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13.11.09

चूल्हा बुझाते लोग


 दिनांक 7 नवम्बर 2009 
स्थान ग्राम हरदुली {बरगी  नगर जबलपुर}  आगनवाड़ी केंद्र पर पत्रकार,नेता,और एक अपराधी नवल किशोर विश्वकर्मा आ धमके बहाना था  सांझा चूल्हा के तहत पोषण आहार व्यवस्थाकी पड़ताल करने. जहां मिली उनको एक  महिला कर्मी  जो कथित   माननीयों से भयभीत थी . बाकायदा रिपोर्टिंग की गई. केंद्र से 50 किलोमीटर दूर परियोजना मुख्यालय पर मुझसे वर्जन लिया गया . कि किन परिस्थियों में एक स्कूल में काम करने वाले समूह को 7 केन्द्रों पर पोषण आहार आपूर्ति का काम मिला है. मेरा उत्तर था कि भाई साहब जो समूह प्राथमिक शाला में काम कर रहा है उसे ही काम मिल सकता है. इस गांव में जो प्राथमिक शाला है उसके समूह को काम मिला है. पहली पेपरकटिंग को देखिए .
आज सुबह सुबह उसी अखबार ने छापा समाचार "ग्राम हरदुली में सांझा चूल्हा बुझाने की कोशिश"
जो वास्तविकता है. आखिर कब तक जनता के साथ छलावा करेंगे ये लोग क्या इनको शक्ति के साथ उसके दुरुपयोग का अधिकार भी मिला है..?
 मामला था सरपंच की पत्नी के स्व सहायता समूह को काम न मिलने का  स्वार्थ और शक्ति जब मिल जाती है तब देश में अराजकता के ऐसे दृश्य आम हो जाते हैं.....................!! मित्रों मै तो नहीं टूटा आप भी अगर ऐसा कुछ देख रहें हों भोग रहे हों तो उठाइये आवाज़ ....... जय भारत



मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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