24.1.11

फ़त्ते जी को तलाक की राह मिल गई

शीला जी
फत्ते जी मेरे अभिन्न मित्र हैं कई दिनों के बाद मुलाक़ात हुई सो बस चुहल की गरज से अपने राम ने छेड़ दिया उनको . पूछ लिया उनकी नई प्रेमिका के बारे में. पूछा क्या बता कि मिस शीला सच बहुत प्यार करतीं हैं आपसे !
 '' जी सच है उनको मुझसे बहुत प्रेम है हो भी क्यों न हम भी तो उनसे बहुत प्रेम करते है , विपरीत के बीच आकर्षण तो विज्ञान ने भी सिद्ध कर दिया अब आप ही बताएं. कोई झूठ तो नहीं होगी मेरी बात ?
जी सही है ....! आप झूठ बोलते ही कहाँ हैं ? तो अब बताएं ज़नाब कब मिले थे उनसे ?
''क्या बताऊँ भाई, बीबी से अनबन क्या हुई हमने बहाना किया कि सरकारी टूर पे जाना है और बस चले गए उनके नशेमन में ''
फ़त्ते जी का स्वप्न
कल रात से उनके पास ही थे हम . ?
खूब आदर सत्कार हुआ होगा ?
जी, बहुत.. मेरा ख़ास ख़याल रखा उनने . खूब बातें हुईं . ग़ज़ल शायरी सब कुछ सुनी सुनाएँ हमने उनको और उनने हमको.
जी ये तो हुआ ही होगा. बताएं कुछ खिला-पिलाया के बस भूखे टल्ला रहे हो..?
''अरे मुकुल भाई , क्या बात करते हो, लज़ीज़ खाना था और हाँ मालूम है डिनर पर लंच में,सुबह शाम के नाश्ते के दौरान वे हमें बड़ी मंहगी चीज़ सुन्घातीं रहीं  पता नहीं कितने जतन से से सम्हाल के रखीं हुईं थी कबसे सम्हाल के रखा था उनने वो प्याज जिसकी खुशबू ने हमारी मुलाक़ात को कुछ अधिक रूमानी बना दिया मुकुल भाई सच वे तो हमारी राधा हैं राधा ''
''पर भाभी से झगड़ा काहे हुआ ..जो शीला ओह राधा रानी के पहलू में जाना हुआ कन्हाई का ?''
''बस इसी बात को लेकर कि गुप्ता जी शर्मा जी वगैरा सब तीज त्योहारों में प्याज ले आते हैं और एक आप हैं नामुराद कितने  बेरहम पत्थर दिल पति हैं बस हमारी गैरत ने ललकारा और हम निकल पड़े प्याज खरीदने कि हमारी राधा से बाज़ार में भेंट हो गई . बस उनने हमको न्यौता  हम कल दिए राधा जी के पीछे पीछे .
हमने पूछा - तो फत्ते साब, अभी किधर जा रहें हैं ?
कुछ नहीं उकील साब के यहाँ ?
क्यों,?
तलाक लेंगे तुम्हारी भाभी से ?
इस आधार पे तलाक मिल जाएगा कि वे सदा प्याज की मांग करतीं हैं ?
"किस दुनियाँ में रहते हो मुकुल भाई ! मालूम नहीं आपको, सुना है कि आज जब श्री ....... जी की अदालत में एकतरफा तलाक मिलतें हैं अगर पति या पत्नी के बीच प्याज को लेकर कोई तनाव हो जाए. अखबार में देखा नहीं आपने जज साब ने आर्त भाव से गिलाबिल वर्सेज़ श्रीमती..... वाले मामले में फैसला दिया था कि सुखद दाम्पत्य के लिए सब कुछ स्वीकार्य है सिर्फ प्याज की मांग को छोड़ कर
नोट - इस पोस्ट में उपयोग किये गये चित्र गूगल के ज़रिए क्रमश: भास्कर एवम तीसरा खम्बा ब्लाग ब्लाग से साभार लिया है आपत्ति की दशा में सूचित कीजिये ताक़ि चित्र और आभार अपने अपने स्थान पर पहुंच जाएं 
 

8 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

प्याज की डिमांड....सही ग्राउन्ड है!! :)

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

aajkal pyaj hi chhyi hui

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

प्याज की मार बड़ी घातक सिद्ध हुई...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

प्यार के त्रिकोण मे प्याज़ के हस्तक्षेप का प्यास एवम परिणाम
सुधी जनों आपका धड़ाधड़ स्नेह मिल रहा है आभार

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

धनिया कहे प्याज से लहसुन मेरी बात।
मेथी सोया पालकी पिया बिना कुम्हलात॥

सम्बंध विच्छेद करें:)

ZEAL ने कहा…

bahut badhiyaa aalekh

मनीष सेठ ने कहा…

fatte ka kahana saty hai. saty bolo .......

राज भाटिय़ा ने कहा…

शुक्र हे जी, हमारे यहां तो ५० पैसे किलो प्याज हे, इस लिये कोई चिंता नही

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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