“पहले अंदर की सफ़ाई करो फ़िर पाकिस्तान की ठुकाई करो ! !”

पहले अंदर की सफ़ाई करो
फ़िर पाकिस्तान की ठुकाई करो ! !

बहुत से मित्र लगातार मेसेन्जर पर आग्रह कर रहे थे , कि मैं पुलवामा की घटना पर कुछ लिखूं ! !
(कुछ दिनों से मैं fb पर नहीं था , इसी बीच पुलवामा की घटना घट गई ! )
चलिए , लिख रहा हूं !
आज अभी ही फ़ेस बुक अकाउंट खोला है !
सबसे पहले तॊ कामरान गाज़ी औऱ बिलाल जैसे दुर्दांत टेरेरिस्टस के ढ़ेर किए जाने की बधाई !! !
आज fb खोलते ही Time line पर 50-60 पोस्ट scroll कर- कर के देखीं !
जो मैं नहीं पढ़ना चाहता था , औऱ पढ़ने मिला , ...वो ये था -

- ये Security failure है !
- ये शहादत नही है, क्योंकि वे 40 martyrs, लड़ते हुए नही मरे !
- ये हमला , चुनाव से एन पहले सरकार की साज़िश तॊ नही ? ?
- कश्मीर पाकिस्तान को दे दो, झंझट ख़त्म करो !
- भारतीय फ़ौज कश्मीर में मानवाधिकाओं का हनन करती है !
- हुर्रियत नेताओं से बातचीत ज़रूरी है , वे कश्मीर की आवाज़ हैं !
- राष्ट्रवाद , फासीवादी सोच है !
- इसके अलावा मोदी को ढ़ेर सारी गालियां भी ! !

ऐसा लिखने वालों को कुछ भी कहने से पहले ये जान लें कि इनकी संख्या कोई छोटी- मोटी नही है ! आबादी का 10% हैं !
इंटेलेक्चुअलस में इनकी संख्या 30% है !
औऱ इन सो कॉल्ड बुद्धिजीवियों से भाई- बंदी रखने वालों की संख्या भी कुछ कम नही है !

पहले सोशल मीडिया में छिपे गद्दारों की ही बात कर लें !
आपको अपनी ही फ्रेंड-लिस्ट में ऐसे सैकड़ों लोग मिल जाएंगे जो इन राष्ट्रविरोधी औऱ So called मानवाधिकार वादी सोच रखने वाले बुद्धिजीवीओं की पोस्टों पर likes भी देते हैं !

पहले तॊ मैं आप ही से कहता हूं कि अपना दोगलापन बंद करें !
बिन पेंदी के लोटे न बनें !

अपनी प्रामाणिकता बना कर रखें !

जब तक 'एक विश्व' की अवधारणा पूरे विश्व में नही आती है, तब तक राष्ट्रवाद आवश्यकता है ! जी हां , प्रखर राष्ट्रवाद ! !

अंडमान निकोबार में अभी भी ऐसे कबीले मौज़ूद हैं , जो बाहरी लोगों को देखते ही एकजुट हो जाते हैं ! वे अपनी बनाई संस्कृति औऱ जीवन पद्धति खोना नही चाहते ! !
अमरीका के ख़िलाफ़ वियतनाम युद्ध इसकी मिसाल है !
( राष्ट्रवाद औऱ मानवाधिकार , इस विषय पर कभी अलग से पोस्ट लगाऊंगा ! )

भारत में राष्ट्रवादी चिंतन कभी भी पूर्णतः विकसित नही हो पाया ! इसके इतिहासगत कारण हैं !
अलग - अलग क्षेत्रों के राजाओं के अपने - अपने स्वार्थ थे ! !

यहां जयचंद , मीर ज़ाफर औऱ सिंधिया जैसे गद्दारों की परम्परा बहुत पुरानी है !
326 ई .पू . महान पोरस के ख़िलाफ़ आम्भीक की गद्दारी से लेकर अब तक ये देश गद्दारों से जूझ रहा है !

वर्तमान में इस गद्दारवादी सोच ने राष्ट्रवाद विरोधी , मानवाधिकार समर्थित , वामपंथी जामा ओढ़ लिया है ! !

इन Shortsightedness वाले, पत्थर बाजों के समर्थक कमअक्लों को यह तक नही पता कि दूसरे देशों में मानवाधिकार के क्या क़ानून हैं !

कम्युनिस्ट चीन में 10 लाख वीगर मुसलमान (Uighur Muslims ) जेल में डाल दिए गए हैं !
उनकी मस्जि़द बंद , दाढ़ी नही रख सकते , बुर्का नही पहन सकते !
शिन जियांग में उनकी नसबंदी तक कराई जा रही है !
ज़रा इस पर भी तॊ बोलें भारत के कम्युनिस्ट ? ?
वहां जाकर बोलिए -
" चीन तेरे टुकड़े होंगे , इंशाअल्लाह इंशा अल्ला !"
टैंकों से रौंद डालेगी , वहां की कम्युनिस्ट सरकार !

सऊदी अरब , मलेशिया , कुवैत आदि के क़ानून आपको वैसा जीने की इजाज़त नही देते , जैसा आप भारत में जीते हैं ! !

अगर 'बम' में दम है , तॊ वहां जाकर मानवाधिकार की बातें कीजिए ! !

कोड़े मारकर आपकी 'बम ' सुजा देंगे वे लोग ! !

जब तक विश्ववाद साकार नही हॊता है , तब तक
राष्ट्रवाद एक अनिवार्य आवश्यकता है, ये बात अच्छी तरह से समझ लें ! !
मेरे देखे तॊ भारत की समस्या ही यह है कि यहां प्रखर राष्ट्रवाद कभी आकार ही नही ले पाया !

