19.7.10

नया एग्रीगेटर: हमारी वाणी

हिन्दी चिट्ठाकारिता के इतिहास में स्मूथ संकलकों की बेहद ज़रूरत है, मैथिली जी के द्वारा अचानक एग्रीगेटर ब्लागवाणी को बन्द कर दिया, उधर चिट्ठाजगत की सहजता से न खुल पाने की मज़बूरी, से ब्लाग जगत की आंतरिक खल बली में तो कुछ बदलाव आया किंतु वास्तव में एक दूसरे से सम्पर्क के सेतु से वंचित हुए ब्लागर ...! इस आपसी सम्पर्क बाधा को समाप्त करने एक नया संकलक ”हमारीवाणी
का आगमन स्वागत योग्य तो है किंतु भय है कि कहीं इसे अधबीच में रुकावटों का सामना न करना पड़े अस्तु यदि इस हेतु कोई शुल्क भी लिया जाए तो मेरी नज़र में कोई ग़लत बात नहीं.   ताकि संकलक के संचालकों को कोई आर्थिक दबाव न झेलना पड़े .... जो भी हो हम तो खुद पंजीकृत इस
वज़ह से भी हो गये कि चलेगा यह संकलक हमारी शुभ कामनाएं संकलक के संचालकों को 
आज तक इसमें शामिल ब्लाग्स

4 टिप्‍पणियां:

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

हमारीवाणी आपका फ़ार्मेट कमेंट मिला खुशी हुई

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

शामिल हो गये हैं हम भी!

शिवम् मिश्रा ने कहा…

एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं

Gokul ने कहा…

You have shared great information, thank you for this wonderful work. I really liked this article of yours.
rochaktricks.com

Wow.....New

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