2.5.10

पाड्कास्ट अन्त्याक्षरी : एपीसोड 02

मिसफ़िट पर गत रात्रि प्रस्तुत अन्त्याक्षरी के उपरांत जो हुआ वो कमाल ही थी ...... स्पोर्ट से जुड़ीं श्रीमति अर्चना चावजी को बच्चों ने घेर लिया देर रात एपीसोड की रिकार्डिंग के लिये बाध्य किया . सभी बच्चे अर्चना जी की अवाज़ के मुरीद बने . चिन्मय,समर्थ,शुभम,शिवानी,सुप्रिया, सभी को आज़ यात्रा पे निकलना है सो अर्चना जी के साथ अन्त्याक्षरी रिकार्ड करने के ज़िद के आगे हमने तो घुटने टेक ही दिये , बालहट के सामने किसकी चले सकती है.... और तैयार हुआ यह एपीसोड जो आपकी नज़र है .... श्रोता गण शायद आप इसे पसंद करें

11 टिप्‍पणियां:

honesty project democracy ने कहा…

अच्छा प्रयास और प्रस्तुती / धन्यवाद /

राजीव तनेजा ने कहा…

बढ़िया रहा आपका ये प्रयास...सराहनीय कदम

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

बहुत बढिया प्रयास
अर्चना जी को नमस्कार
सभी बच्चों को ढेर सारा प्यार्।

आभार

vandana gupta ने कहा…

bahut badhiya karyakram raha.

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 ने कहा…

अर्चना जी ओर आप को बधाई...सुन्दर

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

सभी श्रोताओं का सादर आभार
आप भी हिस्सा बनिये

दीपक 'मशाल' ने कहा…

अर्चना आंटी की मधुर आवाज़ और बच्चों के कोरस ने समां बाँध दिया... बहुत आनंद आया.

Archana Chaoji ने कहा…

बच्चों के साथ ये मुलाकात मेरे लिए यादगार बन गई है .........एक बहुत सुखद अनुभव ...........सुलभा जी,गिरीश जी को धन्यवाद ..बच्चों को आगे की जीत के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ ...........

आप सभी साथियों को नमस्कार......
और हार्दिक आभार .......

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

मुझे मालूम है आप जानबूझ कर हारीं हैं
उत्साह वर्धन के लिये आभार

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

girish ji...
bahut sundar prayas ...lekin archana ji ki awaaz bilkul bhi sun nahi paarahe hain...
sabkuch bahut madhur...
bacchon ne to sangeetmay sama hi baandh diya..
aabhaar ise sunwaane ke liye...

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

शुक्रिया
अदा जी बताइये कहां बिज़ी हैं इन दिनों

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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