10.4.11

कादम्बिनी अप्रेल 2011 में वेबकास्टिंग पर श्री पियूष पाण्डॆ

कादम्बिनी के अप्रेल 2011 अंक के पृष्ट क्रमांक 72-73 पर श्री पीयूष पाण्डे का आलेख "आया ज़माना वेवकास्टिंग का में हम शौकिया वेबकास्टर्स को उत्साहित किया है. "
हिंदी ब्लागर्स के बीच  हमको वेबकास्टिंग के ज़रिये आपसी संवाद में सहजता का अनुभव हुआ है. इस तकनीक़ी का उपयोग प्रथम बार खटीमा ब्लागर्स मीट को लाईव कर हमने किया अच्छा अनुभव था. अब तो कई ब्लागर्स वेबकास्टिंग का सार्थक प्रयोग कर रहे हैं. उमनें मैं प्रमुखता से डा० विजय तिवारी किसलय और श्रीमति अर्चना चावजी के नामों ज़िक्र करना चाहूंगा.  जिनने मेरे बाद इस तकनीकी के ज़रिये खूब काम किया.
ब्लाग इन मीडिया (यश भारत की )
खटीमा के आयोजन को लाइव वेबकास्ट करने के बाद मैं और पद्म सिंह अविनाश वाचस्पति की सहायता से तय शुदा कार्यक्रम के मुताबिक दिल्ली में 30 अप्रेल  2011 को होने वाले ब्लागर्स के लिय सम्मान-आयोजन का लाईव प्रसारण करने जा रहें है. आप घर बैठे इस आयोजन का आनंद लीजिये. ये वादा है कि  पूर्व के प्रसारणों की कमियों को दूर कर लिया जावेगा .
आयोजकों से वार्ता :-

  1. श्री रवीन्द्र प्रभात 
  2. डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल, सचिव, हिंदी साहित्य निकेतन,



सभी वेबकास्टर का कादम्बिनी एवम पियूष जी
को साधुवाद एवम आभार 

9 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बधाई इस विधा के प्रचार एवं प्रसार हेतु!!

Rahul Singh ने कहा…

ललित शर्मा जी से मिलती रहती है ऐसी अच्‍छी खबरें, बधाई.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Bahut achchi khabar hai...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

aabhar

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

आप सब लोगों का बहुत योगदान है इसमें..

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

aap padhar rahe hai n

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत-बहुत बधाई।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

पीयूष पाण्डे जी को हार्दिक बधाई।

Archana Chaoji ने कहा…

आभार पीयूष जी एवं सभी सहयोगियों का....

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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