28.4.11

नाव गाड़ी का रिश्ता

पाकिस्तान में मिली ये तस्वीर नाव गाड़ी का रिश्ता  बयां कर रही है. यही  हक़ीकत है पाकिस्तान की हमेशा नाव पर गाड़ी होती है. नाव जो हमेशा डूबती-उतराती नज़र आती है.पर चल रही है परम आत्माओं के सहारे जो विश्व के हर हिस्से को हिला देने की जुगत में तत्पर.   अब तो जागो पाक़िस्तान ... विश्व को बता दो तुम भी नेक नियत देश हो... तुम्हारे दामन के दाग धोने के लिये इससे बेहतर वक़्त कब आएगा. तब जब विश्व एक बड़े सामाझिक परिवर्तन के लिये तत्त्पर है. 














एक रपट किसलय जी के सेलफ़ोन से 

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मेरे बारे में

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जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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