12.3.11

ललित जी डर के आगे जीत है भई ..!!

बताईये दबंग कौन..?
" जबलपुरिया दबंगई -" हजूर जापान की सुनामी से विचलित होकर आप कुछ अधिक व्यग्र नज़र आ रहे हैं. हम तो फ़गुआहट से प्रभावित अपने मत दाताओं यानी माननीय सुधि पाठकों भावना की कदर करते हुए चाह रहे थे कि वार्ता कुण्ठा जन्य परिस्थियों की वज़ह से अवरुद्ध न हो. आपने हमारी सद भावना को सर्वथा ग़लत दिशा दी...! आप भी क्या कर सकते हैं विजया-सेवनोपरांत ऐसा ही लिखा जाता है.
"विजया को ऐसो नशा हो गये लबरा मौन
पत्नि से पूछे पति:-"हम आपके कौन..?"
ललित जी डर के आगे जीत है भई ..!!
मुझे "मूंछ उमेठन चुनौती से भय नहीं याद रखिये यह भी कि खरा आदमीं हूं कुम्हड़े का फ़ूल नहीं जो तर्जनी देख के डर जाऊं ! जब से होश सम्हाला है जूझता ही आया हूं किंतु आपकी पीडा मैं समझ सकता हूं आप ने आक्रोशवश जो भी लिखा उसे नज़र अंदाज़ करते हुए मैं सम्पूर्ण स्थितियों से पर्दा उठा देना चाहता हूं ताकि आप जैसे मित्र से मेरा जुड़ाव सतत रहे
१. ब्लाग4वार्ता एक स्नेह का अबोला अनुबंध है
२. ब्लाग4वार्ता को मेरे-आपके अलावा कई और मित्रों खासकर मेरे और आपके लिये आदरणीया संगीता पुरी जी, के स्नेह अलावा प्रिय
अनुज शिवम की ज़िद या कहूं प्रतिबद्धता से पुख्ता हो रही थी. फ़िर अचानक क्या हुआ कि ...आपने एकतरफ़ा निर्णय ले लिया
संकल्पों का भी सम्मान होना चाहिये .
३. वार्ता बंद करने के पूर्व कराए सर्वे को देखिये

हां
7 (19%)
नहीं
8 (22%)
क़दापि नहीं
21 (58%)
तटस्थ
0 (0%)


बहरहाल, आपने जब आदरणीया संगीता जी पर मामला छोड़ ही दिया है तो मुझे क्या मैं ताई भी से आग्रह करूंगा कि वे ही "सबको सम्मति दें...!" तब तक वार्ता से विदा लेता हूं हारकर नहीं बल्कि उस उम्मीद पर कि सब कुछ भला ही होगा....जो भी होता है या हुआ है  सब अच्छे के लिये
   "जै राम जी की"
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 दबंगई: -आपसे अनुरोध है कि वेबकास्ट शास्त्रार्थ के लिये सहमति दीजिये 
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7 टिप्‍पणियां:

शरद कोकास ने कहा…

भारत की सर्वे करने वाली सभी कम्पनियो से अनुरोध है कि वे इस " कदापि नही " वाले कालम को अपने सर्वे चार्ट मे शामिल कर लें । बढिया है ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

मै चला समीर जी की बकरी को ऊपर से उतारने, दो दिन से पेड पर चढी बेठी हे... ओर आप ने बताया कि वो..प्रे? भी हे.

Udan Tashtari ने कहा…

आप तो वार्ता करो जी...एक बार दबंगई की बात हो गई है तो हो ही जाये...नई वार्ता लगाओ...ज्यादा होगा तो न्यायिक क्षेत्र भी जबलपुर ही रख लेंगे.


एक बकरी तो अब राज जी को देना पड़ेगी लगता है.

Padm Singh ने कहा…

अटल जी की भाषा मे कहूँ तो - ये अच्छी बात नहीं है :(

निर्मला कपिला ने कहा…

ये क्या गडबड मामला हैं/ जरा तफ्सील से समझायें तो। आधा दिन नेट पर बैठने से रोज़ हर पोस्ट को देखा नही जाता बस पीछे से गडबड हो जाती है। लगता है अब 24 घन्टे रहना पडेगा मुस्तैद्\ शुभकामनायें।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

@निर्मला कपिला

ਪੈਰੀ ਪੈਣਾ ਜੀ, ਗਿਰੀਸ਼ ਹੋਰੀ ਪੰਗਾ ਪਾ ਰਹੇ ਸਿਗੇ, ਮੈ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹਾਂ
ਬ੍ਲੋਗ ਵਾਰਤਾ ਬੰਦ ਕਰ ਦੀ ਜਾਵੇ, ਹੁਣ ਐਡੀ ਕੋਈ ਲੋਡ ਨਈ ਸਾਨੂ. ਏ
ਚਾਲੂ ਰਖ੍ਣੀ ਚਉਂਦੇ ਹੈਗੇ.

किलर झपाटा ने कहा…

व्हाय आर आल आफ़ यू फ़ाइटिंग ? हैं।

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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