किसी ने किसी को नहीं सुना दुनिया की सबसे लम्बी चैटिंग में

आज़ एक प्रयोग किया मैने अर्चना चाओजी से बात कर रहा था कि लगा इंदू ताई को भी बुलवां के टीचर्स डे मना लिया जावे फ़िरसोचाऔर लोगों  को जोड़ूं सो बस चैट चालू
आपने indu को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 यह अब एक समूह चैट है. एक अन्य व्यक्ति जोड़ें
 archana chaoji शामिल हो गए हैं.
 indu puri goswami शामिल हो गए हैं.
मैं: :-/
इन्दु ताइ भी साथ में है
archana: जी नमस्ते
indu: नमस्ते
मैं: ताइ को पहचानती हैं न आप
indu: कैसी हैं आप?
archana: जी नमस्ते
ठीक हू
indu: कहाँ से हैं?
मैं: इनकी मज़ेदार बात सुनिये दौनो टीचर जी का अभिवादन
indu: क्या जॉब में हैं?
archana: इन्दौर
indu: हा हा हा
archana: स्पोर्ट्स टीचर
ह्म्म्म्म्म्म्म
indu: अर्चना जी भी टीचर?
मैं: शिक्षक-दिवस है नाज़
indu: बाप रे!
मैं: है दौनो पर
archana: अब गिरीश जी का शुक्रिया......
indu: ज्यादा ऊंची न दो गिरीश
archana: शिक्शक दिवस पर इन्दुजी से मिलवाने के लिए
indu: खूब मिसयूज किया  सबने ताचर्स का
मैं: ताई को सम्मानित किया है आज़ जेन्ट्स क्लब ने
indu: इंसानों से लेके पशु तक गिनवा लिए
archana: वाह ....बधाई
indu: ओह टीचर्स का मिस यूज
थेंक्स
archana: ये तो हमेशा होता है
परटीचर्स हैन काम तो करेन्गे ही
indu: अन्ताक्षरी में जो गा रही थी वे ये ही हैं क्या गिरीश?
 आपने dipak को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 dipak mashal शामिल हो गए हैं.
archana: जी ..........इन्दुजी
मैं: दीपक भाई
archana: मै ही थी
स्वागत दिपक
indu: वाओ कितना प्यारा गाती हो!
मैं: जी
archana: धन्यवाद
dipak: ji
indu: दीपक्क्क्क्क्क जी वाह
dipak: namaste sir
ji dipakkkkkkkkkkk thik hai
archana: स्नेह दीपक
dipak: lekin ji nahin
:)
मैं: ताई मै कवि हूं मेरे गीत भी गाए हैं इनने
dipak: namaste maasi
indu: बाबा! आपसे यूँ मिलना हो जायेगा सोचा भि नही था
dipak: Girish ji
Indu ma'am
archana: ह्म्म्म
मैं: और बताएं किसे लादूं इधर
indu: हा हा हा
मैं: नमस्ते दीपक
archana: मै लू
dipak: :)
indu: कही तो ये दिल कहीं मिल नही पाते कहीं से निकल आये जन्मो के नाते...........
archana: हाहा हा
तेरा मुझसे है पहले का नाता कोइ ......
dipak: tera mujhse hai pahle ka nata koi
warna yoon hi nahin dil lubhata koi
indu: लो
archana: wowwwwwwwwwwwwwwww
dipak: ye antakshari chal rahi hai shayad
:)
मैं: http://www.youtube.com/watch?v=btjA7eMRsUg&feature=fvst


www.sochnagri.com Kahin Door Jab Din Dhal Jaye - Anand
indu: हा हा हा
dipak: sahi
chitrpat antakshari
archana: दीपक यहा भी एक ही गीत
indu: वही मैं भी देख रही हूं
इसे कहते हैं एक तार होना
archana: ह्म्म्म्म
मैं: jee
:)
indu: नों जोइंट एट आल
archana: पता नही कैसे पर मेरे और दीपक के साथ बहुत बार होता है
indu: आपमें से स्टेज पर धमाल का शौक किस किस को है?
dipak: taar
??
मैं: http://www.youtube.com/watch?v=d-rhVM2usPg


tera mujhse hai pahle ka nata koi-aa gale lag ja
dipak: shauk to nahin pata
mujhe junoon jaroor hai
indu: तो??????
archana: मैने तो कभी किया नही कुछ
dipak: aap background se sing karengeen na
archana: और गाना भी यही किया बस
dipak: :)
archana: मुझे कह रहा है?
indu: एक्सक्यूटिव प्रेसिडेंट  नाराज हो गए थे मेरी एक बात पर स्टेज पर बुलाया गया स्पीच देने के लिए मैंने वही बात दुहरा दी
मैं: देखो वो मेरा प्रिय गीत  मेरे बचपन की तस्वीर
dipak: kau n si baat
archana: ह्म्म्म्म
dipak: aapke bachpan ki
:)
kitne cute the aap
indu: आया है मुझे फिर याद वो ज़ालिम गुजर ज़माना बचपन का
dipak: vaise hi neele wale kapde abhi bhi pahaniye
 आपने bspabla को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
dipak: :)
 bspabla शामिल हो गए हैं.
dipak: ye blog baithak hai kya?
archana: जी नमस्ते पाबला जी
शायद
indu: वीरजी
dipak: pabla ji ke shree charanon me
bspabla: आप सभी को मेरा नमस्कार
indu: वीरजी हा हा हा
bspabla: ब्लॉग बैठक ही है शायद :-)
dipak: Sat shree akaal taya ji
मैं: http://www.youtube.com/watch?v=pRS3PsHrawY


Bachche Man Ke Sachche - Neetu Singh,Mala Sinha, Biswajeet - Do Kaliyaan
bspabla: ताया जी!
मैं: paabalaa ji kaa swaagat hai
dipak: are sorry
taau ji
bspabla: ओए दीपक
dipak: :)
bspabla: भांग चढ़ा ली है क्या :-)
archana: ह्म्म्म
सोया नही था देर रात तक
bspabla: हा हा हा
dipak: haan
4 baje soya
archana: मुझे पता है
dipak: subah 10 baje
indu: ..........................
dipak: doston ka phn aa gaya
ki dosa ban raha hai
aaja
bspabla: नानी!
dipak: :(
indu: वीरजी यस
dipak: bhaang
ha ha ha
मैं: पाबला जी देखिये तार से तार जुड़ गए इन्दू ताई भी इधरिच्च है
dipak: ek baar kisi ko khila di thi
holi pe
bspabla: लगता है कोई एमर्जेंसी मीटिंग है शैतानों की
dipak: fir 16 ghante tak usko
pakjad ke baitha
bspabla: नानी जो आ गई
indu: मैंने भी खाई थी एक बार
archana: हा हा हा
dipak: ki khidki se na kood jaye
Vivek rastogi jo ko bulaiye
wo bhi aana chah rahe hain
archana: ओह्ह्ह
मैं: शैतान की मासी, मेरी ताई, दार जी सब एक साथ हैं बज़्ज़ इधर इच्च
archana: सबसे यहा मुलाकात होगी ......सोचा न था
indu: छलिया आइये एक बात सबसे पूछनी है
राय लेनी है बेबाक
dipak: Vivek ji pooch rahe hain
wo kais eaayen
मैं: ठीक है
 Vivek Rastogi शामिल हो गए हैं.
dipak: is goshthi me
good
Vivek ji
welcome sir
indu: हा हा हा मज्जा ईच आ गया
Vivek Rastogi: धन्यवाद
मैं: जै हो
archana: १ मिन मे आती हू
Vivek Rastogi: क्या बात है, हमें तो आज पता चला कि बैठकी भी हो रही है
bspabla: अरे! ये चैट विन्डो छोटी पड़ रही!! सब सरपट भाग रहे हैं
dipak: ha ha ha
Vivek Rastogi: सभी को हमारा नमस्कार
indu: :)
dipak: isko bada kar leta hoon
maine to kar liya
indu: नमस्ते विवेक 'जी'
मैं: http://www.youtube.com/watch?v=l_hlBHE3c-A


Song: Yeh Dosti Hum Nahin Todenge Film: Sholay (1975) with Sinhala Subtitles
Vivek Rastogi: नमस्ते "इंदु जी"
वाह क्या बात है
indu: हा हा हा
bspabla: अब ठीक है! चैट खिड़की बड़ी हो गई
dipak: ye dosti sun loon kya
ya baat karoon pahle
Vivek Rastogi: हमने भी बड़ी कर ली है
indu: मैंने भी बड़ी कर ली
 आपने SANGITA को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 SANGITA PURI शामिल हो गए हैं.
 SANGITA PURI चला गया है.
मैं: संगीता जी इस अड्डे पे स्वागत है
dipak: good
ab king size chatting karte ahin sab
:)
 SANGITA अभी ऑनलाइन नहीं है.
indu: ओ माई गोड ! ब्लोगर्स मीट हो गई ये तो
dipak: nahin
Vivek Rastogi: फ़िर नहीं तो ...
dipak: international sammelan
मैं: ही ही
dipak: maha sammelan
indu: हा हा हा
मैं: :D
Vivek Rastogi: हे हे सही है
 ललित शर्मा शामिल हो गए हैं.
dipak: B-)
indu: :P  लो  आओ आओ शेर
मैं: मूंच वाले भैया जी नमस्ते
archana: :)
Vivek Rastogi: आईये शेर सिंह जी
स्वागत है
मैं: मूंछ वाले
ललित: वाह
indu: गब्बर सिंह अपुन का
ललित: सभी को नमस्कार
dipak: ye kya hua
ललित: आज ये जमावड़ा कैसे
indu: नमस्कार
मैं: नमस्ते जी
archana: beti ke sir me malish karna hai.....................sorry
indu: गिरीश जी की मेहरबानी से
 bspabla चला गया है.
