21.3.11

मेरे मुहल्ले मे आये थे अमिताभ बच्चन जी

ग्वारीघाट की शाम कोशिश थी कि सबसे पहले माई को गुलाल अर्पण करूं  कल 19 मार्च 2011 की तस्वीर है
उसपार होली के लिये सज़ा संवरा गुरुद्वारा 

इस पार चिन्मय शुभम गोलू भैया के साथ दीप दान की जुगत लगा रहे थे
आज तो गज़ब ही हो गया हमारी सुबह देर रात तक मोहल्ले में व्यस्त रहने की वज़ह से 

अरे क्या सजल अमिताभ बच्चन जी से लम्बा है इस साल इसके हाथ  पीले करना है
मिलें या लिखें आपका नाम व पता किसी को नही बताऊंगा 
वैसे उज्जवल भी लाइन में लगा . जो रह जाए बाद में ट्राय करते रहना 
वैसे शादी तो करेंगे पर बेचेंगे नहीं  हम इन को 

गौर दादा जी को तिलक लगाते अमिताभ बच्चन 

और फ़िर फ़ोटो खिचवा ही लिया लम्बू जी ने
सच आज़ आये थे अमिताभ जी जबलपुर 
मुहल्ले में टोली का घूमना एक मज़ेदार और अनोखा पहलू है आज़ फ़िर एक बार मलय जी की लायब्रेरी को देखने का मौका मिला 


मलय जी,बाबूजी,मिश्रा जी, वर्मा जी, सभी तो थे साथ साथ 

कविवर मलय का ये अदभुत चित्र


जी भूल ही गया था भतीजा चिन्मय बच्चों मे खोजे न मिल रहा था आज़, 

जाने  क्या खोजतीं आखैं वर्मा जी की राख का ढेर है शोला है न चिंगारी है..
 कल रात जली हुई राख बनी होलिका के पास खड़े  नायडू भैया जेब में हाथ डाले विचार मग्न  यही गुनगुना रहे हैं 

मेरे परियोजना अधिकारी मित्रों में सबसे इन्नोसेंट 
         "दीपेन्द्र है जिनको दीपू कहता हूं"
मनीष शर्मा के क्या कहने
हमारे ग्रुप के सबसे शातिर लगता है किंतु है नही
जी पुनीत यानि गिलबिल

ये है मनीष सेठ खूब हंसा रहे थे  जज़ूर कोई दर्द था जिसे छिपा रहे थे

ये अपन साफ़्ट ड्रिंक पी रहे थे तब की फ़ोटो 

ये भी अपन ही हैं 

दीपेंद्र भाई एक दम मस्त ड्रायवर 


गिलबिल और शर्मा जी 

सेठ जिनको फ़त्ते कहो कोई हर्ज़ नहीं

5 टिप्‍पणियां:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

happy-holi

Udan Tashtari ने कहा…

एकदम अमिताभ से ही लग रहे हैं...

आपको एवं आपके परिवार को होली की बहुत मुबारकबाद एवं शुभकामनाएँ.

सादर

समीर लाल
http://udantashtari.blogspot.com/

मनीष सेठ ने कहा…

bada maza aaya, bahut dino baad mitr mandli ekathi hui,ek yaadgaar holi.sabhi ko thanks and again happy holi.

राज भाटिय़ा ने कहा…

आपको एवं आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ.
हां अमिताभ बच्चन ही लगता हे जी धन्यवाद

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

मस्त होली है डियर
नो भांग नो बियर


हैप्पी होली।

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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