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13.3.10

पॉडकास्ट कांफ्रेंस : अदा जी, दीपक मशाल और मैं

महफूज़  मियाँ  का  एकाएक गायब  होना फिर जबलपुर में अवतरित होना अपने आप में एक चमत्कारिक घटना रही है. इन सब बातों को लेकर एक अन्तराष्ट्रीय संवाद हुआ जिसमें ''बेचारे-कुंवारे हिन्दी ब्लागर्स की दशा और दिशा'' पर भी विमर्श किया गया अदा जी जो जो कविता का डब्बा यानी  ''काव्य-मंजूषा'' की मालकिन हैं तथा स्याही और कागज़ के मालिक दीपक मशाल से मेरी बात हुई
क्या खूब पायी थी उसने अदा,
ख्वाब तोड़े कई आंधिओं की तरह.
कतरे गए कई परिंदों के पर,
सबको खेला था वो बाजियों की तरह.
हौसला नाम से रब के देता रहा,
औ फैसला कर गया काजिओं की तरह.
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अनुराग शर्मा जी के स्वर में सुनिए कहानी
 यहाँ हिंद-युग्म के आवाज़ पर 
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8.3.10

अदा जी ने ले ही लिया इंटरव्यू हमारा

आज सुबह  सवेरे  ललित जी पाबला जी से प्राप्त  स्नेहिल शुभ कामनाएँ और शाम की आहट के साथ पाबला जी के  ब्लॉग एवं +९१९८७०८०७०७० एस एम एस के ज़रिये सूचना के प्रकाशित एवं प्रचारित होते ही कि आज मेरे विवाह की साल गिरह है ढ़ेरो शुभ-कामनाएँ अंतरजाल की दुनियाँ से प्राप्त हुईं सभी का शुक्रिया अदा जी ने मुझे पकढ़ ही लिया और ले ही लिया इंटरव्यू हमारा  
साथ ही इन स्नेही मित्रों को मित्रानियों /पूज्यों के प्रति कृतज्ञता 
राज भाटिय़ा दादाजी , 'अदा जी    सिद्धार्थ जोशी जी   
praween trivedi ji

26.2.10

धोनी ने जिस कुएं का पानी पिया वो अदा जी के घर में ही

स्वप्न मंजूषा 'शैल' 
छवि साभार :  क्वचिदन्यतोअपि..........!
https://mail.google.com/mail/?ui=2&ik=f28b6629c4&view=att&th=1270adc2653ef6e0&attid=0.1&disp=inline&realattid=f_g63pkyqp0&zw अदा जी के प्रोनाउन [सर्वनाम] 



अदा जी से हुई बात चीत में हुए खुलासे 
  • रांची में अदा जी और धोनी ने जिस कुएं का पानी पीया है वो अदा जी के घर में ही 
  • अदा जी से  विवाह के लिए उनके पिता जी को आवेदन पत्र पेश किया था संतोष जी ने 
  • अदा जी  मिमिक्री आर्टिस्ट एंकर प्रोड्यूसर और पिछले छै महीने से हिन्दी-ब्लॉगर भी हैं 
  • अदा जी कविता,गज़ल,नृत्य,नाट्य,ध्वनि-आधारित कला साधिका हैं 
अदा  जी  को कनाडा सरकार ने सम्मानित किया
    यकींन न  हो तो खुद ही सुनिए 

    मेरे बारे में

    मेरी फ़ोटो
    जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर

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