Vivek Rastogi: वही हमें तो अभी दीपक जी ने बताया कि ब्लॉग बैठकी चल रही है
dipak: haan maasi aap malish karke aaiye
ललित: पाबला जी चले गए
मैं: ताई ने किसी को फ़ोड़ने बुलावा भिजवाया था
dipak: warna 10 min baad usko karni padegi
aapke sar me malish
:P
ललित: अरे
किसको फ़ोड़ रहे हो
indu: बिलकुल नही मैं यहीं हूं
Vivek Rastogi: हे हे
dipak: oho
ललित: दादा
dipak: kya hua
pabla ji kyon rooth gaye
archana: DIPAK.............
dipak: ha ha ah
indu: सुनिए
सुनिए
dipak: ji ma'am
Vivek Rastogi: अरे रुठे नहीं हैं, वे जीटॉक से लड़ रहे हैं आज
indu: सुनिए
dipak: sab khamosh ho jaaiye
ललित: सुनाईए
मैं: ताई अब बताओ कौन था जिसे आपकी बात का बुरा लगा आज़
dipak: Indu ma'am kuchh kah rahi hain
Vivek Rastogi: हम खामोड़ हैं
खामोश
indu: हा हाहा
चलो बताती हूं
ललित: किसे बुरा लग गया
मैं: उसका सर
ताइ को
indu: शर्त ये है बिना किसी संकोच के राय देंगे
मैं: जी
Vivek Rastogi: संकोच बो क्या होता है
indu: ब्लोग पर दिए जाने वाले कमेंट्स की तरह वाह वाह नही करेंगे आप लोग?
Vivek Rastogi: ड्राईंग रुम में संकोच नहीं किया जाता है
मैं: सभी हां हूं करते रहो भाई
ललित: वाह वाह
indu: ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
हुआ यूँ कि..........
dipak: ki........
Vivek Rastogi: बिल्ली दूध पी गई
??
ललित: राम प्यारी
Vivek Rastogi: दूध फ़्रिज में रख देना था
मैं: मज़ा आ गया
indu: जन्म अष्टमी के रोज यहाँ के मंदिर में  ई.पी. साहब यानि कम्पनी के बेताज बादशाह
मैं: :D ;) :)
dipak: ji
ललित: कौन सी पी
Vivek Rastogi: अरे नहीं ई के बाद पी
indu: पैसे,चोक्लेट्स न्योछावर कर रहे थे
लोग टूट पड़े
कुछ लोग,बच्चे गिर पड़े
dipak: ch ch ch
Vivek Rastogi: ओह्ह यह तो ठीक नहीं हुआ
ललित: हां जी
indu: बाद में मुझसे नही रहा गया
Vivek Rastogi: फ़िर आपने तो सारी चाकलेट छीन ली होगी
ललित: फ़ेर के होया?
indu: मैंने पास जा कर कहा-''सर! आप ये क्या कर रहे हैं?
 आपने shikha.v20 को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 shikha.v20 शामिल हो गए हैं.
indu: कोई हादसा हो जाएगा
Vivek Rastogi: ओह्ह फ़िर
indu: उनको बुरा लग गया
मैं: हा
indu: बंद तो तुरंत हो गया वो सब
Vivek Rastogi: बड्डे बड्डे लोग होते ही ऐसे हैं
dipak: hmm
indu: पर वे नाराज हो गए
ललित: अच्छा
मैं: हूं
Vivek Rastogi: तुरत फ़ुरत में बुरा लग जाता है
ललित: ह्म्म
shikha.v20: are kya ho raha hai ye?
Vivek Rastogi: बिल्कुल राजधानी की तरह
मैं: नमस्ते शिखा जी
Vivek Rastogi: सॉरी राजधानी ट्रेन की तरह
indu: मुझे कुछ लोगों ने कहा आपको क्या पड़ी है आपको नही बोलना चाहिए
dipak: ye kaun hain
Vivek Rastogi: शिखाजी नमस्ते
shikha.v20: namaste
dipak: London se bhi log aa gaye kya
ललित: शिखा जी नमस्ते
indu: गोस्वामीजी कि नौकरी खा जायेंगे किसी भी बहाने
dipak: di ko din bhar time to miila nahin
:)
shikha.v20: namashkaar ..
Vivek Rastogi: बिल्कुल सही फ़ँटॆ में टांग क्यों अड़ाना
मैं: टीचर्स डे मन रहा है इन्दु ताई और अर्चना चाओजी प्रमुख अतिथि हैं
indu: ओके
shikha.v20: hey deepak !
indu: वेलकम शिखा
shikha.v20: okk
indu: आओ गले लगाऊँ
shikha.v20: thanks indu ji
ललित: बढिया किया आपने
dipak: are mukhya atithi to gain
Vivek Rastogi: अरे हाँ इन्दू जी शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ
indu: थेंक्स
dipak: sar me tel lagane
indu: अरे बात पूरी सुनो रे बाबा
dipak: maasi hain to nahin
ललित: किसकी मजाल है जो गोस्वामी जी की नौकरी खा जाए
dipak: :P
ji ma'am
sun rahe hain
मैं: :-o
Vivek Rastogi: हाँ फ़िर
मैं: हओ
Vivek Rastogi: जी आगे
indu: अरे! हमने इस सबकी परवाह कभी नही कि
मैं: ताइ बोलो
indu: भाद में जाए ऐसी नौकरी
मैं: देती घुमाय के एक छड़ी
Vivek Rastogi: तब तो साह्ह्ह्ह्ब बहादुर फ़क्क रह गये होंघे
होंगे
मैं: हओ
indu: तो साब ई पी का मुँह फूल गया
Vivek Rastogi: किसको कौन
मारा
ललित: कैसे?
