30.12.14

परसाई जी बनाम आमिर खान और फुरसतिया वर्सेज़ मिसफिट

                    पी के ने तीन सौ  करोड़ से ज़्यादा रकम भीतर कर ली हंगामा तब मचा कि आमिर भाई एक तरफा बात करती है इस फिलम के भीतर ...... आमिर बाबू बोले भाई अपुन तो आर्टिस्ट है जे बात आप निर्माता निर्देशक से कहियों  !
           कोई कुछ भी कहे   एक बात तो स्वीकारनी  होगी कि इंसानी आस्थाओं के खिलाफ लोगबाग सदियों से आधी रोटी में दाल लेकर उचकते नज़र आते हैं ... हमाए बाबा परसाई जी कम न थे गणेशोत्सव हो या अन्य कोई उत्सव हिन्दू धर्म के खिलाफ वो लिखना न चूकते ऐसा जबलपुर वालों का मत रहा  है । परंतु परसाई जी कट्टर भगत लोग इस बात को अस्वीकारते हैं  सारे  भगत मानतें हैं कि - "परसाई जी सभी धर्मों की कट्टरताओं के खिलाफ थे । "
            तो भगत  भाई लोग  ये  बताओ कि - किसी भी प्रकार का धार्मिक  विद्वेष के लिए  ऐसे विषय औवेसी ब्रांड वक्तव्य अथवा किसी भड़काऊ विषय को सामने  लाना ज़रूरी है क्या ?
       "नहीं न................ तो समझ लो लोग निब्बू वाले प्रकाश में ( लाइम  लाइट में ) बने रहने अथवा नोट कमाने के लिए अथवा टी आर पी के चक्कर में ऐसा काम करने से चूकते नहीं ।
अब अपने अनूप जी को ही लीजिये वे पुलिया प्रकरणों प्रकाशनोपरांत  इन दिनों परसाई जी की उक्तियों की सीरीज़  फेसबुक पर सांट रहे  हैं उनकी मित्र मंडली में हम ही एक नालायक निकले जिसने ऐन उनकी फेसबुक वाल पे अंगुली कर दी .......... अब जुकर भाई ये फाइसेलिटी प्रोवायाडे हैं तो हम फायदा उठा लिए ।  
       परसाई ने केवल हिन्दुओं को निशाना बनाया था अनूप शुक्ल जी कोई और की नज़ीरें है क्या आपके पास ?
वैसे वे #रजनीश के खिलाफ एक प्रायोजित मुहिम के सूत्रधार थे ऐसा हमने सुना है ।
         भाई साहब को हमारा सवाल गलत अवश्य लगा पर चोखा सवाल है मित्रो दोषारोपण कर हम किस किस को और क्यों आहत करना चाहते हैं ? रही परसाई जी की बात तो जान लीजिये कि बावजूद उनसे गटागट की गोलियां खाने के हम उनके हर मुद्दे को हूबहू स्वीकार लें  तो यह भी एक  तरह की सांप्रदायिकता होगी ।  मुझे परसाई जी पसंद हैं पर उनका हर अक्षर स्वीकार लूँ मुझे स्वीकारी नहीं है ।
            परसाई ने  इस तरह की बात कह दी पता नहीं क्यों  धर्मों को दोष  दिया परसाई ने शायद उनने  धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने के बाद एक भी अच्छी बात परसाई को न मिली उन में तो मुझे उनकी शैली में  ही कहना पड़ रहा है कि - परसाई भगत ने उनको गलत चश्मा पकड़ा दिया होगा ।
          कोई बात नहीं ..... होता रहता है बड़े बड़े शहरो में ऐसी छोटी छोटी बात होती ही हैं । हिन्दुत्व क्रिश्चियनिटी इस्लाम सबकी अच्छी एवं मानवता पोषक बातों को हाइलाइट कीजिए अनूप शुक्ल जी सहित उन सभी से मेरा निवेदन है जो  कि सनातन की ज़्यादा भद्द पीटने आमादा हैं कि भाई धर्म के नाम पर किसी को प्रोवोग न किया जावे .... दु:खी तो कतई न करें वरना इसके दुष्परिणाम ही सामने आएंगे ।
                   समय सदभाव को गति देने का है न कि फिजूल में मुद्दे उछालने का ।  आजकल  अधिकतर लेखक / फ़िल्मकार / सोशल-साइट वीर, ब्लागर, नेता धर्मगुरू  बिक जाने योग्य यानि सेलेबल मुद्दे उछलते है ।  मुद्दे उछालते हैं ।  
                    पी के फिल्म पी के की खिलाफत न होती अगर फिल्मकार समझदारी से मुद्दा उठाते , आप आज नहीं कल स्वीकारेंगे कि पी के एकतरफा फिल्म है ।     
मुद्दे पर आता हूँ मैंने फुरसतिया जी की वाल पर लिखा -
परसाई ने केवल हिन्दुओं को निशाना बनाया था अनूप शुक्ल जी कोई और की नज़ीरें है क्या आपके पास ?
वैसे वे #रजनीश के खिलाफ एक प्रायोजित मुहिम के सूत्रधार थे ऐसा हमने सुना है ।
          ये लिखने की वजह थी किसी  धर्म पर निशाना लगाने से क्या हो सकता है .... और देखना यह भी था कि वास्तव में केवल एक  समूह विशेष के बारे में लिखने वाले कितने साहसी हैं .......... मित्रो आगे के कुछ संवाद से आप समझ ही  जाएंगे


