24.6.10

रक्त-दान ,देह-दान...................महादान .........मानते हैं .....सतीश जी .......और आप???

नमस्ते ..........

आओ आज  सब मिल करे प्रार्थना .................सतीश सक्सेना जी  की पसंद की ..........इसे पसंद करते हुए वे कहते है .........

 

5 टिप्‍पणियां:

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

हम भी सतीष जी से सौ फ़ीसदी सहमत हैं

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

बचपन से ही इस मधुर गीत को सुनते आए है आज आपकी आवाज में सुन लिया आपका आभार।

Satish Saxena ने कहा…

अर्चना जी की मधुर और शांत आवाज में यह आराधना बहुत अच्छी लगी , मुझे यह पूरी याद ही नहीं रही , अब इस पॉडकास्ट के जरिये आप लोगों ने हमेशा के लिए संकलित करवा दिया !
इस योग्य नहीं हूँ फिर भी इतना महत्व देने के लिए ,आप लोगों का आभार !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अरे वाह!
यह तो बहुत सुन्दर प्रार्थना है!
--
इसकी सी.डी.बनाकर प्रतिदिन इसे
अपने विद्यालय की प्रार्थना में चलाया करेंगे!
--
आपका आभार!

M VERMA ने कहा…

सतीश जी की प्रार्थना .. हमारी भी प्रार्थना है

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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