indu: बादशाह को बच्चे ने नंगा जो कह दिया
मैं: ताइ टू साहब
Vivek Rastogi: किस्को पड़ी
जे तो सही है
dipak: oho
Vivek Rastogi: सटाक कर के लगी होगी
तबही तो
indu: मैं बहुत निकृष्ट किस्म की औरत हूं
ललित: तुहाड़ा वी जवाब नई
Vivek Rastogi: एक तो १०० रुपय्या खर्च किया चोकलेट लाने के लिये
ललित: हे भगवान
indu: कलेक्टर हो याँ सी. एम सिंधिया
Vivek Rastogi: ऊपर से ई के बाद की पी बज गई
indu: सच बोलने से नही डरती
............
मैं: :D
shikha.v20: darna bhi nahi chhaiye :)
indu: आज स्टेज पर बोलने के लिए बुलाया गया
Vivek Rastogi: बिल्कुल हैडमास्टरनी तो बिल्कुल भी नहीं डरती
एठ्ठो हमारे घर में भी है
indu: मैंने कहा- मेरा बेंक में हिंदी अधिकारी
Vivek Rastogi: वे भी नहीं डरती
dipak: y d way
indu: कोलेज लेक्चरर
dipak: i mean BTW ye CM sindia kaun hain
vivek ji
indu: और प्राइमरी टीचर पर सलेक्शन एक साथ हुआ
मैं कन्फ्यूज थी
मैं: :D
Vivek Rastogi: अरे वसुन्धराराजे
indu: मेरे गुरु से पूछा उन्होंने कहा इंदु तुम में सच बोलने की हिम्मत है
Vivek Rastogi: इन्दु जी के राज्य की सी.एम. थीं
ललित: :D
indu: मैंने कहा है सर
shikha.v20: :)
indu: बिना हर्ट किये?
dipak: ohoi
wo walin
main gwalior se aage hi nahin ja pata
Vivek Rastogi: बात बोली बिना हर्ट किये ;-)
dipak: sindia naam se
Vivek Rastogi: क्या बात है
मैं: टीचर जी वसुन्धरा भी आन लाइन है मेरे साथ
indu: मैंने कहा -सर सच से कोई न कोई हर्ट तो होता ही है
मैं: बात कराऊ
Vivek Rastogi: हा हा दीपक जी
ललित: जोडिए उन्हे भी
Vivek Rastogi: जोड़िये जोड़िये
मैं: फ़ेस बुक पे
shikha.v20: oh to ye jodne ka kaam deepak ka hai :)
indu: मेरे गुरु ने कहा फिर भि सच बोलने की हिम्मत है तो टीचर बन जाओ
..........................
shikha.v20: mujhe jana hai sabko ram ram
Vivek Rastogi: ये तो है
shikha.v20: fir milenge
indu: मैंने ई.पी की ओर देखा और बोली
Vivek Rastogi: राम राम
 shikha.v20 चला गया है.
dipak: mujhe kyon badnaam kiya ja raha hai
Indu ma'am
Vivek Rastogi: दीपक जी क्या हुआ
मैं: अर्चना जी का भासण होगा
indu: सर! मैं टीचर बन गई और आज आपके सामने हूं
dipak: mujhe ye nahin samajh me aa raha ki bina hurt kiye sach kaise bol sakte hain aaj ki dat em
indu: एक टीचर के रूप में
मैं: भाषण
ललित: खामोश
तालियाँ
dipak: date me
Vivek Rastogi: वाह वाह तालियाँ
indu: तालियाँ??
मैं: हमारे बीच
indu: नही मैं गम्भीर हूं
मैं किसी का दिल दुखाने के बाद सो नही पाती
Vivek Rastogi: हम भी तालियाँ बजाते हुए गम्भीर हैं
ललित: अर्चना जी के भाषण के लिए
indu: पर.................
मैं: सुर साधिका टीचर जी का स्वागत
Vivek Rastogi: स्वाग्त है
indu: मैंने जो किया क्या वो सही था
Vivek Rastogi: स्वागत है
मैं: आइये अर्चना जी
indu: बेस्ट तरीका क्या हो सकता था इसका?
Vivek Rastogi: अरे पर किया क्या
जो गलत था
 archana पहले ही इस चैट में है.
ललित: हमारी छोटी बहना जो करती है सब सही है
हम पुरजोर समर्थन करते हैं
Vivek Rastogi: ओह्ह टीचर बनने का फ़ैसला
बिल्कुल सही किया
 आपने Firdaus को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 Firdaus शामिल हो गए हैं.
