एक आंदोलन जो जी न सका
अजन्मा आंदोलन अबोध विचारों के के बीच के आकर्षण से गर्भस्त हुआ गर्भ में ही मारा गया हां ऐसा होना तय था आंदोलन का भ्रूण विग्रह और स्वापेक्षी आग्रह के निषेचन का परिणाम हो तब अक्सर ऐसा ही होता है..!! यक़ीन आया हर कोई गांधी सा न सुभाष सा, न ही अन्ना सा प्रेरक कैसे हो सकता है रंगे सियारों की अधीनता मत स्वीकारो अपनी अपनी रीढ़ में शक्ति भरो अपना संकल्प खुद करो उठो जागो अभी भी कुछ नहीं हुआ है उतार फ़ैंको कवच आओ साथ मेरे बिना किसी को अनदेखा कर हम करतें हैं एक नई शुरुआत पहले अपने झुण्ड में जहां रंगे-सियार न हों