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श्री गौतम कल्लू |
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श्री महेश मेहेदेल |
स्वर्गीय हीरालाल गुप्त स्मृति समारोह में हुई गतिविधियां कैमरे की नज़र से कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई दीप प्रज्ज़वलन से मुख्यअतिथि श्री गौतम कल्लू कुलपति,जी एन के वि वि जबलपुर के अलावा अन्य अतिथियों ने आयोजकों के साथ ज्योति-पुंज आलोकित किया.
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लिमिटी खरे |
हमारे लिए यह गौरव की बात है कि हम लगातार चौदह वर्षों से इस परम्परा को कायम रहे पाए जीवन में बुजुर्गों के महत्व को समझ पाने की जिज्ञासा के बूते जारी है यह सिलसिला जारी रहेगा स्वरुप जो भी हो .
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श्री सतीश शर्मा | | | | | | | | | | |
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श्री समीर लाल |
समीर भाई (बाएं)
सतीश शर्मा (दायें)
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कुछ यूँ सजा मंच राजेश पाठक प्रवीन ने बाँध लिया सबको |
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और फिर सहज स्वागत मंच का किया गया आयोजन समिति की ओर से श्रीमती शशिकला सेन ने मुख्य-अतिथि महोदय का स्वागत किया तो आमंत्रित हुईं समाजसेविका गीता शरद तिवारी श्री के . के. शुक्ल के स्वागतार्थ
इस अवसर पर हमारे अंतरजाल के महारथी भी स्वागत के बिन्दु बने .
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कादरी साहब ने लिमिटी खरे जी को |
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समीर भाई का स्वागत गुंजन कला सदन के श्री ओंकार श्रीवास्तव जी ने | | | | |
गुप्त-स्मृति सम्मान से विभूषित किया गया
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श्री मेहेदेल का अलंकरण |
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ॐ कोहली जी सम्मानित हुए सव्यसाची अलंकरण से |
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कोहली जी को मान पत्र भेंट करते हुए श्री एस० के० बिल्लोरे |
चित्र परिचय: बाएँ से : श्री शरद जोशी , श्री (सम्पादक यश भारत,) गौतम कल्लू, एस के बिल्लोरे, एवं मैं स्वयं
7 टिप्पणियां:
सार्थक आयोजन पर शुभकामनाएं एवं बधाई
hardik shubhkamnayen !
बहुत सुंदर जी आप सब को शुभकामनाऎं समीर जी को बधाई
आप भी जुडे ओर साथियो को भी जोडे...
http://blogparivaar.blogspot.com/
सब को शुभकामनाऎं समीर जी को बधाई...
समीर जी को सचित्र आज बहुत दिनो बाद देखने का मौका मिला, सम्मान के लिये बधाई
सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
यह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
sabhi sammanitjan ko hardik subhkamana
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