25.12.09

मधुकर एवं सव्यसाची अलंकरण :अखबारों में


4 टिप्‍पणियां:

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

हीरा लाल गुप्त एवं सव्यसाची श्रीमती प्रमिला बिल्लोरे स्मृति पत्रकारिता सम्मान संस्कारधानी जबलपुर का प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक गरिमामयी अलंकरण समारोह है, हेमेन विशवास है की आयोजक इसका गरिमामयी स्वरुप और निरंतरता बनाए रखेंगे.
इस वर्ष के अविस्मरणीय कार्यक्रम के लिए बधाई.
- विजय

Udan Tashtari ने कहा…

बधाईयाँ...

"Nira" ने कहा…

bahut bahut badhai ho

समयचक्र ने कहा…

हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में प्रभावी योगदान के लिए आभार
आपको और आपके परिजनों मित्रो को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये...

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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