अनूप शुक्ल आप तो बचपन से परसाई जी से मिलते रहे हो। इत्ता ही जानते हो परसाई जी को। अफ़सोस हुआ आपकी टिप्पणी से। पढ़ो उनका लिखा हुआ।
  Mukul जी पढ़ा है पढ़ूँगा भी ...... उनके हाथ से गटागट की गोलियां भी खाईं हैं । मैं खुले तौर पर इस बात को सामने लाना चाहता हूँ कि परसाई कालीन परिस्थियों पर भी विमर्श हो ।
 Mukul आप अफसोस ज़ाहिर न करें मैं वो पहला व्यक्ति हूँ जिसने परसाई जी के भोला राम के जीव को पढ़कर संकल्प लिया था कि अफसर बना तो किसी भी मातहत को इस तरह दु:खी न होने दूंगा । ऐसा किया भी .... 1991 में मुझे अवसर मिला भी । इसका ये अर्थ नहीं कि " मैं टार्च बेचने वाले को स्वीकार लूँ "
अनूप शुक्ल परसाईजी ने हर धर्म की कट्टरता के खिलाफ लिखा है। लेकिन पिटे अपने धर्म के कट्टरपंथियों से हैं। अफ़सोस इसलिए कि आपने लिखा क़ि उन्होंने सिर्फ हिंदुओं को निशाना बनाया है । परसाई जी से परिचित व्यक्ति से यह तो अपेक्षा रखी जा सकती है कि वह उनके बारे में इतनी तो समझ रखे ।

 Mukul वही तो पूछ रहा हूँ कि परसाई जी ने अन्य के बारे जो लिखा उसे आप आज पोस्ट कर पाएंगे ............ मैं उन नज़ीरों को सामने लाने की बात ही तो कर रहा हूँ ......... जीनामे यूनाने अन्य सभी कुरीतियों को उजागर किया है अनूप शुक्ल जी
Mukul मैंने आपको अपनी राय नहीं दी वरन एक सवाल पूछा हा... ? चिन्ह के पहले ये ही लिखा है न .................. " परसाई ने केवल हिन्दुओं को निशाना बनाया था अनूप शुक्ल जी कोई और की नज़ीरें है क्या आपके पास ?
वैसे वे #रजनीश के खिलाफ एक प्रायोजित मुहिम के सूत्रधार थे ऐसा हमने सुना है । "
                  इसके बाद फुरसतिया जी ने कुछ भी नहीं कहा ......................   
आमिर भी मौन हैं ....................... सेंसर बोर्ड तो पहले ही नेत्र विकार से ग्रस्त है ......... कुल मिला के सबकी दुकान अपने अपने तरीके से चलती है चलती रहेगी ।

28.12.14

जो कभी भी न मिला, न मैं उसको जानता- वो भी पत्थर आया लेके जाने उसको क्या गिला है.


