केवल इनकीही नहीं सभी की चकाचक धुलाई ... का वक्त आ गया है । ये अलग बात है कि इकरार ओर इनकार आजकल "चुटकी मेदिखाई देने का समय है । सियासत इसे ही कहतें है, शायद इसे भी
"सियासत तेरे ज़लवे देखें है
हमने मुफलिसों के तलवे देखें है
होंठों पे राग राहत का दिलों में
पलते बलवे देखें हैं "
उधर मानसिक हलचल से उभरा ब्रह्म सत्य काबिले तारीफ़ है
ज्ञान को सर्वत्र फैलाने का मन हो रहा है। भारत के नव युवक-युवतियों उठो, सरकारी नौकरी पर कब्जा करो और हिन्दुस्तान की धरती को पुत्र रत्नों से भर दो। भविष्य तुम्हारा और तुम्हारे पुत्रों का है। उनके माध्यम से सब संपदा तुम्हारी होगी! |
सपनों की कब्रगाह है-बॉलीवुड.. |
राय कुछ हद तक माननी चाहिए वैसे अब तो हर जगह कब्र गाह मिल जातीं हैं सपनों की
तक़नीकी के दौर में मन का लिंकितहोना लाजिमी है । बेहद रोचक शैली में शोध परक ब्लॉग के लिए नीलिमा और मसिजीवी बधाई के पात्र हैं..........
अंत में एक ज़रूरी बात
सावधान मित्रो |
1. आपके नाम से अपने ब्लॉग पर अथवा 2. अन्य किसी ब्लॉग पर आपके नाम से टिप्पणी की जाने की घटनाएँ सामने आ रहीं हैं जिसके सूत्रधार है · टिप्पणी लोलुप/वातावरण बिगाडू ब्लागर · मित्रो सावधान रहें मेरे साथ ऐसी घटना घटित हुई है जिसकी तकनीकी जांच परख आरंभ करा दी गयी है . |
5 टिप्पणियां:
हा ये काफ़ी खतरनाक बात है. अभी कुछ समय पहले ही हमको पता चला कि इस तरह किसी के नाम से भी टीपणी की जा सकती है और विशेष कुछ करना नही पडता.
रामराम.
ये देखिये मैने आपके नाम से टीपणी करने की कोशीश की है.
रामराम से आप मुझे पहचान जायेंगे.:)
मुकुल जी आज आपका बिलाग बडा खूबसूरत दीख रहा है. उप आपके नाम से मैने टिपणी की है. कृपया कन्फ़्युज ना हो. ऐसा किया जा सकता है.
इसीलिये मैने आपकी बात की सच्चाई दिखाने के लिये किया है.
विघ्न संतोषियों को कहां तक आप और हम लगाम लगायेंगे?
रामराम.
हाँ, उस दिन 1st एप्रिल को मेरे नाम से किसी ने चिटठाचर्चा मं टिप्पणी की थी।
मैंने जाँचा तो वह मेरे प्रोफ़ाईल तक नहीं जाती।पर है तो बात गम्भीर। हम कोई टिप्पणीकार का प्रोफ़ाईल लिंक चेक करके थोड़े उसकी टिप्पणी की पुष्टि करते हैं!
जानता नहीं गिरीश जी कि यहाँ व्यंग है या यथार्थ पर वास्तविकता है तो गंभीर होकर जागरूक करना होगा सभी को
आपको हार्दिक धन्यवाद वर्कशॉप और सावधान करने के लिए
आपका ही
डॉ.भूपेन्द्र
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