संदेश

65 हज़ार से अधिक पाठक जुड़े वृक्षों के साथ राखी त्यौहार की रिपोर्ट से

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मित्रो मेरे ब्लॉग मिसफिट पर प्रकाशित "प्रभावी रहा पेडों को राखी बांधने में छिपा संदेश" शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट जो बालभवन में आयोजित पेड़ों को  राखी बांधने के कार्यक्रम पर केन्द्रित थी को 65 हज़ार से अधिक पाठकों ने क्लिक किया. जिसका यू आर एल निम्नानुसार है   http://sanskaardhani.blogspot.in/2017/08/blog-post_5.html                          इसके अलावा "भारत के राष्ट्रवाद को हिन्दू राष्ट्रवाद कहना चीन की सबसे बड़ी अन्यायपूर्ण अभिव्यक्ति" ( http://sanskaardhani.blogspot.in/2017/07/blog-post_26.html ) को 7791  पाठक मिले .         हिन्दी ब्लागिंग की शुरुआत मैनें 2007 से की थी .  चिट्ठाकारी एक स्वांत: सुखाय रचना कर्म  है फिर भी हमें सबसे रिलिवेंट एवं सामयिक विषयों  पर लिखना होता है . मुझे इतनी सफलता घर बैठकर उत्तराखंड के खटीमा में हो रही ब्लागर्स मीट की लाइव  वेबकास्टिंग के लिए मिली थी .          परन्तु हिन्दी में  टेक्स्ट ब्लागिंग को 5 अगस्त 17 को लिखने के 4 दिन बाद इतने पाठक मिलना मेरे लिए रोमांचक खबर है.           लेखकों को समझना होगा कि इंटरनेट पर  टैक्स्ट कन

सिद्ध हनुमान मंदिर में तीन युवतियों एवम एक युवक का हंगामा

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जबलपुर के रानीताल स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में तीन युवतियों  एवम एक युवक ने जमकर हंगामा किया लड़कियां खुद को देवी कह रहीं थीं ।  चारों ने मिलकर न केवल जमकर हंगामा किया बल्कि मंदिर के सामान को भी उठाके फैंकते  देखा जा सकता है . उनके इस कार्य से क्रुद्ध  होकर  स्थानीय लोगो ने मंदिर के भीतर हंगामा  कर रहे युवक युवतियों की जमकर की धुनाई कर पुलिस के हवाले कर दिया ।                       सूत्रों   बतातें हैं कि उक्त लड़कियां अपने भाई का  जो मनोरोगी इलाज़ कर रहीं थीं . स्थानीय लोगों ने उनको ऐसा करने से रोका तो उनने हंगामा किया.  देखने में लड़कियां पढ़ी लिखीं नज़र आ रहीं हैं . किन्तु मनोरोगी का इस तरह इलाज़ करना आज के समय में कोई भी स्वीकार्य नहीं करेगा. रिपोर्ट : श्री हरीश दुबे

कृष्ण की अंगुली को बचाया था द्रोपदी ने : फ़िरदौस ख़ान

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रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है. यह त्यौहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षाबंधन बांधकर उनकी लंबी उम्र और कामयाबी की कामना करती हैं. भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं. रक्षाबंधन के बारे में अनेक कथाएं प्रचलित हैं. भविष्य पुराण में कहा गया है कि एक बार जब देवताओं और दानवों के बीच युद्ध हो रहा था तो दानवों ने देवताओं को पछाड़ना शुरू कर दिया. देवताओं को कमज़ोर पड़ता देख स्वर्ग के राजा इंद्र देवताओं के गुरु बृहस्पति के पास गए और उनसे मदद मांगी. तभी वहां बैठी इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने मंत्रों का जाप कर एक धागा अपने पति के हाथ पर बांध दिया. इस युद्ध में देवताओं को जीत हासिल हुई. उस दिन श्रावण पूर्णिमा थी. तभी से श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षा सूत्र बांधने की प्रथा शुरू हो गई. अनेक धार्मिक ग्रंथों में रक्षा बंधन का ज़िक्र मिलता है. जब सुदर्शन चक्र से श्रीकृष्ण की अंगुली ज़ख़्मी हो गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दी थी. बाद में श्रीकृष्ण ने कौरवों की सभा में चीरहरण के वक़्त द्रौपदी क