आप बोलोगें मुकुल जी, आपका तो जलजला है by girishbillore

फ़न उठा कर मुझको ही डसने चला है,
सपोला वो ही मेरी, आस्तीनों में पला है.!
वक़्त मिलता तो समझते आपसे तहज़ीब हम -
हरेक पल में व्यस्तता है तनावों का सिलसिला है.
जो कभी भी न मिला, न मैं उसको जानता-
वो भी पत्थर आया लेके जाने उसको क्या गिला है.
जीभ देखो इतनी लम्बी, कतरनी सी खचाखच्च -
आप अपनी सोचिये, बयानों में क्या रखा है .?
ये अभी तो ”मुकुल” ही है- पूरा खिलने दीजिये-
आप बोलोगें "मुकुल जी, आपका तो जलजला है..!!" 

22.12.14

हरदे वाला बाबूलाल

हरदे* वाला बाबूलाल 
एक टांग पर खड़ा 
एक हाथ उंचा आकाश को निहारता 
अक्सर देखा जाता था 
घंटाघर में 
जोर जोर से कुछ बोलता था 
जाने क्या कौन जाने 
काला  कम्बल 
कब सोता था उसे ओढ़कर 
कौन जाने ?
किसानों की छकड़ी से 
बाबूलाल को तकते बच्चे 
पूछते - "यो काई बोलच दाजी "
.... कुण जाणा  कई बोले है ....
पोरया, अ वो धसाढ़नई 
मुड़ो  भित्तर कर .......
बच्चे छिप जाते गाड़ी के भीतर 
हरदे वाला बाबूलाल 
एक टांग पर खड़ा 
एक हाथ उंचा आकाश को निहारता 
लोग कहते थे 
गरिया रहा है 
अंग्रेजों को.…………………। 
मेरे  घर के ऐन 
सामने वाला बूढ़ा भी  है 
रोज़िन्ना ......................
लोगों को गरियाता है मातृ-भगनी अलंकरण करता 
 पर वो बाबूलाल नहीं है हरदे वाला   


यह कविता श्रीमती जी से आज सुबह हुई चर्चा पर आधारित है   
*हरदे= हरदा   

20.12.14

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी ने पेशावर ट्रेजेडी पेंटिंग पर किए हस्ताक्षर

17.12.2014 रात्रि  08 : 00  बजे
बालभवन जबलपुर   
18 . 12. 2014  अपरान्ह   12 :00 बजे
मानसभवन जबलपुर 
 मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी ने  पेंटिंग
पर अपने हस्ताक्षर करते हुए  
संभागीय बालभवन जबलपुर के बच्चे  पाकिस्तान के पेशावर में 16 दिसंबर 2014 को स्कूली बच्चों पर हुए आतंकी हमले से बेहद दु:खी थे । सामूहिक प्रार्थना के उपरांत बच्चों ने विश्व में आतंक के खात्मे पर खुला के बातचीत की । सभी बच्चों  के मन में आक्रोश था ।  सभी दु:खी थे कुछ बच्चे भावुक भी थे आंखों में नमी लिए हमसे पूछा – “आतंक का अंत क्या है ?” 
      बच्चों को हमने बताया कि जितना अधिक से अधिक सकारात्मकता एवं तेजी से  को बढ़ावा दिया जाएगा उतना तीव्रता से आतंक का अंत होगा । हम एक महान देश के नागरिक हैं हमें विश्व को शांति का संदेश देते रहना होगा । अगर हम कलाकार हैं तो कला के जरिये, कवि हैं तो हमारी कविताएं सकारात्मक होनी चाहिए । सबसे पहले हम मन से कुंठा निकालें और विश्व को शांति का संदेश देने की कोशिश करें चित्रों से गीतों से कविताओं से साहित्य से ......... !!
            बस फिर क्या था किसी  ने कलम उठाई तो किसी ने ब्रश ......... रात आठ बजे जब मैं माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रवास दिनांक 18 दिसंबर 2014  के लिए मिली ज़िम्मेदारी पूरी कर  वापस बालभवन पहुंचा तो कला-कक्ष में बच्चों और उनकी निर्देशिका को पेशावर-त्रासदी पर बनाई पेंटिंग को अंतिम रूप देते पाया । सारे अनुदेशक एवं समस्त स्टाफ उनके साथ था । यह पूछे जाने पर कि – आप लोग क्यों इतना कर रहे हो ..... बच्चे ज़रा झिझके पर फिर दृढ़ता से बोले- सर, जब कल हमें बाक़ी सारी पेंटिंग लगानी ही है तो हमने सोचा कि पेशावर ट्रेजेडी पर क्यों न संदेश दिया जाए । मैडम से हमने ज़िद कर इसे पूरा करवाने को कहा । बच्चों  के अभिभावक भी बालभवन में मौजूद थे । उन अभिभावकों का मानना था कि- नेक काम है आप नाराज़ न हों हमने काम करने की अनुमति दी है ।
            पेंटिंग अगले दिन यानी 18 दिसंबर 2014 को  माननीय मुख्यमंत्री जी के जबलपुर प्रवास के समय मानसभवन प्रेक्षागार के कारीडोर में प्रदर्शित हुई । माननीय मुख्यमंत्री जी पेंटिंग देखकर द्रवित हुए उन्हौने अनुदेशिका श्रीमती रेणु पांडे से पेंटिंग एवं बालभवन जबलपुर की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की , 
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी ने  पेंटिंग पर अपने हस्ताक्षर भी किए । 
इस अवसर पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री शरद जैन सांसद राकेश सिंह,  जबलपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्माश्री विनोद गोंटिया, श्रीमती रीना  गुजराल  सहित अधिकारी गण उपस्थित थे । 


18.12.14

इन्द्रधनुष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को भेंट की गई बाल भवन, जबलपुर के बच्चों की पेंटिंग शक्तिरूपा

           

             निराश्रित बालिकाओं के उत्थान के लिए पहल की है  दिशा में जबलपुर प्रदेश का नेतृत्व कर रहा है : शिवराज सिंह
         
   मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिले में निराश्रित बालिकाओं के उत्थान के लिए की जा रही पहल सराहनीय है। इस पहल से बेटियों के हित में किए जा रहे शासन के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ेगी ।
            श्री चौहान मानस भवन में आयोजित इन्द्रधनुष आओ रंग बिखेरें कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि वे प्रतिपालक बधाईके पात्र हैं जो निराश्रित अथवा जीविकोपार्जन के लिए श्रम करने को बाध्य बालिकाओं की जिम्मेदारी लेनेआगे आए हैं ।
 मुख्यमंत्री ने इस अभिनव पहल के लिए आईजी (महिला अपराध) श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव की भी प्रशंसा की । श्री चौहान ने कहा कि बेटियां भगवान की अद्भुत कृति हैं।
    मुख्यमंत्री ने कहाकि भारत राष्ट्र की हजारों वर्ष पुरानी परम्परा संस्कृत के इस श्लोक से उद्भासित होती रही है यत्रनार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता: अर्थात् देवता वहीं निवास करते हैं जहां नारी का मान-सम्मान हो। श्री चौहान ने कहा कि युगों से चली आ रही इस महान परम्परा में अंजाने कारणों से परिवर्तन हुआ और बेटियों की तुलना में बेटों को श्रेष्ठ समझने की मानसिकता विकसित होने लगी । उन्होंने कहा कि सृष्टि का चक्र बेटियों के बिना नहीं चल सकता । बेटियां हैं तो ही हमारा कल है।
            मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने के कार्य को सरकार और समाज मिलकर ही प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन्द्रधनुष कार्यक्रम के शुभारंभ में आगे आए प्रतिपालकों से प्रेरणा पाकर अन्य लोग भी इस भूमिका को अंगीकार करेंगे जिसके चलते परिदृश्य में निश्चय ही सुखद बदलाव होगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन से भीअपेक्षा की कि वे जरूरतमंद बच्चों के पुनर्वास के लिए जरूरी पहल करेंगे। श्री चौहान ने इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि संस्कारधानी जबलपुर ने निराश्रित बालिकाओं के उत्थान के लिए पहल की है और निश्चय ही इस दिशा में जबलपुर प्रदेश का नेतृत्व कर सकता है।
            मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समाज में बेटियों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बेटियों को बचाना , उन्हें आगे बढ़ाना और पढ़ाना बेहद जरूरी है । मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के उत्थान के लिए सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, गांव की बेटी योजना तथा मुख्यमंत्री कन्यादान योजना जैसी तमाम योजनाएं आरंभ की हैं। उन्होंने कहा कि केवल लाड़ली लक्ष्मी योजना में ही 18 लाख से ज्यादा बेटियों को लाभान्वित किया गया है। श्री चौहान ने कहा कि हमारा भरसक प्रयास है कि बेटी पढ़े और आगे बढ़े तथासामाजिक परिवेश में अपना अहम् स्थान बनाने में कामयाब हो । मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के पदों पर महिलाओं के लिए किए गए आरक्षण के प्रावधानों का भी उल्लेख किया । श्री चौहान ने पाकिस्तान में बच्चों पर की गई हिंसात्मक कार्यवाही को लेकर गहरा दु:ख व्यक्त: किया ।
            कार्यक्रम के आरंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 33 निराश्रित बालिकाओं की जिम्मेदारी लेने आगेआए 11 प्रतिपालकों से भेंट की। इस मौके पर पुलिस महानिरीक्षक महिला अपराध श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने कहा कि शासन की जन हितैषी योजनाओं का लाभ निराश्रित, अनाथ, अशिक्षित   तथा जीविका के लिए श्रम करने को बाध्य बालिकाओं तक पहुंचाने में इन्द्रधनुष कार्यक्रम एक सेतु के रूप में कार्य करेगा । उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम नागरिकों की सोच में बेटियों के प्रति सकारात्मक बदलाव का वाहक बन सकेगा । इस अवसर पर बाल भवन के बाल कलाकारों द्वारा बनाई गई पेंटिंग शक्तिरूपा मुख्यमंत्री को भेंट की गई ।
            कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री शरद जैन, सांसद श्री राकेश सिंह, महापौर श्री प्रभातसाहू, विधायक श्री सुशील तिवारी इंदु, श्रीमती प्रतिभा सिंह, श्रीमती नंदिनी मरावीएल.बी. लोबो, पूर्वमंत्री श्री अजय विश्नोई व श्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू, प्रदेश महामंत्री श्री विनोद गोंटिया, भाजपा नगरअध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा, पूर्व विधायक श्री निशिथ पटेल, जेडीए के पूर्व अध्यक्ष श्री अनिल शर्मा एवंअन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे । इस मौके पर कमिश्नर श्री दीपक खाण्डेकर एवं आईजी श्री डी . श्रीनिवासराव भी उपस्थित थे ।
जबलपुर में आयोजित इन्द्रधनुष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बाल कलाकारों  द्वारा बनाई गई  पेंटिंग शक्तिरूपा”  भेंट  की  गई ।
 जबलपुर में आयोजित इन्द्रधनुष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को बाल कलाकारों  द्वारा बनाई गई  पेंटिंग “शक्तिरूपा”  भेंट  की  गई । 

इस पेंटिंग को संभागीय बाल भवन जबलपुर के बाल कलाकारों  द्वारा मिलकर बनाया गया है  । इसमें  नारी  को  “शक्तिरूपा”  के  रूप
में  प्रदर्शित किया गया है  पेंटिंग  बाल कलाकार तान्या बड़कुलरेशम ठाकुरशुभमराज अहिरवार एवं रिंकी राय द्वारा कला निर्देशिका  श्रीमती रेणु पाण्डे  के  मार्गदर्शन  में तैयार किया गया ।

पेशावर काण्ड पर पेंटिंग बनाई पेंटिंग देख भावुक हुए  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान
           
बाल भवन के बच्चों द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के पेशावर में आतंकवादियों द्वारा मासूम बच्चों की नृशंस हत्या पर बनाई गई पेंटिंग को देखकर मुख्यमंत्री ने संवेदना प्रकट की और पेंटिंग पर हस्ताक्षर किए ।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री शरद जैन,  महापौर प्रभात साहू, सांसद राकेश सिंह, विधायक अंचल सोनकर, श्रीमती प्रतिभा सिंह,  श्रीमती नंदिनी मरावी,अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदू, पूर्व मंत्री अजय विश्नाई, पूर्व मंत्री श्री हरेन्द्रजीत सिंह बब्बू,मनोनीत विधायक श्रीमती लारेन बी. लोबोजबलपुर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा, श्री विनोद गोंटिया, डॉ. विनोद मिश्रा, श्री आशीष दुबे,   सोनू बचवानीसंभागायुक्त श्री  दीपक खाण्डेकर , पुलिस महानिरीक्षक डी. श्रीनिवास राव,आई जी श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव,   कलेक्टर श्री शिवनारायण रूपला,पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्रा भी मौजूद थे ।

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