अपनाने में हर्ज क्या है ???











एक पोस्ट केवल राम जी के ब्लॉग "चलते-चलते" से---
 

 केवलराम की यह पोस्ट अर्चना जी ने उम्दा ब्लागपोस्ट की पाडकास्टिंग की गरज़ से पेश की है. केवलराम जी एक उम्दा और भीड़ में अलग दिखाई देने वाले व्यक्तित्व के धनी हैं. उनके दो ब्लाग हैं
चलते -चलते ....! और  "धर्म और दर्शन".. वे हिंदी ब्लागिंग के लिये इतने समर्पित है कि उनने शोध के लिये हिंदी ब्लागिंग को चुना है.... हिंदी संस्कृत अंग्रेजी पर समान अधिकार रखने वाले केवल राम जी को दुलारिये एक मेल कीजिये उत्साह वर्धन कीजिये...ये रहा  उनका मेल-पता  
kewalanjali84@gmail.com
-गिरीश बिल्लोरे
_______________________जन्म दिन (आभार-पाबला जी का )________________

टिप्पणियाँ

केवल जी के ब्लॉग पर अक्सर जाना होता है ....उनकी उम्दा रचना को आपने चुना है....जानकर अच्छा लगा.....

बहुत बढ़िया प्रस्तुति अर्चना जी ...
Dr Varsha Singh ने कहा…
केवल राम जी के ब्लॉग ‘चलते -चलते ....!’ और "धर्म और दर्शन".. दोनों बहुत उत्तम हैं...

अर्चना जी,
इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!
Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…
केवल राम जी पर अच्छी प्रस्तुति के लिए अर्चना जी आपको आपको हार्दिक धन्यवाद!
केवल राम जी के ब्लॉग ‘चलते -चलते ....!’ और "धर्म और दर्शन".. दोनों बहुत ही उत्तम हैं...उनका लेखन भी उच्च कोटि का है...उनकी उम्दा रचना को आपने चुना इसके लिए आपका आभार...

अर्चना जी,
इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद!.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
केवल राम जी का लेखन उच्च कोटि का है
बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद..अर्चना जी
विशाल ने कहा…
केवल जी का लेखन सच में जीवन दर्शन है.
अर्चना जी को बधाई इस उम्दा अभिव्यक्ति के लिए.
S.M.Masoom ने कहा…
वाह क्या बात है ,केवल जी कि कलम और अर्चना जी कि आवाज़. बेहतरीन
Kunwar Kusumesh ने कहा…
केवल जी के ब्लॉग पर जाना होता रहता है.
Rakesh Kumar ने कहा…
केवल राम जी तो केवल 'राम' ही हैं

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