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10.12.16

जबलपुर के खाते में 2015 के दो बालश्री एवार्ड

जबलपुर के खाते में 2015 के दो बालश्री एवार्ड
जबलपुर बालभवन की श्रेया और अभय के साथ छिंदवाडा की फातिमा खान  ने श्रेष्ठता साबित की, बालभवन की सतत गतिविधियों की वजह से मिली सफलताएं
                 श्रेया को  थियेटर एवं अभय को मूर्तिकला का राष्ट्रीय बाल श्री अवार्ड मिला राष्ट्रीय बालश्री चयन प्रक्रिया  2015 में जबलपुर बालभवन के मास्टर अभय को मूर्तिकला के लिए राष्ट्रीय सम्मान हेतु चुना गया है। जबकि बेबी श्रेया खंडेलवाल को अभिनय के लिए राष्ट्रीय बाल श्री सम्मान से अलंकृत किया जायेगा।
       
            मास्टर अभय सोधिया के पिता श्री कैलाश सौंधिया प्राईवेट संस्थान में कार्यरत है। मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित  अभय फाइन आर्ट कालेज के प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है अभय  इस सम्मान को पाकर बेहद उत्साहित है उनका कहना है कि वे बालभवन में बिताये 6 वर्षें को अमूल्य दिन मानते हैं उनका कहना है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मूर्ति कला को आगे ले जावेगें अपनी सफलता का श्रेय बालभवन एवं अपनी गुरू श्रीमति रेनु पांडे को देते है .  साथ  मातापिता के सर्पोट के बिना यह उपलब्धि  संभव ही न थी  यह सम्मान वे अपनी माता शोभना सौंधिया को  समर्पित करते है ।“
                   बेबी श्रेया खंडेलवाल बालभवन की ऐसी बहुमुखी प्रतिभा  है  जो नृत्य गायन अभिनय एवं संभाषण कला में प्रवीण है । श्री विकास खंडेलवाल एवं श्रीमति अर्चना  खंडेलवाल की पुत्री श्रेया स्मालवंडर स्कूल में 8 वीं कक्षा की छात्रा है। कु. श्रेया अब तक विवेचना, रंगमंडल के नाटकों  तथा संभागीय बाल भवन के बॉबी नाटक में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुकी है ।
                   श्रेया अपनी मां अर्चना खंडेलवाल जी के सपनों को साकार करने की कोशिश कर रही है। स्मरण हो कि श्री मुकेश नारायण अग्रवाल द्वारा निर्देशित फिल्म हरपल है यहां धोखा में प्रत्यूषा बेनर्जी के बचपन का रोल निभा रहीं है । श्रेया आगे चलकर एक सफल अभिनेत्री एक अच्छी नागरिक बनना चाहती है।

                   छिंदवाडा  से बाल श्री के लिए चयनित मिराज फातिमा खान जबलपुर बालभवन द्वारा ही नामांकित की गयी प्रतिभागी है।  संभागीय बालभवन जबलपुर इस उपलब्धि के लिए संचालक जवाहर बालभवन भोपाल श्री मति तृप्ति त्रिपाठी एवं संयुक्त संचालक सुश्री सीमा शर्मा उपसंचालक श्रीमति मनीष लुम्बा ने प्रतिभागियों को बधाईयां दी है । संचालक बालभवन ने कहा कि यह उपलब्धि संभागीय बालभवन के सभी स्टाफ एवं समस्त अविभावकों की उपलब्धि है ।

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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