1.10.08

बाबा हरभजन सिंह :एक कविता






तुम्हारा संकल्प
इन गद्दारों को भी कोई सबक दे
जो इस देश को देश में
तकसीम कर रहें हैं
बाबा सच तो ये है की
इस मुल्क की सरहद को
कोई छू नहीं सकता
फ़िर भी ये देश अन्दर से पुख्ता हो
देश में कई देश उगाने तैयार
भाषा-धर्म-जाती,के नाम
पर सियासत का व्यापार
रोकने एक बार आ जाओ .....!!

5 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बाबा हरभजन सिंह को नमन!!

सुन्दर कविता.

रंजू भाटिया ने कहा…

बढ़िया लिखा है आपने इस विषय पर ..बहुत पहले सिर्फ़ इनेक बारे में सुना था एक फौजी के द्वारा ही ..फ़िर एक दिन कहीं लिखा हुआ मिला वह मैंने अपने ब्लॉग पर भी पोस्ट किया था ..उसी का आपने जिक्र किया है ..फौजी आज भी यह सच मानते हैं

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

SAMEER JI
RANJU JI
SHUKRIYA

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बाबा हरभजन सिंह को नमन!!

सुन्दर कविता लिखी है।

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

baali ji
abharee hoon apakaa

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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