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26.10.22

ब्रेकिंग न्यूज़ की खूंटी से लटके टीवी चैनल्स

 *ब्रेकिंग न्यूज़ के खूंटी से लटके टीवी चैनल्स*
             गिरीश बिल्लोरे मुकुल
  25 अक्टूबर 2022 को लगभग डेढ़ घंटे के लिए व्हाट्सएप सेवाएं बाधित हुई हो सकता है कोई तकनीकी कारण रहा हो परंतु एक मुद्दा तुरंत मिल गया खबरिया चैनल्स को। मुझे तो लगा कि कहीं ऐसा ना हो कि शाम तक अगर व्हाट्सएप चालू ना हो तो पक्का राष्ट्रीय शोक की घोषणा करने के लिए सारे खबरिया चैनल एकजुट न हो जाए विराम
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के इस्तीफे के बाद से एक दिन पहले तो ऋषि सुनक की खूंटी  पर सारे के सारे चैनल लटके नजर  आ रहे थे कि अचानक व्हाट्सएप की सेवाएं बंद हो गई लगभग एक घंटा 30 मिनट के आसपास खराब एवं अवरुद्ध सेवाओं के दौरान हंगामा खड़ा हो गया। पैनिक क्रिएशन इतना तेजी से हुआ कि- लोग घबरा गए. सभी जले हुए थे कि कहीं उनका डाटा गायब न हो जाए ?
ट्विटर पर मैंने लोगों को सलाह दी कि भैया कुछ घर परिवार के काम कर लो अगर व्हाट्सएप नहीं है तो थोड़ा सा रिलैक्स तो मिला। पर कहां लोगों की आत्मा बेहद कुंठित ही हो गई थी। हमारे खबरिया चैनल ने  एक दृश्य पैनिक क्रिएट कर दिया।
  एक ओर व्हाट्सएप चलाने वाली मेटा कंपनी के लोग हड़बड़ा कर सुधारने की कोशिश कर रहे थे, दूसरी ओर खबर-रटाऊ रुदाली चैनल्स ने अपने अखंड रुदाली होने का दायित्व निभाया। मुझे तो लगा कि कहीं अगर रात तक या एक-दो दिन व्हाट्सएप ना चला तो कहीं ऐसा ना हो कि सरकार को राष्ट्रीय शोक घोषित करना पड़े..!
   एक टेलीविजन चैनल तो परमाणु बम पटके जा रहा है। रोज वह समाचार बदल बदल कर बताता है कि -" विश्व परमाणु युद्ध के कगार पर है..!"
  आप सबको याद होगा स्वर्गीय राजू श्रीवास्तव ने इन चैनल्स के बारे में जबरदस्त कॉमेडी की है । आपको यह भी याद होगा कि  एक चैनल की महिला संवाददाता ने किसी महिला  आई एफ एस अधिकारी के मुंह में माइक लगा दिया और सवाल पूछने लगी। वैसे आपको एक बात मैं ऐसा बता दूं कि यह खबरिया चैनल महिलाओं के प्रति सकारात्मक भाव रखते हैं। दोपहर में सास बहू देवरानी जेठानी के कार्यक्रम उनके हाईलाइट दिखा कर मध्यमवर्गीय महिलाओं को बांधे रहने की ड्यूटी बखूबी निभाते हैं। जबकि शाम को पुरुष अगर समाचार देखना भी चाहे तो उसे सिवाय लड़ाई झगड़े के कुछ नहीं मिलता। चार-पाँच पैनलिस्ट आमंत्रित किए जाते हैं, जो वास्तव में खबरिया चैनलों के लिए एक तरह का प्रोडक्ट होते हैं उनके मुंह से जो चाहे उगलवाने में माहिर होस्ट कभी गंभीर विषय पर चर्चा करते नजर नहीं आए। शाम की डिबेट देखना पुरुषों के लिए बड़ा घातक तक हो जाता है। कई मित्र कहते हैं कि - "हमने टीवी देखना छोड़ दिया।" स्वाभाविक भी है लड़ाई झगड़ा देखते रहना किसे पसंद होगा।
   खबरिया चैनलों की रिस्पांसिबिलिटी है कि वे सुव्यवस्थित तरीके से कार्यक्रम प्रस्तुत कर संपूर्ण विषयों पर केंद्रित जानकारियां प्रस्तुत करें। परंतु उनके विषय फिक्स होते हैं। किसी खबरिया चैनल ने यह नहीं बताया कि केवल रुपया नहीं बल्कि विश्व की सभी करेंसी डॉलर के मुकाबले कमजोर होती जा रही है। अगर किसी ने दिखाया भी होगा तो भारत के वित्त मंत्री के भाषण के बाद। अर्थात कुल मिलाकर महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञता ना होने के कारण खबरिया चैनलस कटघरे में खड़े हुए हैं। अगर आप गंभीरता से विचार करें तो पाएंगे कि सामाजिक मुद्दों स्पेस ना के बराबर मिलता है। हमारे एक मित्र अक्सर कहते थे-" कुत्ते ने आदमी को काटा यह कोई खबर ही नहीं है, आप तो बताओ किसी आदमी ने कुत्ते को काटा हो तो? बढ़िया चटपटी खबर बनेगी।
   भारतीय मीडिया अब एग्रेसिव मीडिया हो गया है पश्चिमी मीडिया की तरह। हमें अनुशासन का ध्यान रखना चाहिए ताकि विजुअल जर्नलिज्म खतरनाक स्थिति तक ना पहुंच जाए। देखिए कब तक हम समाचारों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार करते रहेंगे। खास तौर पर खबरीले चैनलस् को अनुशासन पर रहने की जरूरत है।

