16.6.10

एक गीत.....................पॉड्कास्ट...................गीत...... शास्त्री जी (मयंक ) का........

नमस्ते.............आज सुनिए ........ ये गीत ........इस गीत की लय के लिए रावेन्द्रकुमार रवि जी  की आभारी हूँ ........(आपको शायद पता न हों वे अच्छा गाते भी हैं.) ................




इसे यहाँ पढे........

11 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

मेरे होली और मधुमास के गीत को
मधुर स्वर में गाने के लिए आपका आभार!
--
रावेन्द्रकुमार रवि जी तो मेरे मित्र हैं!
मेरे ही मोबाइल से उन्होंने आपको
इस गीत के गाने की लय का संकेत दिया था!

Asha Joglekar ने कहा…

मधुमास का मधुर गीत सुनकर अच्छा लगा ।

दीपक 'मशाल' ने कहा…

बहुत ही उम्दा.. शास्त्री जी को भी बधाई आपका आभार..

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

बेहद उम्दा प्रस्तुति

दिलीप ने कहा…

waah bada hi masti bhara geet tha...bahut sundarta se gaya...

शरद कोकास ने कहा…

बढ़िया है भाई ।

M VERMA ने कहा…

बहुत सुन्दर
शास्त्री जी का गीत सुन्दर है और अर्चना जी ने तो बहुत मधुर स्वर देकर चार चाँद लगा दिया है. राजेन्द्र जी को भी कभी सुनाईये.

निर्मला कपिला ने कहा…

बहुत बडिया आवाज भी और गीत भी। बधाई

vandana gupta ने कहा…

बहुत ही मधुर आवाज़ है अर्चना जी की सच शास्त्री जी की रचना और अर्चना जी की आवाज़ ने गज़ब कर दिया।

Shekhar Kumawat ने कहा…

शास्त्री जी को भी बधाई आपका आभार

विजयप्रकाश ने कहा…

मधुर, कर्णप्रिय स्वर और सुंदर गीत की प्रभावशाली जुगलबंदी

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

Wow.....New

अलबरूनी का भारत : समीक्षा

   " अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम  इतिहास को समझने के लिए  हमें प...

मिसफिट : हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉगस में