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14.1.09

"ममत्व मेले-09 की तैयारियां पूर्ण :मेले को मिला अंतर्राजीय स्वरुप "

*16 जनवरी-से-20 जनवरी तक चलने वाले मेले का शुभारम्भ एम एल बी ग्राउंड में

*झारखण्ड,उत्तरांचल,छत्तीसगड़,उत्तर-प्रदेश,राजस्थान,महाराष्ट्र के उत्पाद भी मेले में रखे जाएंगे

*प्रतिदिन होंगीं रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

*महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं के लिए रंगोली,मेंहदी,खेल,नृत्य प्रतियोगिताएँ आयोजित होंगी.



संस्कारधानी जबलपुर में वर्ष 1992, 1999, 2006,के बाद इस वर्ष 2009 में को आयोजित होने वाले ममत्व मेले का स्वरुप विगत वर्षों से भिन्न होगा. तदाशय की जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास पदेन जिला प्रबंधक महिला वित्त विकास निगम श्री महेंद्र द्विवेदी व्दारा बताया गया कि:-मेले की तैयारियाँ पूर्ण की जा चुकीं इस हेतु कार्यदलों का गठन किया जा चुका जिन्हें बिन्दुवार कार्य निर्देश जारी किए जा चुकें हैं साथ ही साथ सभी कार्य दलों को विस्तृत मार्गदर्शन हेतु बैठक का आयोजन भी किया जा चुका झारखण्ड,उत्तरांचल,छत्तीसगड़,उत्तर-प्रदेश,राजस्थान,महाराष्ट्र के उत्पाद भी मेले में रखे जाएंगे. प्रदेश के समस्त जिलों से स्वसहायता समूहों द्वारा घरेलू उपयोग की सामग्रियां,हस्तशिल्प,मसाले, मूर्तियाँ, टेराकोटा,संगमरमर, के उत्पाद, घरेलू साजो सामान , रेशमी-कोसा साडियां, प्राकृतिक एवं वनोपज आधारित - सामग्रियां मेले का आकर्षण होंगी, जिले के ग्रामीण-क्षेत्रों की महिलाएं एवं स्व-सहायता समूह अन्य-प्रदेशों के स्वसहायता समूहों से संपर्क कर व्यवहारिक एवं उत्पादन सम्बन्धी ज्ञान प्राप्त कर सकतीं है. महिलाओं में स्वरोज़गार एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्व-रोज़गार मार्गदर्शन कक्ष "प्रेरणा-केन्द्र" स्थापित किया जा रहा है. प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु इच्छुक महिलाएं बालिकाएं मेला स्थल पर दिनांक 16 जनवरी 2009 को प्रात: 11:30 बजे से पंजीयन करा सकतीं हैं

सम्पूर्ण आयोजन को सफल बनाने 15 कार्यदलों में 25 से अधिक अधिकारी/पर्यवेक्षक/अन्य कर्मीं तैनात किए गएं हैं

गिरीश बिल्लोरे

प्रभारी अधिकारी

प्रचार प्रसार,ममत्व-मेला 09



मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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