मित्रो संघर्षों एवम बेहद कठिनाईओं भरा रहा यह वर्ष बी एस पाबला जी के लिये. आज दिनां क 18 नवम्बर 2010 को उनकी सत्तर वर्षीया मातुश्री का दु:खद निधन ब्रेन-हेमरेज से हो गया. मातुश्री को अंतिम बिदाई रामनगर मुक्ति धाम भिलाई में 19 नवम्बर 2010 को प्रात: 11:00 बजे दी जावेगी.
ब्लाग जगत की ओर से मातुश्री के आकस्मिक निधन पर गहन शोक संवेदनाएं . वाहे गुरु से पूज्य पिता श्री पाबला जी एवम बी०एस पाबला परिवार को गहन दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना है
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वरिष्ट ब्लागर श्री महावीर शर्मा नही रहे
20 अप्रेल 1933 को जन्मे श्रीयुत महावीर शरण जी अब इस दुनिया में नहीं है उनके प्रति हमारी विनत भाव पूर्ण श्रद्धांजलि
उनका परिचय उनके ब्लाग पर उनके द्वारा मंथन पर "आत्म परिचय " के रूप में पोस्ट किया था
महावीर शर्मा
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वरिष्ट ब्लागर श्री महावीर शर्मा नही रहे
20 अप्रेल 1933 को जन्मे श्रीयुत महावीर शरण जी अब इस दुनिया में नहीं है उनके प्रति हमारी विनत भाव पूर्ण श्रद्धांजलि
उनका परिचय उनके ब्लाग पर उनके द्वारा मंथन पर "आत्म परिचय " के रूप में पोस्ट किया था
महावीर शर्मा
जन्मः १९३३ , दिल्ली, भारत
निवास-स्थानः लन्दन
शिक्षाः एम.ए. पंजाब विश्वविद्यालय, भारत
लन्दन विश्वविद्यालय तथा ब्राइटन विश्वविद्यालय में गणित, ऑडियो विज़ुअल एड्स तथा स्टटिस्टिक्स । उर्दू का भी अध्ययन।
लन्दन विश्वविद्यालय तथा ब्राइटन विश्वविद्यालय में गणित, ऑडियो विज़ुअल एड्स तथा स्टटिस्टिक्स । उर्दू का भी अध्ययन।
कार्य-क्षेत्रः १९६२ – १९६४ तक स्व: श्री उच्छ्रंगराय नवल शंकर ढेबर भाई जी के प्रधानत्व में भारतीय घुमन्तूजन (Nomadic Tribes) सेवक संघ के अन्तर्गत राजस्थान रीजनल ऑर्गनाइज़र के रूप में कार्य किया । १९६५ में इंग्लैण्ड के लिये प्रस्थान । १९८२ तक भारत, इंग्लैण्ड तथा नाइजीरिया में अध्यापन । अनेक एशियन संस्थाओं से संपर्क रहा । तीन वर्षों तक एशियन वेलफेयर एसोशियेशन के जनरल सेक्रेटरी के पद पर सेवा करता रहा । १९९२ में स्वैच्छिक पद से निवृत्ति के पश्चात लन्दन में ही मेरा स्थाई निवास स्थान है।
१९६० से १९६४ की अवधि में महावीर यात्रिक के नाम से कुछ हिन्दी और उर्दू की मासिक तथा साप्ताहिक पत्रिकाओं में कविताएं, कहानियां और लेख प्रकाशित होते रहे । १९६१ तक रंग-मंच से भी जुड़ा रहा ।
दिल्ली से प्रकाशित हिंदी पत्रिकाओं “कादम्बिनी”,”सरिता”, “गृहशोभा”, “पुरवाई”(यू. के.), “हिन्दी चेतना” (अमेरिका), “पुष्पक”, तथा “इन्द्र दर्शन”(इंदौर), “कलायन”, “गर्भनाल”, “काव्यालय”, “निरंतर”,”अभिव्यक्ति”, “अनुभूति”, “साहित्यकुञ्ज”, “महावीर”, “मंथन”, “अनुभूति कलश”,”अनुगूँज”, “नई सुबह”, “ई-बज़्म” आदि अनेक जालघरों में हिन्दी और उर्दू भाषा में कविताएं ,कहानियां और लेख प्रकाशित होते रहते हैं। इंग्लैण्ड में आने के पश्चात साहित्य से जुड़ी हुई कड़ी टूट गई थी, अब उस कड़ी को जोड़ने का प्रयास कर रहा हूं।
मेरे ब्लॉगः