ललित: खूब लड़ी मर्दानी वो तो हमारी छोटी बहना थी
dipak: areeeeeeeeee
ye kya baat hui
veerta se ladeen to
मैं: नमस्ते जी
dipak: mardani ho gain
kyon kya aurton me khud ki veerta nahin hotui
Firdaus: namaskar
dipak: m lalit ji
namaste firdaus ji
Vivek Rastogi: नमस्ते फ़िरदौस जी
ललित: नमस्ते फ़िरदौस जी
स्वागत है
dipak: Lalit sir aapse sawal hai
peechhe jaaiye
Vivek Rastogi: हाँ जल्दी से पूछ लो
indu: ????????????????????
dipak: :P
aap log sirf itna bata diziye
Vivek Rastogi: क्या
क्या
मैं: आज़ शिक्षक दिवस पे इन्दु ताई के भाषण के बाद अर्चना जी का उदबोधन होगा
dipak: ki auraten bahaduri se laden to mardani kyon kahin jaati hain
indu: भाषण?
dipak: kya bahaduri par sirf mardon ka adhikaar hai
ललित: भैया ऐसा ही सुभद्रा कुमारी चौहान ने कहा था
indu: मैं भाषण देरही थी?
archana: ह्म्म्म्म्म्म
नमस्ते
आ गई हू मै
Vivek Rastogi: मर्दानी तो मरने के बाद की उपाधी है
dipak: Nahin Ma'am
मैं: अब अर्चना की बात सुनिये
ललित: हम तो उन्ही का कहा लिख रहे है
Vivek Rastogi: वीरांगणा की उपाधी है
archana: किस बात पर भाषण ..........
dipak: Wo Girish ji jyada utsaah me kah gaye kuchh
ललित: शिक्षक दिवस पर
indu: मैंने एक इंसिडेंट आप लोगों को बताया है
मैं: जी कहिये शिक्षक दिवस पर
dipak: Vivek ji sahi bole
indu: और मैं सचमुच ऐसी हूं
Vivek Rastogi: काश कि मैं भी ऐसाच होता
 Firdaus चला गया है.
Vivek Rastogi: :)
dipak: aisa hona jaroori hai
ललित: :D
dipak: agar hamen sach me aage badhna hai to
Vivek Rastogi: गाड़ी में पेट्रोल फ़ुल टैंक होना चहैये
नहीं तो आगे नहीं बड़ पायेंघे
indu: बाबा! मुझे अफ़सोस होता है जब पधा लिख वर्ग गलत होते देखता रहता है
मैं: चलो एक एक कर के बात करते है
Vivek Rastogi: कौन सी कार गिरीश जी
dipak: :)
ललित: आज ही टैंक फ़ूल कराया है
indu: ओके
dipak: kya hua Firdaus ji
Vivek Rastogi: फ़िर हमारे यहाँ छोड़ जाओ
dipak: Archna maasi
shant kyon hain
indu: मैं पढ़ रही हूं बोलिए प्लीज़
ललित: मुझे नहीं पता था कि गाड़ी इतनी चल जाएगी
मैं: हां तो इन्दू ताई
Vivek Rastogi: जब टैंक खाली हो जायेगा तो वापिस से पेट्रोल भरने केलिये दे जायेंघे
archana: मेरी बोलती बन्द है .यहा
Vivek Rastogi: इन्दु जी कुछ तो कहिये
archana: सिर्फ़ पढ रही हू
Vivek Rastogi: अर्चना जी
dipak: Indu ma'am hum log samaaj se kuchh jyada hi darte hain
indu: यस
archana: जी
नमस्ते
ललित: यस
मैं: मास्टर के बगैर देश कैसे की दशा और दिशा पर विचार रखिये
dipak: aur sahi galat samajhne ki soch khatm hoti ja rahi hai
Vivek Rastogi: अर्चना जी ने नमस्ते से अपना भाषण शुरु किया है
indu: मुझे डरपोक और कायर लोग पसंद नही वो कोई भी हो पति,बेते या बेटी भी
Vivek Rastogi: कृप्या शांत
मैं: सब चुप हो जाए
Vivek Rastogi: बिल्कुल इंदु जी सही बात है
हम भी नहीं डरते हैं
indu: और कोई कायर नही मेरे
Vivek Rastogi: जमीन आसमान एक कर देते हैं
archana: इतना कठिन काम..क्यॊ दिया है मुझे ?
indu: यस
Vivek Rastogi: और ऐसे लोगों की वाट लगा डालते हैं
ललित: चित्तौ।
indu: यस लगानी भी चाहिए
Vivek Rastogi: 
ललित: बहुत बढिया कि्या आपने
indu: ही ही चित्तोड
मैं: सब एक बात सुनिये
indu: टुकड़े क्यों कर दिए बिचारे के?
