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14.3.17

या जोगी पहचाने फ़ागुन, हर गोपी संग दिखते कान्हा

फ़ागुन के गुन प्रेमी जाने, बेसुध तन अरु मन बौराना
या जोगी पहचाने फ़ागुन, हर गोपी संग दिखते कान्हा
रात गये नज़दीक जुनहैया,दूर प्रिया इत मन अकुलाना
सोचे जोगीरा शशिधर आए ,भक्ति भांग पिये मस्ताना
प्रेम रसीला, भक्ति अमिय सी,लख टेसू न फ़ूला समाना
डाल झुकीं तरुणी के तन सी, आम का बाग गया बौराना 
जीवन के दो पंथ निराले,कृष्ण की भक्ति अरु प्रिय को पाना 
दौनों ही मस्ती के  पथ हैं  , नित होवे है आना जाना--..!!
चैत की लम्बी दोपहरिया में– जीवन भी पलपल अनुमाना
छोर मिले न ओर मिले, चिंतित मन किस पथ पे जाना ?

8.4.08

MELODY OF LIFE : जीवन का आलाप


http://mukul2.blogspot.com/=>
*Melody of life*#जीवन का आलाप#*
इस ब्लॉग पर आप देखिए इस ब्लॉग को आध्यात्मिक चर्चा का ब्लॉग बनाया , सबसे पहले मेलोडी ऑफ़ लाइफ गुरुदेव शुद्धानंद नाथ जी उन पत्रों को शामिल किया किया गया है जो गुरु देव ने अपने शिष्यों को लिखे गए थे.........प्रपंच अध्यात्म योग के प्रणेता स्वामी शुद्धा नन्द नाथ के पत्रों का संकलन लगातार इस ब्लॉग पर आपके लिए प्रस्तुत है अन्तिम से प्रथम पृष्ठ के क्रम में पोस्ट प्रस्तुत होंगीं इस ब्लॉग को आध्यात्मिक चर्चा का ब्लॉग बनाया , सबसे पहले मेलोडी ऑफ़ लाइफ गुरुदेव शुद्धानंद नाथ जी उन पत्रों को शामिल किया किया गया है जो गुरु देव ने अपने शिष्यों को लिखे गए थे .स्वामी शुद्धानन्द नाथ ने प्रपंच-अध्यात्म-योग की मीमांसा हेतु दुर्व्यसनियों को पवित्र जीवन के पथ पर लाने का सफल संकल्प लिया था । यानी प्रमादी,लोभी,अति भौतिकवादी संलिप्तता वृत्तियों से मुक्ति के दाता गुरुदेव ने परिवारों में जो संस्कार बोए वे विश्व के लिए आज भी समीचीन हैं । हूँदराज़ नवानि , सव्य साची माँ प्रमिला देवी , पिता श्री काशीनाथ जी के सत संकल्प का परिणाम है "मेलोडी ऑफ़ लाइफ" इस कृति को मूलत:आपके लिए इस नवरात्र के अंत तक अंतर जाल पर डाल दिया जाएगा , कृति पर मेरा कोई अधिकार नहीं है किन्तु व्यावसायिक उपयोग सर्वथा वर्जित है। आप आध्यात्मिक प्रश्नों की पूर्ती हेतु क्रमश: अथवा रेंडमली देख सकेंगे । नव वर्ष पर सद गुरु के विचारों को आप तक लाने में उनकी आशीर्वाद एवं,आपके सहयोग की कामना के साथ*"मुकुल "

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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