1.12.08

तय करो की वोट बचाना है या की देश ?

"मेरे प्रिय "
वंदे-मातरम
यदि देश की अस्मिता और देश को बचाना है- तो चलिए इस
देश को चुनावी अखाडे में तब्दील होने से बचाएं , सब के सब
एक सुर में गायें "शुजलाम सुफलाम् मलयज शीतलाम "
हम को तय कराना ही होगा
"तय करो की वोट बचाना है या की देश "
इस पोस्ट की चर्चा की हरिभूमि ने अपने नियमित कालम "ब्लॉग की दुनिया से " में ०२/१२/२००८ को हरिभूमि का आभार ब्लॉग-चर्चा के लिए और पोस्ट को शामिल कराने के लिए

2 टिप्‍पणियां:

seema gupta ने कहा…

एक सुर में गायें "शुजलाम सुफलाम् मलयज शीतलाम "
हम को तय कराना ही होगा
"तय करो की वोट बचाना है या की देश "
सच कहा आपने बचाना तो देश को है , देश है तो सब कुछ है

महेंद्र मिश्र.... ने कहा…

bahut bahiya vote ki bajaay desh ko bachana jada jaruri hai . bahut sateek.

Wow.....New

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