दीपक चौरसिया इस देश के महान तम मनो विज्ञानी हैं उनके बराबर इस देश में महान तत्वदर्शी भी कोई जी चाहता है कि मैं उनके चरण छूकर प्रणाम ...करें .. स्टार न्यूज़ भी देखिये कितना महान है कि इस कार्यक्रम के लिये खुद का और देश का कितना समय देता है. मुझ जैसे अल्प-ज्ञानीयों को लादेन के मारे जाने के बाद वक्तव्य-वीर के बयान से भी कुछ लेना देना नहीं पर आज अचानक टीवी पर चल रहे एक कार्यक्रम को देख कर मजा आ गया कि बताओ भला मैं महान विद्वानो की खोज में नाहक लगा हूं अपने दीपक से महान हैं कोई बताओ वो रातमुझे अच्छी तरह से याद है जब एक मीडिया कर्मी ने जो स्व०हरिवंश राय बच्चन के निधन की कवरेज़ जनता को दिखाने आए थे तब उनने पूछा था "कैसा महसूस कर रहें हैं परिजन..?"- भला इस सवाल से क्या उत्तर चाह रहे थे ये महाशय शायद ... इन महाशय के परिवार में सभी अमर-रस छक के आए हों गोया. वक़ील साब यानी राम जेठ मलानी जैसों का गुस्सा कभी कभी फ़ूट ही जाता है .खैर दीपक चौरसिया जी आपने यू एस प्रशासन से इस बात की पता साची करता सवाल क्यूं नही पेश किया :-"आज़ उनके राष्ट्रपति नें ओसामा के अंत को भुनाने की कोशिश क्यों नहीं की...? "अगर दाउद को पाक़िस्तान में घुस कर भारतीय कमांडो मार आते तो मालूम है क्या होता..? दिग्गी राज़ा जैसे कई लोग यहां तक कि जो कुछ भी नहीं जानते दाउद के बारे में वे भी छाती ठोंक-ठोंक के चीखते मानो खुद निपटा के आए हैं . बहरहाल आप महान हो भैया हम आपके ज्ञान का लोहा मानते हैं.
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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