24.2.11

तोता बोला मैना मौन ?

एक बाल गीत पेश है इस गीत में श्लेष-अलंकार का अनुप्रयोग है  

 











 तोता बोला मैं न  मौन, बात मेरी बूझेगा कौन ?
**************
एक अनजाना एक अनजानी राह पकड़ के चला गया
कैसे नाचे ठुमुक   बंदरिया  बंदर  लड़  के   चला गया
       अपना   ही  जब  रूठा  हो  तो  औरों  से जूझेगा कौन ?                                         
तोता बोला मैं न  मौन, बात मेरी बूझेगा कौन ?
**************
बूढ़े   बंदर   ने   समझाया   काहे   बंदरिया  रोती  है
देह से छोटी होय चदरिया, किचकिच हर घर होती है
      मनातपा  ले    घर  परबिन जोड़ी पूछेगा कौन ?                                 
तोता बोला मैं न  मौन, बात मेरी बूझेगा कौन ?
**************

6 टिप्‍पणियां:

बवाल ने कहा…

सुबह सुबह बहुत ही सुन्दर दो कविताएँ। अहा! क्या कहना मुकुल जी। बहुत आनंददायी।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना!
बन्दर ने सही सलाह दी!

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

SUNDAR GEET

शिवा ने कहा…

बहुत सुंदर कविता
shiva12877.blogspot.com

मनीष सेठ ने कहा…

kauaa,cheel,gadaha,billi kutte ki bhi kavita bhejo.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

हा हा हा मनीष भाई

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

Wow.....New

अलबरूनी का भारत : समीक्षा

   " अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम  इतिहास को समझने के लिए  हमें प...

मिसफिट : हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉगस में