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वादा न निभा पाने का दर्द

वादा न निभा पाने का दर्द मुझे खूब साल रहा है. अनिता कुमार जी एवम मनीष मिश्र जी से विनत भाव से क्षमा चाहता हूं Sir   My college is organizing a seminar on  'Role of Computer Mediated Communication in Higher Education and Career Building with special Reference to Blogging' I would like to invite you as a resource person to speak on 'Webcasting & Podcasting' Pl. accept and confirm. Thank you Anita Dept. of Psychology N.G.Acharya & D.K. Marathe College of Arts,Science & Co9mmerce N.G.Acharya Marg, Chembur Bombay-400071.

मुंबई न पहूंच पाने पर खेद

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क ल्याण पश्चिम स्थित के एम अग्रवाल कॉलेज एवं अनिता कुमार जी के कॉलेज के कार्यक्रम में मुंबई जाना निश्चित हुआ था। पर स्वास्थ्यगत कारणों से उपस्थित होने में असमर्थ हूँ। ठंड लगने से अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया। इसलिए के एम अग्रवाल कॉलेज के कार्यक्रम संयोजक, अनिता कुमार जी एवं अन्य मित्रों से क्षमा चाहूंगा। न पहुंच पाने के लिए खेद व्यक्त करता हूँ। ऐसा गिरीश दादा ने फ़ोन पर बताया और मुझे संदेश आप तक पहुंचाने कहा। ललित शर्मा    

वाई दिस कोलावेरी डी...?

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          वाई दिस कोलावेरी डी...? युवाओं के अब तक की पसंदीदा गीतों में सबसे मशहूर बन गया है..? इस वायरल फ़ीवर को सबसे ज़्यादा युवाओं ने क्यों पसंद किया इस  सवाल का ज़वाब आप किसी भी बच्चे से ले सकतें हैं यकी़नन वो कहेगा इस का संगीत बेहतरीन है....जी हां तभी तो एक माह में ही  यू-ट्यूब पर सर्वाधिक देखा सुना गया ये गीत . जी यक़ीन नहीं ..आया .. यक़ीन कीजिये  मेरे इस आलेख के लिखे जाने तक  678,032   दर्शक जुटा चुका यह गीत  इसके आगे यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि 25 Nov.2011 ko अपलोड हुए   Why This Kolaveri Di के फ़ीमेल वर्जन को दस लाख दर्शक मिले..     Nov 24, 2011 को   अपलोड यह गीत  बेशक सबसे सरताज़ नम्बर बन गया है. जबकि 31 अक्टूबर 2010 को अपलोड  मुन्नी की बदनामी एक बरस में  6,126,265     जी हां शीला देवी को केवल  2,804,735   दर्शक मिले .   इस गीत के बारे में युवाओं का कहना है कि गीत का संगीत संयोजन मधुर है.. संगीत में माधुर्य है.. सो वी लाइक दिस .....!! इतना ही नही हुज़ूर इस गीत का गुजराती संस्करण भी बन चुका है रीमिक्स वगैरा भी  हैं.. यानी कुल मिला कर ज़बरदस्त हिट गीत .......... आप भी स

जी हां मैं मुम्बई से सीधा प्रसारण करूंगा :गिरीश बिल्लोरे

प्रेस विज्ञप्ति शुक्रवार दि. 09 दिसंबर 2011 को सुबह 10 बजे से कल्याण पश्चिम स्थित के. एम. अग्रवाल कला, वाणिज्य एवम् विज्ञान महाविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग संपोषित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद््घाटन सुनिश्चित हुआ है।  संगोष्ठी का मुख्य विषय है  ``हिन्दी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनायें।''  यह संगोष्ठी शनिवार 10 दिसंबर 2011 को सायं. 5.00 बजे तक चलेगी। संगोष्ठी के उद््घाटन सत्र में  डॉ. विद्याबिन्दु सिंह  - पूर्व निदेशिका उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ,  श्री. रवि रतलामी  - वरिष्ठ हिन्दी ब्लॉगर मध्यप्रदेश एवम्  डॉ. रामजी तिवारी  - पूर्व अध्यक्ष हिंदी विभाग मुंबई विद्यापीठ, मुंबई के उपस्थित रहने की उम्मीद है। विशिष्ट अतिथि के रूप में नवभारत टाईम्स, मुंबई के मुख्य उपसंपादक  श्री. राजमणि त्रिपाठी  जी भी उपस्थित रहेंगे। संगोष्ठी का उदघाटन  संस्था के सचिव  श्री. विजय नारायण पंडित  करेंगे। एवम् अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष  डॉ. आर. बी. सिंह  करेंगे। इस संगोष्ठी का `वेबकास्टिंग' के माध्यम से पूरी दुनिया में जीवंत प्रसारण (लाईव टेलीकॉस्ट) करने की यो

ज्ञानरंजन, 101, रामनगर, अधारताल, जबलपुर.

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खास सूचना: इस आलेख के किसी भी भाग को  अखबार  प्रकाशित 21.11.2011 को ब्लाग के लिंक के साथ प्रकाशित कर सकते हैं. ज्ञानरंजन जी अनूप शुक्ल की वज़ह से डा. किसलय के साथ उनकी पिछली१७ फ़रवरी २०११ को हुई थी तब मैने अपनी पोस्ट में जो लिखा था उसमें ये था "    ज्ञानरंजन   जी     के   घर   से   लौट   कर   बेहद   खुश   हूं .  पर कुछ   दर्द   अवश्य   अपने   सीने   में   बटोर   के   लाया   हूं .  नींद   की   गोली खा   चुका   पर   नींद   न   आयेगी   मैं   जानता   हूं .  खुद   को   जान   चुका हूं . कि   उस   दर्द   को   लिखे   बिना   निगोड़ी   नींद   न   आएगी .   एक कहानी   उचक   उचक   के   मुझसे   बार   बार   कह   रही   है  :-  सोने   से पहले   जगा   दो   सबको .  कोई   गहरी   नींद   न   सोये   सबका   गहरी   नींद लेना   ज़रूरी   नहीं .  सोयें   भी   तो   जागे - जागे .  मुझे   मालूम   है   कि   कई ऐसे   भी   हैं   जो   जागे   तो   होंगें   पर   सोये - सोये .  जाने   क्यों   ऐसा   होता है            ज्ञानरंजन    जी   ने   मार्क्स   को   कोट   किया   था   चर