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3.7.11

परिकल्पना ब्लागोत्सव की एक झलक जीवन के रंगमंच से ...चाँद के पार ....


वेब दुनिया इंदौर की वरिष्ठ सदस्या स्मृति जोशी को हिंदी जगत में एक प्रखर लेखिका के रूप में जाना जाता है . अपने आलेखों में नए और लालित्यपूर्ण विंबों के माध्यम से सामाजिक जनचेतना को आयामित करने में इन्हें महारत हासिल है . विगत दिनों उनके बेस्ट वेब फीचर कठोर परंपरा का भीना समापनके लिए उन्हें लाडली मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें दूसरी बार प्राप्त हुआ है . चाँद के पार स्तंभ के अंतर्गत प्रस्तुत है उनका एक चर्चित ललित निबंधबदली से निकला है चाँद ….!
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नहीं जानती अं‍तरिक्ष के इस चमकीले चमत्कार से मेरा क्या संबंध है लेकिन जब भी कुछ बहुत अच्छा लिखने का मन होता है चाँद मेरी लेखनी की नोंक पर बड़े अधिकार के साथ आ धमकता है। यूँ तो मेरी लेखनी की कुछ बातें खुद मुझे हैरत में डाल देती है।

ब्लागोत्सव 2011 में प्रकाशित प्रसारित हो रही पोस्ट की इन दिनों उसी तरह प्रतीक्षा की जा रही है जैसे कोई पहुना की बाट जोहता हो. यही तो एक अदभुत परिकल्पना है जो अनेकों को एक सूत्र में पिरोती है. 
देखिये ये पोस्ट  



इसे पढ़िये यहाँ---
प्रस्तुति :  श्रीमति अर्चना चावजी
               एवम गिरीश मुकुल

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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