यस
Vivek Rastogi: अरे हमने तो पूरा किया है
ललित: गाडी इतनी तेज चल रही है कि डिब्बा पकड़ में नहीं आ रहा
मैं: ललित जी,मशाल जी, विवेक भाइ,
Vivek Rastogi: टुकड़े में तो बैठकी मे हो चली थे
indu: सबके डायलोग्स वही जैसे किसी ब्लोग पर कमेन्ट दे रहे हो
हा हा हा
archana: हा हा हा
ललित: हा हा हा
Vivek Rastogi: फ़िर तो ये शेर सिंह का लायसेंस जाने  वाला है
ललित: सारे प्रोफ़ेशनल ब्लागर हैं
;)
archana: दोनि तीचर हस रही है एक साथ
dipak: behatreen
archana: टीचर
dipak: bemisaal
indu: हा हा हा
dipak: gazab
kamaal ka likha hai aapne
Vivek Rastogi: चलो किसी ने तो अपने को प्रोफ़ेशनल ब्लॉगर माना
dipak: bahut sunddar
maza aa gaya
Vivek Rastogi: :) :D
indu: दिल छू गया
dipak: aanand la diya aapne
archana: अद्भुत
dipak: ji dil ko chhoo gaya
Vivek Rastogi: nice
dipak: bina surgery ke hi
seedha dil tak
indu: वाह वाह
archana: ये रह गया था
ललित: इंदु जी फ़िर आगे क्या हुआ?
dipak: natmastak hoon
मैं: ""टीचर्स डे का अर्थ क्या है  ""
Vivek Rastogi: आपकी लेखनी से प्रभावित हूँ
ललित: कहानी इ पी साहब का
dipak: ab suniyega bhaai
Vivek Rastogi: अरे वो तो ई के बाद पी के चल दिये
ललित: भैया ये तो दिल्ली में मिलेंगे
तभी बताएंगे
dipak: agar inme se koi bhi comment meri post par aaye
indu: सम्मानित भी उन्ही ने किया आज
dipak: to main samajh loonga ki aap logon ne post nahin padhee
:)
ललित: वाह
archana: वाह
Vivek Rastogi: ई पी - ईलेक्शन पमीशनर
 sharadkokas.60@gmail.com> आपके संपर्कों में नहीं है. आप केवल वर्तमान मित्रों को आमंत्रित कर सकते हैं.
indu: दीप एकदम सही कह रहे हो
dipak: pabla ji aa gaye
bulaaiye unhe
ललित: तब रोज तड़ी दे दिए करो
 आपने bspabla को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 bspabla शामिल हो गए हैं.
dipak: kya baat hai unhin ne sammanit kiya
मैं: क्या हुआ पाबला जी
dipak: unko shamil kariye ji
wo kah rahe hain
indu: हाँ बाबु!
dipak: aa gaye hain online
ललित: गजब
Vivek Rastogi: हाँ बुलाइये पाबला जी को भी
अरे आ गये
dipak: are bhai Pabla ji khade hain gate par
unhen bula liziye
Girish ji
indu: वीरजीईईईईईईईईई
Vivek Rastogi: अरे आ गये हैं
bspabla: इत्ते सारे ब्लॉगरों को देख मेरा कम्प्यूटर अपनी लंगोटी छोड़ भाग खड़ा हुआ था
dipak: ha ha ha
Vivek Rastogi: हा हा
dipak: chhee gandi baat
ललित: हा हा हा
indu: हा हा हा
 आपने Albela को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 Albela Khtari शामिल हो गए हैं.
dipak: bada hi besharm computer paaal rakha hai aapne
indu: यानि नंगा? शेम शेम
ललित: हम सोचे की सुभीता खोली में गए हैं
Vivek Rastogi: अब कस के बांध लीजियेगा
bspabla: अब क्या करें
मैं: नमस्ते खत्र्र जी
ललित: हा हा हा
मैं: खत्री जी
dipak: ye dekh lo
bspabla: पहले ही 70 टैब का भार लिए चल रहा था सफ़ारी
Vivek Rastogi: अलबेला जी राम राम
dipak: Gireesh ji
indu: वी आई पी की अन्दर्वीअर पहना दीजिए
हा हा हा
dipak: bina bataye chai bhi pee aaye
Vivek Rastogi: नहीं रुपा का
indu: आपके कम्प्यूटर को
dipak: kisiko pata bhi na chala
मैं: जी दीपक भाई
 शरद कोकास शामिल हो गए हैं.
bspabla: शरद जी भी आ गए
ललित: वाह
dipak: are ye sab bekaar hain
main yaahn se bhej deta hoon
Vivek Rastogi: शरद भाई को प्रणाम
मैं: शरद जी जू नमस्ते
dipak: yahan naade wale aate hain
ललित: स्वागत है शर्द भाई
indu: शरद जी नमस्ते
शरद: आप सभी को नमस्कार  शिक्शक दिवस की शुभकामनाये
ललित: बरमुडा कच्छा लिजिए
dipak: gurudev ko
Vivek Rastogi: नहीं एलास्टिक वाले में जो मजा है वो नाड़े वाले में नहीं "राजा बाबू" वाले
dipak: Nana ji ko
indu: हा हा हा
dipak: pranaam
मैं: ji zoo
bspabla: अरे! सब नाड़े में उल्झ गए
indu: बस बस
ललित: जी ---------------जा
indu: बस
शरद: काय गिरीश बढिया ?
मैं: हा हा
dipak: naade me gun bahut hain bin anada sab soon
ललित: कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया
indu: मैं रुकुं या जाऊं?
dipak: are sorry
Vivek Rastogi: अरे आप किधर
bspabla: क्या सरपट चल रही यह ब्लॉगर मीट
मैं: जीजा इतै कब्ब आ रये ह्वौ
ललित: हा हा हा
Vivek Rastogi: अभी तो शुरु हुई है मीट
dipak: sab shareefon ki tarah baaten karengea ab
शरद: जय हो
dipak: khaamosh
ललित: ताजा खबर ब्लागर मीट
शरद: बिलकुल
ललित: ओन लाईन
Vivek Rastogi: जी दीपक जी बिल्कुल
bspabla: और भी बुला लूँ?
मैं: इस पे एक पोस्ट तैयार  कीजिये
indu: मुझे अनकम्फर्ट फील होता है
dipak: gurudev ne balak ko aasheeh nahin diya
शरद: मज़ा आ जायेगा
dipak: Nana ji
nahin ji
Vivek Rastogi: वा हवा
ललित: गड्डी इतना लोड नई लैणी
शरद: नम्स्ते बेटा दीपक - नाना शरद
Vivek Rastogi: वाह वाह
ललित: इंजन फ़ैल हो जु गा
dipak: kyon na ek blogger sammelan ho jaye December me
indu: और मेरा नमस्ते?
शरद: ले लेगी जय गूगल बाबा
dipak: :)
charansparsh
शरद: नमस्ते इन्दु जी
Vivek Rastogi: अच्छा वाला ऑयल डलवाओ इंजिन बराबर च्लेगा
dipak: Nanaji cum gurudev
indu: शरद जी ईईईईईईईईई
archana: ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
शरद: यह ईईईईईईईईईए क्या है ?
मैं: जबलपुरिया कमाल देखे जीजा
Vivek Rastogi: हा हा ईईईईईईईईई
ललित: घमासान जारी आहे
indu: आवाज लगा रही हूं
bspabla: हा हा हा
indu: ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
dipak: kuchh nahin koi cockroach vagairah hoga
ललित: पुड़े स्पीड ब्रेकर आहे
bspabla: यह नानी है शरद जी
सैतान की नानी
archana: यहा भी कोई किसी की नही  सुन रहा
शरद: कोई है सुनने वाला ?
ललित: वाहन हलु चालवा
dipak: ya fir koi horror movie
bspabla: हा हा हा
Vivek Rastogi: अरे शेर सिंह मराठी में बात कर रहे हैं
indu: ऐ मैं कोकरोच से नही चूहे से डरती हूं
bspabla: शरद जी गड़बड़ा गए
शरद: मुझे नही पता मै सिर्फ दीपक का नाना हूँ
indu: और छिपकली से
मैं: जी सही कहा अर्चना जी
indu: छीईईईईई
dipak: ohh
bspabla: हा हा हा
ललित: छिपकिली से
dipak: tab theek hai
Vivek Rastogi: और मच्छर से
शरद: अर्चना जी भी है नमस्ते
ललित: हा हा हा
bspabla: क्या शोरगुल है
हा हा
कोई किसी की नहीं सुन रहा
Vivek Rastogi: बहुत हो हल्ला हो रहा है
dipak: blog mandee hai sabzee mandi ki tarah
शरद: गुल याने फूल
मैं: पाबला जी B-)
dipak: ha ha ha
ललित: की रोळा पाया है गा
indu: चलिए किसी खूबसूरत टोपिक पर बात कीजिये
ललित: दीजिए
शरद: शिक्षक दिवस पर
Vivek Rastogi: और क्या
bspabla: iकीजे
शरद: अपने बचपन को याद करे
ललित: टीचर्स डे पर
indu: यस
ललित: हमने टीचर्स पी
dipak: koi fayda nahin
Vivek Rastogi: नहीं वो तो अभी ३६ मिनिट बाद खत्म होने वाला है
शरद: हम भी कभी बच्चे थे
dipak: aise topic pe baat karne ka
main shamil nahin ho paaunga
ललित: और टीचर्स डे मनाया
dipak: kyonki jab maiin bachcha tha
Vivek Rastogi: कोई नया टोपिक होना चाहिये
indu: हे भगवान थ्री एक्स नही सिखा?
dipak: tab tak aap sab bachpan se kabke bahar aa gaye the
शरद: क्यो भई तू स्कूल मे नही पढा क्या ?
archana: ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म तु तो न..........
 rajiv taneja शामिल हो गए हैं.
शरद: तो क्या हुआ बच्चा है जी
dipak: okk
ललित: मैं तो सीधा कालेज ही गया था
bspabla: ये नानीभी ना, ऐसिच्च है
dipak: jaisi aapki aagya
Vivek Rastogi: जब मैं छोटा बच्चा था, बड़ी शरारत करता था
rajiv: नमस्कार जी...
dipak: to ek mazedaar baat ye hai ki
Vivek Rastogi: नमस्कार
dipak: pahle sab khaamosh ho jaaiye
archana: अरे..........एक सवाल????
dipak: do pal ka maun
ललित: बोलिए
bspabla: लो जी हंसते हंसाते राजीव तनेजा जी भी आ गए
Vivek Rastogi: कि सवालों की बौछार
dipak: welcome ji
मैं: मै तो दीपक भाऊई फ़िर मौन किस लिये
Vivek Rastogi: तनेजा जी स्वागत है
rajiv: सत् श्री अकाल एण्ड कॉपी टू आल
dipak: to baat ye hai ki mere bachpan me mujhe bachpan ka meaning nahin pata tha
rajiv: जी...
