भारतरत्न लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
भारतरत्न लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

12.8.14

भारत-रत्न :अक़्लवरों का आपसी मल्लयुद्ध का आसन्न है

 न जाने क्यों डर लगता है..मुझको अब सम्मानो से
डर के घर में छिप जाता हूं, अक्ल लगाने वालों से.
    जी हां ये पंक्तियां तब से ज़ेहन में घूम रहीं थीं जब से मैने भारत रतन के नाम पर बवाल होते देखा सुना. मन बेहद दु:खी और इन अक़्लवरों की समझ को लेकर आश्चर्यचकित है. देश को आगे ले जाने की क़वायद में जो अक़्ल लगनी चाहिये वो अक़्ल "भारत-रतन" पर लगाई जा रही है. बहुत अज़ीब-ओ-ग़रीब स्थिति है. श्रेष्ठता को लेकर विवाद कराती अक़्लें.. उस स्थिति की तरफ़ ले जा रहीं हैं.. जिधर कि अक़्लवरों के आपसी मल्लयुद्ध का रसास्वादन करेंगें..! 
 मेरी मानें भाई जी तो साफ़ साफ़ बता दूं कि श्रेष्ठता का कोई स्केल नहीं हो सकता .. 
श्रेष्ठता..
अनन्तिम है..
अनवरत है... 
सर्वत्र प्रशंसा की अभिलाषी नहीं ....
नाहक हम अक़्ल लगाए जा रहें हैं.. मित्रो एक शायर ने साफ़ साफ़ कह तो दिया था कि- अक़्ल हर चीज़ को ज़ुर्म बना देती है..! सच है क्या यक़ीन नहीं आ रहा कि अक़्ल वाक़ई यही परिणाम देती है तो लगाके देखिये. मेरा बेअक़्ल प्रस्ताव है कि क्यों न हम सभी भारतीय बेघर बेसहारा बच्चों को गोद लें उनको नाम दें भारत-रत्न या भारत-रत्ना   बस भारतरत्न सम्मान और अधिक प्रतिष्ठित हो जाएगा. 
चलिये सोचिये..मत अक़्ल भी मत लगाईये.. भारत के भाल को अनावश्यक न झुकाईये.. कुल मिला कर भारत के भाल को चमकाना हमारी ज़िम्मेदारी है.. अक़्लवालों की .. न जी न कभी नही नहीं..  

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

Wow.....New

अलबरूनी का भारत : समीक्षा

   " अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम  इतिहास को समझने के लिए  हमें प...

मिसफिट : हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉगस में