के यश को दुगना करने की रीत निभाई जबलपुर के स्नेहीजनों नें  किस किस का आभार कहूं कैसे कहूं स्तब्ध हूं. जी कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो दीवारें पोतने का काम करते हैं, उन पुताई करने वालों का भी आभारी हूं उनसे न तो मुझे गुरेज़ है न ही उनके लिये मेरे मन में कोई नकारात्मक भाव शुभचिंतकों का आभारी हू.........!!

10 टिप्‍पणियां:

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

मेरी अशेष बधाईयाँ स्वीकारें .
- विजय तिवारी " किसलय "

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बधाई.

Darshan Lal Baweja ने कहा…

बधाईयाँ स्वीकारें

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बधाई ...शुभकामनायें

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत बहुत बधाई आपको .....

अनूप शुक्ल ने कहा…

वाह! बधाई हो !

दीपक 'मशाल' ने कहा…

Badhai Girish ji..

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

बल्ले बल्ले

Archana Chaoji ने कहा…

बधाई...

Dr Varsha Singh ने कहा…

एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई......

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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