हर युद्ध में आधा संघर्ष अपने ही लोगों से हुआ है !
आधी लड़ाई भीतरघातियों , आस्तीन के साँपो से लड़ना पड़ी है ! !
सिकंदर से लेकर हूणों तक , औऱ तुर्क, अफगानों, मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ! !
हर लड़ाई में 10 फ़ीसदी गद्दार अपने ही बीच मौज़ूद थे ! !
आज गद्दारी का स्वरूप बदल गया है !
अब गद्दारों का हथियार सोशल मीडिया , न्यूज़ चैनल , कांफ्रेंस , सेमिनार हैं ! !

पहले गद्दारों का काम , सैन्य सहायता देना , ख़ुफ़िया जानकारी leak करना हॊता था !
अब इनका काम , राष्ट्रवाद की जड़ों पर मठ्ठा डालना है ! !
इनसे जूझने के लिए पोरस , राणा प्रताप , शिवा जी औऱ लक्ष्मीबाई जैसे उन्नत भाल योद्धाओं की पुनः दरकार है ! !

औऱ जो लोग राष्ट्रवाद को फ़ासीवाद कहते हैं , वे जान लें कि अगर सचमुच ही फासीवाद आ गया न , तॊ यहां गद्दारों की वही दुर्गत होगी जो हिटलर नें यहूदियों की की थी !
लाल झंडे के नीचे स्टालिन नें जो कत्लेआम किया था वो किससे छिपा है !
अब वह विचारधारा (Left ) विश्व में अस्वीकार हो चुकी है !

जिसका झंडा ही नही बचा , उसका डंडा कब तक पकड़े रहेंगे आप ? ?
जो लोग अपने आरामदायक कमरों में बैठकर कॉफ़ी पीते हुए , यह कह रहे हैं कि -
'राष्ट्रवाद एक ज़हरीली मनोवृति है , ' वे जान लें कि ..जब आतंकवाद (पाकिस्तान ) औऱ विस्तारवाद (चीन ) रूपी दुश्मन आपका टेंटुआ दबाने सिर पर खड़ा होगा ना ,
उस वक़्त राष्ट्रवाद ही आपकी रक्षा करने वाला है !
जांबाज फ़ौजी ही काम आएंगे तब ! !

ये बड़ी बिंदी औऱ उजड़े बालों वाली पलटन नही !

घरों में अवार्ड सजाने वाली गैंग नही , बल्कि कंधे पे मेडल सजाए फ़ौजी ही काम आएंगे तब ! !

उस वक़्त आपकी क़लम औऱ ब्रश काम नही आएंगे !

उस वक़्त तॊ ,
बंदूक उठाकर दुश्मन के माथे पे टिकली बना देना ही बड़ी से बड़ी चित्रकारी है ! ! !
उस वक़्त तॊ ,
गोली की आवाज़ ही महानतम कविता है ! !

अब एक- एक करके उन बातों का ज़वाब जो पोस्ट के शुरू में मेन्शन की थीं ! !

- ये सिक्योरिटी फेल्यर है !
उत्तर - सेना जनरल का बयान पढ़ें , जिसमें उन्होनें कहा कि मेहबूबा सरकार नें हर जगह चेकिंग के नियम को रद्द करवा दिया था ! मानवाधिकार उल्लंघन के नाम पर ! !
दुसरी बात , आत्मघाती दस्तों से सुरक्षा की समस्या , पूरे विश्व की समस्या है !
अमरीका के Twin Tower उड़ा दिए गए थे !
श्रीलंका में दशकों तक इनका आतंक चला है !
इंग्लैंड , फ्रांस जैसे देश भी फिदायीन दस्ते का ईलाज नही खोज पाए हैं , अब तक ! !
तॊ कृपया इसे Security failure कहना बंद करें !
हां , जो Loopholes हैं , वे अवश्य दूर किए जाने चाहिऐ ! !

- ये शहादत नही है !
उत्तर - शहादत सिर्फ़ लड़ते हुए मरना नही हॊता !
छिपी हुई माईन्स पे पैर पड़ जाना , बम डिफ्यूज़ करते समय बम का फट जाना , रिमोट बलास्ट , पीछे से गोली , डायरेक्ट फाईट , one to one fight ..ऐसे अनेक रूपों में शहादत देते हैं हमारे फ़ौजी ! !
तॊ कृपया ऐसी जहालत भरी , गलीज बातें ना करें , कि ये शहादत नही थी ! !

- कश्मीर पाकिस्तान को दे दें ! !
उत्तर - कश्मीर का सामरिक , रणनीतिक महत्त्व जिन्हेँ नही मालूम , वे ही ऐसी बातें कह सकते हैं !
सामरिक महत्त्व के सारे ठिकाने भारत के नियंत्रण में होने चाहिएं ! !

इसी तरह अनेकों प्रश्नों के ज़वाब देने को मैं तैयार बैठा हूं ! !
आख़िरी बात ,
हमने सफ़ाई शुरू कर दी है !
बहुत सारे मानवतावादी , राष्ट्रविरोधी लोग Unfriend कर दिए गए हैं ! !
ऐसा कोई भी नज़र आया , जिसने स्वंय या किसी अन्य की राष्ट्रविरोधी पोस्ट share की , या like की , तॊ वह तत्काल प्रभाव से Unfriend कर दिया जाएगा ! !

क्योंकि अंदर की सफ़ाई तॊ हमें ही करनी है !
बाक़ी , पाकिस्तान की ठुकाई तॊ सेना कर ही लेगी !
Salute to Indian Army ! !
जय हिंद ! !

##सलिल ##

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