10.8.09

बाल श्रम को रोकिये मित्र

5 टिप्‍पणियां:

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

सार्थक प्रयास, आज कई लोग अपने घरों में बालश्रमिको को पाले हुये और शोषण कर रहे है, जरूरत है ऐसे लोगो से इन्‍हे बचाये जाने की।

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत सही कहा.

रामराम.

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

सही कहा।

Udan Tashtari ने कहा…

आपका प्रयास सार्थक है. बाल श्रम तो रुकना ही होगा.

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

आदरणीय साथियो
यह सचाई मेरे फील्ड विज़िट के दौरान
की है . इस घटना की क्लिपिंग
देखकर सम्बंधित अधिकारी
भड़क उठीं अब क्या करुँ
इस ..... का मुकाबला
कैसे करुँ

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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