जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में।
शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी
छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन
सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
18 टिप्पणियां:
achcha prayaas...poori tarah safal...maine ye blog padha nahi par aapki wajah se jaankaari mil gayi...
एक ज़बर्दस्त असर कारक और प्रभावी पाडकास्ट फ़िर्दौस जी के उस आलेख का लिंक भी दिया जाता तो उत्तम होता
बहुत अच्छी प्रस्तुति रही, सुखद जानकारी हुई। ऐसी बातों का प्रचार होना ही चाहिये।
आभार।
@दिलीप....कई बार पहले श्रोता बने हो....धन्यवाद
@गिरीश जी लिन्क दे दिया है.....चूक की ओर ध्यान दिलाने का शुक्रिया.........
माफ़ किजियेगा गिरीश जी के आदेश से ही ये कार्य किया है मैने बताना भूल गई थी .......
अर्चना जी
आदेश वादेश कुछ नही
हमें तो अच्छा कार्य करना है न
आपका कार्य अत्यंत सराहनीय है. वर्तमान में ऐसी चीजों की बहुत आवश्यकता है. इसके लिए आपको कोटि-कोटि नमन
bahut hi acchi prastuti...yah jaankaari swagat yogy hai...ise batane ke liye aapka dhywaad..
खुदा के घर दौनों हैं ,काबा भी बुतखाना भी
मेहराब अली दौनों हैं,पंडित भी मौलाना भी
खुदा के घर दौनों हैं ,काबा भी बुतखाना भी
मेहराब अली दौनों हैं,पंडित भी मौलाना भी
आदर्श स्थिति
अच्छी रही प्रस्तुति..
achchhai ko swikar krna hi chahiye
dr. ved vyathit
सराहनीय प्रयास
बहुत खूब !
इस सराहनीय प्रयास के लिए धन्यवाद |
रत्नेश त्रिपाठी
आपका कार्य अत्यंत सराहनीय है.इस सराहनीय प्रयास के लिए धन्यवाद.
Bahut hi sarahniya prayas hai apka.
अर्चना जी, आपकी आवाज़ बहुत दिलकश है...
आपने तो पोस्ट में जान डाल दी...
आभार...
एक टिप्पणी भेजें