प्रभावी रहा पेडों को राखी बांधने में छिपा संदेश

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नवाचार के ज़रिये छोटे छोटे प्रयोग करना बेहद असरदार होता है. जबलपुर बालभवन में ऐसा ही एक  छोटा प्रयोग किया जो  बड़ा असरदार साबित हुआ . यह प्रयोग न केवल शिक्षाप्रद रहा वरन इससे जनजन जो सन्देश विस्तारित हुआ वह  भी समुदाय के लिए चिंतन का विषय बन गया बालभवन जबलपुर  के संचालक रूप में लगभग एक माह पूर्व विचार किया कि क्यों न हम बालभवन में राखी पर्व में एक नवाचार करें जिससे समाज को नया सन्देश मिले तभी उन पौधों का स्मरण हुआ जो हमने 5 जुलाई 2017 को लगाए थे बस फिर क्या था हमने बच्चों और उनके शिक्षकों से परामर्श कर तय किया कि इस बार हम पेड़ पौधों को राखी बांधेंगे.  जी हाँ वे पौधे जिनको बच्चों ने नाम भी दिए हैं .. झमरू, हिन्दुस्तान , आदि आदि . पेड़ पौधों के लिए राखी बनाने का काम कराया रेशम ठाकुर ने जो इन दिनों बालभवन में बच्चों की कला शिक्षक हैं.             नन्हें पौधों एवं वृक्षों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार बेहद उत्साह के साथ मनाया गया . महिला बाल विकास विभाग के महिला सशक्तिकरण संचालनालय द्वारा संचालित संभागीय बालभवन के बच्चों ने वृक्षों एवं पेड़-पौधों के साथ जीवन के अंतर्संबंधों को रेखांकि

पाक उच्चायुक्त बासित का कटाक्ष शर्मनाक........

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लेखक : ज़हीर अंसारी हिंदुस्तान में पाकिस्तान के उच्चायुक्त हैं अब्दुल बासित। लम्बी चौड़ी बातें करते हैं। आतंकी सलाउद्दीन उनकी नज़र में दहशतगर्द नहीं है बल्कि फ़्रीडम फ़ाइटर है। बासित की ज़ुबान यहीं नहीं रुकी, इसके बाद भी चलती रही। उन्होंने हिंदुस्तानी कैमरे के सामने यह कह दिया कि पाकिस्तान का लोकतंत्र मज़बूत हो रहा है। वहाँ की न्यायपालिका और मीडिया निष्पक्ष है। यह सब देश के सबसे तेज़ चैनल पर क़ैद होता रहा और टीवी के लिए इंटरव्यू करने वाली भद्र महिला के साथ दर्शक भी देखते-सुनते रहे। बासित ने यह जवाब उस सवाल पर दिया कि क्या पाकिस्तान में प्रधानमंत्री को लेकर नया संकट खड़ा हो गया। बासित की बातों को समझना बड़ा आसान है। नवाज़ शरीफ़ से जुड़े सवाल पर उन्होंने हिंदुस्तान के लोकतंत्र पर तो कटाक्ष किया ही साथ ही न्यायपालिका और मीडिया की निष्पक्षता को कठघरे में खड़ा कर दिया। एक तरह से बासित ने यह जता दिया कि पाकिस्तान की न्यायपालिका, मीडिया और लोकतंत्र हिंदुस्तान से कहीं ज़्यादा बेहतर है। बासित के इस इंटरव्यू पर हिंदुस्तानी राजनेताओं का क्या रूख होता है यह तो वो ही जाने पर बासित का ठक्का

भारत के राष्ट्रवाद को हिन्दू राष्ट्रवाद कहना चीन की सबसे बड़ी अन्यायपूर्ण अभिव्यक्ति

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पाकिस्तान के कितने टुकड़े   होंगे.. . ? और    " सनातन सामाजिक व्यवस्था" क्या है ... ?   आलेखों से आगे ..... भारतीय राज्य व्यवस्था के स्वरुप की एक और झलक   इस आलेख में देखिये    भारत की धर्म निरपेक्षता एवं सहिष्णुता आज की नहीं है बल्कि अति-प्राचीन है . भारतीय  सनातनी व्यवस्था के चलते किसी की वैयक्तिक आस्था पर चोट नहीं करता यह सार्वभौमिक पुष्टिकृत तथ्य है इसे सभी जानते हैं . जबकि विश्व के कई राष्ट्र सत्ता के साथ आस्था के विषय पर भी कुठाराघात करने में नहीं चूकते. कुछ दिनों से विश्व को भारत के नेतृत्व में कुछ नवीनता नज़र आ रही है ... श्रीमती सुषमा स्वराज ने अपनी एक अभिव्यक्ति में कहा कि- संस्कृत में   " वसुधैव कुटम्बकम"   की अवधारणा है. उनका  यह उद्धरण इस बात की पुष्टि है कि भारत की  सनातनी व्यवस्था में वृहद परिवार की परिकल्पना बहुत पहले की जा चुकी.  भारतीय सम्राट न तो  धार्मिक आस्थाओं पर कुठाराघात करने के   उद्देश्य  के साथ राज्य के विस्तारक हुए न ही उनने सेवा    के बहाने धार्मिक विचारों  को  छल पूर्वक विस्तारित किया  .   जबकि न केवल इस्लाम बल्कि अन्य

Shikha Patel

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Shikha Patel is a craft student of balbhavan Jabalpur, One day she showed me her craftwork wich was  made by  unusefull material        i   called to Art-Teacher and give   congratulations to her .    After long conversation about shikha and her art-work .   i instruct to shikha's Art-teacher  Renu Pandey  for more  improvement and efficiency in shikha's  work as well special attention for shikha . Shikha now selected for state label BalShri Camp .         Shikha's mother is house wife but part time sale's-girl her father working as motor Mechanic .The family of Shika is in the low-middle-income group. Those who live in two room houses with less comfort than four children. Please watch & like MyChannel