- कच्ची उम्र में सामाजिक सम्मान रीतियों के नाम पर बालिकाओं के विवाह रोकें
- हर मां को चिकित्सक की देखरेख में सुरक्षित प्रसव के लिये प्रेरित करें सहयोग करें
- बेटियों में होने वाली खून की कमी को रोकें
- गर्भवति महिला को आयरन के उपयोग की प्रेरणा दें
- शिशु को कम से कम चार माह तक सिर्फ़ माता के दूध की सलाह दी जाये
- बच्चे को कम से कम पांच बार भोजन
- स्वच्छता
- जन्म में अन्तर
- सूक्ष्म-पोषक तत्व के प्रयोग पर बल
22.5.10
“कुपोषण एक अहम् मुद्दा होना ही चाहिये !“
कुपोषण एक अहम् मुद्दा होना ही चाहिये एन डी टी वी की इस एक्सक्लूजिव रिपोर्ट अवश्य देखिये :-'' कमी की कीमत '' भारत के संदर्भ में यह अब तक की सबसे प्रभावशाली जन चेतना फैलाने वाली इस रिपोर्ट में. कुपोषण को लेकर जो बात कही गई है उसका वास्ता हम से है और हो भी क्यों न एक अरब हो रहे होने जा रहे हम लोगों के कल की तस्वीर साफ़ सुन्दर और ताज़ी हो...... मित्रो शब्दों नारों से नहीं भारत की तस्वीर बदलेगी हमारी सोच को आकार देने से.....! साथियो हाथ बढ़ाने की ज़रूरत है....आपको क्या करना है..............
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
Wow.....New
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5 टिप्पणियां:
सार्थक और सामयिक पोस्ट
कुपोषण रोकने के सार्थक सुझाव ....!!
बहुत सार्थक आलेख...जागरुकता की जरुरत है.
३ बेटियों में होने वाली खून की कमी को रोकें??
क्या बेटो की तरफ़ध्यान नही देना चाहिये?? बेटियो की जगह बच्चे लिखते तो अच्छा लगता. धन्यवाद, इस सुंदर पोस्ट केलिये
दादाजी
सही है
किन्तु सफ़ल जननी बनने के लिये उसके लिये ज़रूरी है
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