गर इश्क है तो इश्क की तरहा ही कीजिये
माना कि मयकशी के तरीके बदल गए साकी कि अदा में कोई बदलाव नहीं है..! गर इश्क है तो इश्क की तरहा ही कीजिये ये पाँच साल का कोई चुनाव नहीं है ..? ******************************************** गिद्धों से कहो तालीम लें हमसे ज़रा आके नौंचा है हमने जिसको वो ज़िंदा अभी भी है सूली चढाया था मुंसिफ ने कल जिसे - हर दिल के कोने में वो जीना अभी भी है ! ******************************************** यूँ आईने के सामने बैठते वो कब तलक मीजान-ए-खूबसूरती, बतातीं जो फब्तियां ! !!बवाल इसे पूरा कीजिए ----------- --------------------------------- ********************************************