28.1.12

युवक का सिर काटा और लेकर पहुंच गई थाने

Deshbandhuजबलपुर !  जिला मुख्यालय से करीब 45 किलो मीटर दूर मझौली के एक गांव में एक महिला ने अपनी आबरू बचाने के लिए एक युवक की सिर को कुल्हाड़ी से काट धड़ से अलग कर दिया और सिर को बोरी में भरकर बहोरीबंद थाने पहुंचे गई। बोरी में मानव मुण्ड देख पुलिस कर्मी सकते में आ गए। बहोरीबंद पुलिस ने तत्काल महिला और सिर को लेकर मझौली थाने पहुंचे क्योंकि मामला मझौली थाना क्षेत्र का था। महिला का पति पहले से ही जेल में बंद है। उधर इस घटना के बाद से गांव में सनसनी व्याप्त है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मझौली के आमोदा गांव में श्रीराम सेन अपनी पत्नी बच्चों के साथ रहता था। कुछ दिन पहले श्रीराम सेन  चोरी के एक मामले में पकड़ा गया और पुलिस ने उसे दमोह जेल भेज दिया। पति के जेल जाने के बाद  राजकुमारी सेन 35 वर्ष गांव में ही मेहनत मजदूरी करके घर चलाने लगी। बताया गया है कि ग्राम अमोदा के करीब पीडब्लूडी का कोई निर्माण कार्य चल रहा है। राजकुमारी यहां मजदूरी कर रही थी। कुछ दिनों से गांव का ही रहने वाला श्यामलाल यादव 38 वर्ष राजकुमारी को परेशान कर रहा था। यह बात कई लोगों को पता थी। आज दोपहर 3 बजे श्यामलाल यादव ने राजकुमारी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया तो राजकुमारी अपनी आबरू बचाने के लिए कुछ दूर भागी इस दौरान उसे सड़क किनारे पड़ी एक कुल्हाड़ी मिल गई। बताते है राजकुमारी ने कुल्हाडी उठाई और उसे पकड़ने आ रहे श्याम लाल पर हमला कर दिया पहले ही हमले में श्यालाल लड़खड़ा गया और मौका मिलते ही राजकुमारी ने श्यामलाल के ऊपर कई वार कर दिए। इससे श्याम लाल की मौत हो गई। उसके बादे राजकुमारी ने उसके गले पर हमला करके सिर को धड़ से अलग कर दिया और एक बोरी में सिर लेकर बहोरीबंद थाने पहुंच गई। बोरी के अंदर मानव सिर देख पुलिस कर्मी घबरा गए और महिला सहित नर मुण्ड को लेकर मझौली थाने पहुंचे। यहां राजकुमारी सेन ने अपने बयान में बताया कि श्यामलाल यादव उसके पति के जेल जाने के बाद उसके साथ 3 बार दुष्कर्म कर चुका था। आज फिर श्यामलाल ने उसके साथ दुष्कर्ष की कोशिश की तो उसने कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या करने के बाद उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। राजकुमारी से रक्त रंजित कुल्हाड़ी, सिर और खून से सनी साड़ी आदि पुलिस ने बरामद कर ली है।

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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