ये तुम्हारे लिए ताजमहल बनवाने गए "मुमताज़ "
आज जबलपुर के अखबारों में छ्पी एक ख़बर "एक मानसिक रूप से विक्षिप्त से....... छि..........." उस औरत को ये हराम जादे "मुमताज़" कहते थे । इन लोगों ने बेचारी
विक्षिप्ता के साथ दुराचार तो किया ही साथ ही साथ उसे शारीरिक चोट पहुंचा कर घायल अवस्था में सड़क पर फैंक दिया । यह घटना है जबलपुर के रद्दी-चौकी क्षेत्र की । २५ वर्षीय इस अबोध नारी पर किए हुए के जिम्मेदार कौन हैं इस बात की पता साजी हमारी जिम्मेदार पुलिस कर रही है। घटना दिल दहला देने वाली है किंतु उन किन्नरों के प्रति हमारी कृतज्ञता जिन्होंने मुमताज़ को सुबह-सुबह अस्पताल पहुंचाने का काम किया।
उन किन्नरों के मानस में बसे मानव-कल्याण के भावों ने साबित कर दिया की वे कितने महान हैं जिन्हौने पीड़ित मानवता की सेवा की। हम उन हरामजादों के लिए क्या कहें जिनकी तलाश पुलिश शायद ही कर पाए जाने किस का सम्बन्ध किस रसूखदार से हो ।
"विस्तृतपोस्ट नुक्कड़ पर दरिंदो के जख्म और किन्नरों का मरहम
जबलपुर के रद्दी चौकी क्षेत्र मेंएक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवती के साथ किया दुराचार किन्नरों ने घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया । |
ये नुक्कड़ पर लिए शायद अभी गए हैं ताजमहल बनाने" हमारी जिम्मेदार पुलिस इनकी तलाश में हैं..! |
अबोध/नि;शक्त/नारीयों पर जुल्म करना
सर्वशक्तिमान का अपमान करने के तुल्य है....आइये मानवता का पाठ सीखें किन्नरों से |
"विस्तृतपोस्ट नुक्कड़ पर दरिंदो के जख्म और किन्नरों का मरहम
टिप्पणियाँ
धन्यवाद
से चिंतन ज़रूरी है.
रश्मि दीवान , भोपाल
रामराम !
अज्ञातानंद उर्फ़ रश्मि दीवान जी
और ताऊ
यह कितना दु:खाद पहलू है कि
इन ने अभागी को भी
किंतु किन्नरों के प्रति हम आभारी हैं की उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया है की आज भी मानवता जिन्दा है .