दीपक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
दीपक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

17.2.15

बालश्री विजेताओं से मिल के बेहद प्रसन्न हुए कमिश्नर श्री खाण्डेकर




कमिश्नर श्री दीपक खाण्डेकर ने आज यहां उनसे मिलने पहुंचे बाल भवन के बच्चों से स्नेहसिक्त भाव से मुलाकात की और उनकी हौसला अफजाई की। इन बच्चों में राष्ट्रीय बालश्री पुरस्कार (सृजनात्मक कला) विजेता रोहित गुप्ता तथा संतलाल पाठक (प्रदर्शनकारी कला विशेष श्रेणी) के अलावा सारेगामा लिटिल चैम्प्स में प्रथम ग्यारह प्रतियोगियों में स्थान बनाने वाली ईशिता विश्वकर्मा के अलावा रेशम ठाकुर, शुभम् अहिरवार और श्रेया ठाकुर शामिल थे।
श्री खाण्डेकर ने बच्चों के साथ खुले दिल से देर तक चर्चा की और उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली । उन्होंने इन प्रतिभाशाली बच्चों को बधाई दी। साथ ही उनके साथ और वक्त गुजारने के लिए बाल भवन आने का वादा भी किया । कमिश्नर श्री खान्डेकर  के सरल व्यवहार से सहज हुए बच्चों ने उनके साथ ढेर सारी बातें की । कमिश्नर ने पूरी रूचि से उनकी बातें सुनी और उन्हें बुके और चॉकलेट भी भेंट किए। बच्चों के साथ श्री खाण्डेकर ने ग्रुप फोटो भी खिंचवाई । बच्चों ने भी इस स्नेह के प्रतिदान में कमिश्नर को स्वयं की बनाई पेंटिंग्स भेंट कीं ।
इस दौरान मौजूद उप संचालक महिला सशक्तिकरण श्रीमती मनीषा लुम्बा और संचालक बाल भवन श्री गिरीश बिल्लोरे के साथ कमिश्नर ने बाल भवन की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बातचीत की । उन्होंने बाल भवन का बेहतर से बेहतर ढंग से उपयोग किए जाने की जरूरत बताई । उन्होंने कहा कि इस दिशा में प्रयास किए जाएं कि बाल भवन की पूरी क्षमता के अनुरूप वहां बच्चे हों। इस सिलसिले में श्री खाण्डेकर ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ पृथक से बैठक बुलाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बाल भवन की जरूरतों के बारे में भी जानकारी ली ।  साथ ही विशेष श्रेणी के बच्चों, अजा, अजजा के बच्चों  के लिए संचालित शासकीय  अशासकीय  आवासीय संस्थानों, हास्टलस के बच्चों को बालभवन से जोड़ने के निर्देश ही नहीं दिये वरन अति-शीघ्र ऐसी अंतर्विभागीय  बैठक के आयोजन के निर्देश भी दिये । बाल भवन अनुदेशकों श्रीमती रेणु पांडे , सुश्री शिप्रा सुल्लेरे , श्री देवेन्द्र यादव, श्री पीयूष खरे आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही ।  


श्री खाण्डेकर ने कहा कि बाल भवन के बच्चों को इंटैक के कार्यक्रमों से जोड़ने की दिशा में त्वरित पहल के निर्देश देते हुए कहा कि- बाल भवन के सदस्य बनने से संस्था  इंटैक की गतिविधियों एवं आयोजनों में संभागीय बालभवन की   साधिकार इंटैक के कार्यक्रमों में सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी  




 (स्रोत : संयुक्त संचालक, सूचना एवं जनसम्पर्क जबलपुर संभाग )  

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

Wow.....New

अलबरूनी का भारत : समीक्षा

   " अलबरूनी का भारत" गिरीश बिल्लौरे मुकुल लेखक एवम टिप्पणीकार भारत के प्राचीनतम  इतिहास को समझने के लिए  हमें प...

मिसफिट : हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉगस में