रस्तोगी जी की कई प्रेमिकाओं का नाम 'भावना' है यकीन नहीं है तो सुन लीजिये खुद ही इस पाडकास्ट में
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22.2.10
11.10.08
हिन्दी - चिट्ठे एवं पॉडकास्ट एवं ब्लॉग वाणी से साभार :एक लाइन की चर्चा
- अंकुर राय का गाना: सुनते रुकिए भाई अभी अमर सिंह को सुन लें
- अनिल-सोनम कपूर:चार भावमुद्राएं: ,-बासी .....में उबाल
- रंग भेद, काली रे काली रे...और ये काली कलूटी के नखरे बड़े...:_उठाने तो होंगे ही ,
- शेयर बाजार को इंतजार ब्रेकआउट का=>"तोब्रेकिंग कर लीजिए "
- एनीमेशन के संसार में मानवीय संवेदनाएं=>"बस अब यहीं मिलेंगी "
- सांध्य गीत: सुबह सुबह..............?
- खाली हाथ आया है...खाली हाथ जाएगा:-तो क्या ऐ टी एम् साथ में ले जाए
- ्यों, साहित्यकारों की रजाई खींच रहे हो:-"और जब ये लोग कुरते खींच रहे थे तब आप चुप्पी थाम के बैठे थ....क्यों ? "
- लिव इन रिलेशनशिप.......चलो ब्याह का खर्चा बचा......
- त्रेता के योद्धा नहीं लड़ सकते द्वापर की लड़ाई:-और कलयुग में
- आगे चेकिंग है.........टिकट नहीं है पतली गली से सटक लो
- सबका अपना-अपना तरीका है......:- काफी पुरानी बात है भैया ताज़ा समझ रहे हैं ?
- चार सौ बीस - यहीं न रिक जाना
- भृतहरि शतकः काम पर नियंत्रण करने वाले विरले ही वीर होते हैं:- वियाग्रा के युग की उलट बासी
और अंत में
- कितना प्यारा बच्चा .... थैंक्स आंटी ......!!
मुझे उम्मीद थी एक दिन आप मेरे लिए यही कहेंगी
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मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
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