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27.8.08

नागफनी जिनके आँगन में


नागफनी जिनके आँगन में, उनके घर तक जाए कौन ?
घर जिनके जाले मकडी के, रेशम उनसे लाए कौन !

हर उत्तर से प्रश्न प्रसूते, प्रश्न-प्रश्न डूबे हैं उत्तर
प्रश्न चिन्ह जीवन जो हो तो ऐसा चिन्ह मिटाए कौन ?

चिन्तन के घट कुंठा रस मय, गीत जलाने लगे रहल ही
पथ पे बिखरे बेर के कांटे , खुद से बाहर जाए कौन ?  

मन ही मेरे मन का साथी, शीतल रश्मि समर्पण करता
मेरे अंतस  दीप उजागर ,  सूरज के गुन गाए कौन..?
जिज्ञासा दब गई भूख में पोथी पूज न पाया बचपन
चीख रहे हैं आज आंकड़े बूढ़ी आँख पढ़ाए ...?


मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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