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28.5.16

12 वीं के छात्र मास्टर शिवा नामदेव ने की बालभवन-गान की रचना

शिवा नामदेव की रचना को सराहना मिल रही है बालभवन-गान रच कर शिवा सुर्ख़ियों में आ गए . 12 का विद्यार्थी शिवा साधारण मध्य-वर्ग का बेटा है ... सपनीला सा नज़र आने वाला शिवा अदभुत प्रतिभा  का धनी  है .
मुझे डायरेक्टर जवाहर बालभवन आदरणीया  श्रीमती तृप्ति मिश्रा मैडम जब कहा बालभवन गान आपको लिखना है है मेरे लिए बहुत गर्व का अवसर था .. कुछेक  पंक्तियाँ रचीं भी पर फिर मैंने उनसे कहा- "दर्द का कवि हूँ .. किसी बच्चे की तरह बन जाऊं तब गीत पूरा हो शायद "
बालसुलभ मस्तीभरा गीत लिखना हँसीखेल नहीं था सो वापस बालभवन आकर ऐलान किया सब बच्चे गीत लिखने की कोशिश करें . मुझे गुलज़ार यानी शुभम जैन पर भरोसा था . शुभम वही जिसने लाडो-मेरी लाडो गीत भर गर्मी में पिता जी की डपट से बचने  कम्बल ओढ़ सेलफोन की लाईट में लिखा पर व्यस्तता के कारण वो न लिख पाए . एक दिन अचानक शिवा एक गीत लेकर कमरे में आए . गीत में कुछ सुधार के साथ भेज दिया भोपाल और देखिये कितना मस्ती भरा गीत बन गया है . सतशुभ्र मिश्र जी की आवाज़ में ...
 हर बालभवन में बजेगा आप इसे यूट्यूब पर सुनिए ... आशीर्वाद दीजिये इस यशस्वी बालक को ........ कल इन्हीं बच्चों का ही तो है ..
इस गीत का वीडियो निर्माण किया श्री के जी त्रिवेदी ने . सभी मध्य प्रदेश के  बालभवनों में फिल्माए इस गीत की सीडी का विमोचन 26 अप्रैल 2016 को जवाहर बालभवन भोपाल में माननीया मंत्री मध्य-प्रदेश शासन महिला बाल विकास श्रीमती माया सिंह जी प्रमुख सचिव श्री जे एन कन्सौटिया आयुक्त श्रीमती जयश्री कियावत जी, संचालक बालभवन, श्रीमती तृप्ति मिश्र ,  संयुक्त संचालक  श्री विशाल नाडकर्णी श्री हरीश खरे एवं गिरीश बिल्लोरे सहायक संचालक बालभवन जबलपुर सहायक संचालक श्री सत्शुभ्र मिश्र  की उपस्थिति में किया हुआ.  
    
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मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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