मुंबई में आतंकवादी हरकत के परिपेक्ष्य में ज़ारी ' भारत की सुरक्षा के सूत्रों के मुताबिक इस ब्लॉग में जो भी कुछ लिखा गया है वो कोई व्यक्तिगत लाभ के उद्येश्य से उसके बाद आम आदमी की भी मीडिया से कुछ अपेक्षा रही है जिसे ब्लॉगर पहले ही व्यक्त कर चुका है कला संस्कृति सद्भावना की भाषा पाकिस्तान को जितने बार समझाई गयी उतनी तो इन चैनल्स की उम्र नहीं है जिनने एस एम एस के धंधे के नाम पे कला का बाज़ार सज़ा रखा है। सभी देश भक्तो कृपया पाकिस्तान की सरकार और उस देश के जन नायकों को यह समझाना ज़रूरी है की आतंकवाद की वज़ह से पाकिस्तान को कितनी रुसवाई भोगनी पड़ सकती है। शिव-सेना से पहले ब्लॉगर इस मसले पर कह चुकें हैं की राष्ट्र हित में पकिस्तान की उपेक्षा की जाए । ऐसी मांग कोई नाजायज़ नहीं है न ही इसे नाजायज ठहराया जाए ।
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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