इस बात में कोई दो राय नहीं प्यासे पाखी-और पेड पानी पियॆं इसके लिये सजग हमको रहना है बस हमें जो करना है कि उनके लिये छत आंगन में पानी और सूखते झुलसते पेडों पौधौं को पानी पिलाना है जी हां यही तो कह रहें हैं शरद कोकास जीसुनिये क्या कहा है उनने
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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4 टिप्पणियां:
संदेश के मुताबिक मुस्करा रहा हूँ...अच्छा लगा शरद जी से बात सुन कर. चिड़ियों के लिए जल एवं भोजन की व्यवस्था के लिए सदैव सजग रहता हूँ.
शहीदों को नमन एवं श्रृद्धांजलि!!
बहुत सुंदर संदेश,हम सब को यह प्रायस करते रहना चाहिये,अभी मै जब भारत गया तो देखा की वहां मोहल्ले मै बंदरो का बहुत उतपात है,कभी किसी को काट लिया तो कभी कुछ... लेकिन एक दो घर ऎसे भी देखे जहां बंदर लोगो को कुछ नही कहते, बल्कि घर वालो के इशारे पर चलते थे, पता किया तो मालुम हुआ कि वो बंदरो को रोजाना पीने के लिये पानी देते है, ओर कभी कभार खाने को भी दे देते है ओर जब १०, १२ बंदर पानी पीते हो ओर पानी खत्म हो जाता है तो, बंदर घर बालो को ओर पानी डालने देते है,उन के कंधो पर बेठ कर प्यार करते है
अच्छा लगा शरद जी से बात सुन कर.
पंछियों को दाना-पानी देना हमारी एक पुरानी परंपरा का हिस्सा है। लोग इसे भूल रहे हैं। इधर कुछ स्वयंसेवी संघठनों के द्वारा भी मोबाइल पर ऐसी ही अपील संदेश के द्वारा दी जा रही है कि छत पर पानी का एक बड़ा घड़ा भर कर जरूर रखें पानी के अभाव में बहुत से पंछी मर जाते हैं।
--ऐसे सभी प्रयासों का स्वागत और अपील का अनुकरण करना चाहिए।
..बातचीत ठीक से नहीं सुन सका फिर प्रयास करूगा क्योंकि क्या बात है! क्या बात है! सुनाई दे रहा है... इसका मतलब कोई बहुत अच्छी बात चल रही है!!
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