22.3.11

जबलपुर में आज़ होंगे फ़ुरसतिया जी और अलबेला खत्री

प्रिय ब्लागर साथियो
सादर अभिवादन 
                आज़ सुबह पधार चुके हैं फ़ुरसतिया जी जबलपुर तो देर रात तक भाई अलबेला खत्री का संक्षिप्त प्रवास होगा जबलपुर शहर में . शाम को सभी स्थानीय - ब्लागर्स मित्रों से अनुरोध है कि आप चाहें तो संपर्क कर सकतें है . साथ ही यह भी कि जबलपुर का ऐसा गुलाल इन के गालों पर रगड़  दीजिये जो कभी न छूटे .

5 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

हमारी तरफ़ से भी रगड़ देना धर के:)

Udan Tashtari ने कहा…

छूटने न पाये...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

ताज़ा खबर न मिले हम अम्ब्रेला छतरी से न ही फ़ुरसतिया जी से
जै श्री राम

Udan Tashtari ने कहा…

चलो, वे जबलपुरिया किमाच से बच निकले...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

ये हिम्मत जबलपुरिया किमाच बोले -"बवाल को"

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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