3.7.11

परिकल्पना ब्लागोत्सव की एक झलक जीवन के रंगमंच से ...चाँद के पार ....


वेब दुनिया इंदौर की वरिष्ठ सदस्या स्मृति जोशी को हिंदी जगत में एक प्रखर लेखिका के रूप में जाना जाता है . अपने आलेखों में नए और लालित्यपूर्ण विंबों के माध्यम से सामाजिक जनचेतना को आयामित करने में इन्हें महारत हासिल है . विगत दिनों उनके बेस्ट वेब फीचर कठोर परंपरा का भीना समापनके लिए उन्हें लाडली मीडिया अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें दूसरी बार प्राप्त हुआ है . चाँद के पार स्तंभ के अंतर्गत प्रस्तुत है उनका एक चर्चित ललित निबंधबदली से निकला है चाँद ….!
=============================================================
नहीं जानती अं‍तरिक्ष के इस चमकीले चमत्कार से मेरा क्या संबंध है लेकिन जब भी कुछ बहुत अच्छा लिखने का मन होता है चाँद मेरी लेखनी की नोंक पर बड़े अधिकार के साथ आ धमकता है। यूँ तो मेरी लेखनी की कुछ बातें खुद मुझे हैरत में डाल देती है।

ब्लागोत्सव 2011 में प्रकाशित प्रसारित हो रही पोस्ट की इन दिनों उसी तरह प्रतीक्षा की जा रही है जैसे कोई पहुना की बाट जोहता हो. यही तो एक अदभुत परिकल्पना है जो अनेकों को एक सूत्र में पिरोती है. 
देखिये ये पोस्ट  



इसे पढ़िये यहाँ---
प्रस्तुति :  श्रीमति अर्चना चावजी
               एवम गिरीश मुकुल

4 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

स्मृति जोशी को बधाई!
--
अर्चना चावजी का वाचन अच्छा लगा!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

स्मृति जी को इस आवाज़ से अच्छी शुभकामनायें और क्या... जिसमें हम सब भी शामिल होने को एकत्रित हैं , अर्चना जी- मुझे बहुत अच्छा लगा

Unknown ने कहा…

स्मृति जी को इस आवाज़ से अच्छी शुभकामनायें और क्या... जिसमें हम सब भी शामिल होने को एकत्रित हैं , अर्चना जी- मुझे बहुत अच्छा लगा

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

स्मृति जी को बधाई...

Wow.....New

धर्म और संप्रदाय

What is the difference The between Dharm & Religion ?     English language has its own compulsions.. This language has a lot of difficu...