खन्नात की नरबदिया आर्मो


नरबदिया आर्मो
मां दुर्गा की तस्वीर
बनाते हुए 
4 दिसम्बर 2012 को ब्रिसडन आस्ट्रेलिया में जन्में निक वुजिसिस  का जीवन सबसे सम्पन्न जीवन कहा जाए तो ग़लत नहीं है. निक वुजिसिस  विश्व का वो बेहतरीन हीरा है जिसे तराशने का काम ईश्वर ने खुद निक में आक़र किया. इस तथ्य की पुष्टि आप life without limbs http://www.lifewithoutlimbs.org पर जाकर कर सकते हैं. करंजिया जनपद के ग्राम खन्नात की नरबदिया आर्मो का शरीर भी निक की तरह ही भगवान ने बनाया है. बाइस साल की नरबदिया को भी ईश्वर ने खुद ब खुद तिल खिसकने के क़ाबिल नहीं बनाया  जैसे के निक को न तो हाथ ही दिये हैं और न ही ऐसे पैर जो शरीरी-मशीन के लिये ज़रूरी हुआ करते हैं. 
  दौनों का जीवन प्रेरणाओं से अटा पड़ा है. सर्वांगयुक्त अच्छी कद-काठी, रंग-रूप, वाले किसी भी व्यक्ति को यदि उसका चाहा हुआ हासिल नहीं हो पाता फ़ौरन वो भगवान के सामने यही सवाल करता-"भगवान ये क्या किया तुमने ."
पर ये दौनों अभाव के बाबज़ूद आत्मिक रूप से आस्था वान हैं ईश्वर के प्रति कृतग्यता व्यक्त करतें हैं. निक क्रिश्चियनीटी के प्रचारक एवम  प्रेरक वक्ता हैं. जब बोलतें हैं तो देवदूत से नज़र आते हैं. भावुक तो बरस पड़ते हैं.  जबकि करंजिया जनपद के ग्राम खन्नात की नरबदिया आर्मो मुंह में पेन की रिफ़िल फ़ंसा कर चित्रकारी करती है. बेटी बचाओ अभियान के तहत जब डिंडोरी जिले में "डिंडोरी-की बेटी" सम्मान देने के लिये बेटियों को तलाशा जा रहा था  तब कलेक्टर श्री मदन कुमार जी को  नरबदिया आर्मो के बारे में जानकारी हासिल हुई. महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को सौंपी गई इस बिटिया को "डिंडोरी की बेटी" अलंकरण से अलंकृत करने की. 


     18.11.2012 को पशुपालन एवम अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री अजय बिश्नोई जी, प्रभारी मंत्री श्री देवसिंह सैयाम, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवम राज्य सभा सदस्य श्री सांसद श्री फ़ग्गन सिंह कुलस्ते, विधायक श्री ओमकार सिंह मरकाम, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ओम प्रकाश धुर्वे, एड. विवेक तनखा,आफ़िसर कमांड लखनऊ अनिल चैत एवम मध्य-भारत के आफ़िसर  कमांड के साथ   कलेक्टर श्री मदन कुमार, एस पी आर के अरूसिया, सी.ई. ओ. श्री सोनी की उपस्थिति में अलंकृत किया गया.
  महिला बाल विकास विभाग नरबदिया आर्मो की रुचि के अनुरूप चित्रकारी के लिये ज़रूरी सहयोग बेटी बचाओ अभियान के तहत उपलब्ध कराता रहेगा."अगर नरबदिया को उनके परिवेश में रखकर ही चित्रकारी के लिये संसाधन उपलब्ध होते रहेंगे तो तय है कि वे कीर्तीमान स्थापित करेंगी."

     
यशभारत जबलपुर

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