''महफ़ूज़ अली की कविता ''
fire is still alive
But what of the fire ?
Its wood has been scattered.,
But the embers still dance .
Though the fire is tiny
It survived.
Though the fire is weak
It's still alive
" अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम इतिहास को समझने के लिए हमें प...
2 टिप्पणियां:
सुन्दर रचना है..पढ़ चुके हैं. आभार यहाँ प्रस्तुत करने का.
एक बहुत ही लाजवाब रचना है यह महफ़ूज़ मियाँ की। क्या कहना है भाई! वाह वाह।
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