13.2.10

Talk Show With Sanjeev Verma Salil



पेशे से अभियंता ह्रदय से कवि लोक निर्माण विभाग मध्य-प्रदेश में पदस्थ प्रशासन में महत्वपूर्ण अस्तित्व निरंतर गति शील दिव्य नर्मदा के मालिक भाई संजीव वर्मा सलिल से बातचीत

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
नियति पर
अभिमान करता है...
कोहरे से
गले मिलते भाव.
निर्मला हैं
बिम्ब के
नव ताव..
शिल्प पर शैदा
हुई रजनी-
रवि विमल
सम्मान करता है...

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
नियति पर
अभिमान करता है...

फूल-पत्तों पर
जमी है ओस.
घास पाले को
रही है कोस.
हौसला सज्जन
झुकाए सिर-
मानसी का
मान करता है...

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
नियति पर
अभिमान करता है...

नमन पूनम को
करे गिरि-व्योम.
शारदा निर्मल,
निनादित ॐ.
नर्मदा का ओज
देख मनोज-
'सलिल' संग
गुणगान करता है...

गीत का बनकर
विषय जाड़ा
खुदी पर
अभिमान करता है...

12 टिप्‍पणियां:

Himanshu Pandey ने कहा…

सलिल जी से बातचीत बेहद सुन्दर रही । ज्ञानवर्धक भी ।
सलिल जी की उपस्थिति गौरवान्वित करती है ब्लॉगजगत को ।
आभार इस प्रस्तुति के लिये ।

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

फूल-पत्तों पर
जमी है ओस.
घास पाले को
रही है कोस.
हौसला सज्जन
झुकाए सिर-
मानसी का
मान करता है...
बहुत सुन्दर.

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूब, लाजबाब !

दिव्य नर्मदा divya narmada ने कहा…

आपका आभार शत-शत...

Unknown ने कहा…

Its amazing talk....TV

Udan Tashtari ने कहा…

बेहद रोचक और दिलचस्प रहा आचार्य जी को सुनना. बहुत बई चीजेण मालूम पड़ी. माता जी द्वारा रचित शिव जी और गिरिजा जी के दोनों गीत बहुत पसंद आये. आभार इस बेहतरीन चर्चा का.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

Sabhi poojy evam priyvar ka aabhar

Akhilesh pal blog ने कहा…

bahoot achha

बवाल ने कहा…

मुकुल भाई ये काम बहुत ज़रूरी था और आपने कर दिया। बहुत आनंददायी और प्रेरणादायी रही आचार्य जी के साथ चर्चा।

बवाल ने कहा…

बहुत बहुत आभार।

बवाल ने कहा…

धन्यवाद और साधुवाद भी।
माफ़ कीजिएगा साथ ही साथ वायरस स्कैन चल रहा है सो रुक रुक कर टिप्पणी हो पा रही है।

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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