ललित: बोले सो निहाल
dipak: jab bhi koi kahani sunai jati school me ki
Vivek Rastogi: हे हे
क्या बात कर रिये हो दीपक भई
indu: ................
dipak: swami vivekanand ji ya subhash chandra ji jab apne bachpan me the
Vivek Rastogi: कि
कि
मैं: c.copy रिसीव्ड
indu: बोलो दीप
शरद: राजीव स्कूल मे कितनी बार मार पडी ?
dipak: to main pareshaan ho jata ki
मैं: थेन्कस
Vivek Rastogi: ऊऊह्ह्ह्ह
dipak: ye kis shahar ka naam hai
sab ke sab bachpan me jaate hain
Vivek Rastogi: ये भी सही है
dipak: main hi badnaseeb kabhi na ja paya wahan
archana: राजीव जी की एक कहानी आज मैने रिकार्ड की है
Vivek Rastogi: बचपन पचपन शहर के पास है
archana: बहुत मुश्किल से ................
rajiv: जी....शुक्रिया...
शरद: अभी तुम वहाँ से बाहर निकलो बचपन से
bspabla: ये सही है
dipak: ji nikal aaya
:(
rajiv: कब सूना रही हैं आप उसे?
ललित: अब तक छप्पन
dipak: koi sun hi nhain raha
Albela: ye kya ho raha hai bhai ?
शरद: राजीव जी की सत्यकथा ?
dipak: tabhi main bada ho gaya
indu: badnaseeb ???? ऐसा क्यों बोले बाबु?
archana: आप जब कहे
शरद: जय हो अलबेला भाई
Vivek Rastogi: ओह्ह
ललित: अलबेला भाई राम राम
Vivek Rastogi: सो सैड
bspabla: लो जी अलबेला जीk आ अंदाज़ देखिए
ललित: के हा्ल चाल
rajiv: आप उसे पोस्ट कर दें...
Albela: raam raam sabhi ko...
rajiv: मैं यहाँ से डाउनलोड कर लूँगा
Vivek Rastogi: किसको अलबेला जि को
archana: कहां
rajiv: राम राम जी....
ललित: कर लो
Vivek Rastogi: अलबेला जी को डाऊनलोड
कैसे
dipak: Albela ji ko sadar pranaam
शरद: अलबेला जी डाउन लोड कैसे होंगे ..डाउन ..लोड ?
मैं: अलबेला जी हम यहां टीचर्स डे मना रहे है
dipak: bhaaisaab ki tabiyat kaisi hai ab
archana: हा हा हा
Albela: yaar ye ho kya raha hai ? maine pahli bar dekha hai ye sab..mujhe bhi apni vaarta me shareek karo bhai !
ललित: स्पीड कम है
शरद: सब याद कर रहे है बचपन मे किस बदमाशी पर मार पडी
dipak: lekin prblm yahi hai ki sab teachers ban ke mana rahe hain koi student ki tarah sunne ko razi nahin
:P
rajiv: आ जाईये जी...आपका स्वागत है
ललित: डाउन ल्ल्ल्ल्ल्लोड मुस्किल है
Vivek Rastogi: अरे आप तो आलरैडि डाऊनलोड पर हैं
bspabla: सशमिल तो आप हैं ही अलबेला जी
archana: मेरी खिडकी पर आए सभी अतिथियो का स्वागत है..........................
Albela: kitne aadmi hain ?
archana: सादर नमन
Vivek Rastogi: १०
indu: बाबा! मैं सुन् रही हूं
bspabla: बस सरपट दौड़ लगाईए, अलबेला जी हम सबके साथ
Vivek Rastogi: सरदार दस
bspabla: कुल 10
शरद: खिडकी मजबूत है ना ये सब मोटे ताज़े लोग है ?
indu: वीरजी दीपक की बात सुनिए न
Vivek Rastogi: नहीं जी अपनी तो फ़्रेंच विन्डो है
rajiv: इंदु जी नमस्कार
Albela: bahut naainsaafi hai  , admi das aur sardaar sirf ek ?
bspabla: दीपक की बात?
indu: हा हा नमस्कार जि
archana: हा हा हा ...........................८ +२.............
मैं: अलबेला जी भैया अब ठीक होंगे
Vivek Rastogi: इतनी बड़ी रहती है कि टूटने की जगह ही नहीं होती
dipak: aadmi 7
शरद: हाहाहा वह भी खाली हाथ
ललित: जय हो
Albela: haan girish ji, bhaiya ghar a gaye hain.
dipak: Pabla ji 7 aadmi hain
archana: गुड दीपक
Vivek Rastogi: दीपक जी आगे
dipak: 3 deviyaan hain
शरद: पाबला जी की गिनती कमज़ोर है स्कूल मे सभी जानते है
Albela: vivekji  baal uge ki nahin.
Vivek Rastogi: तभी तो ...
bspabla: गिनती? वो क्या होती है?
Vivek Rastogi: अब उगा लिये हैं
ललित: बधाई हो बाल उगाने की
शरद: हाहाहा सकूल मे सिखाते है ना वही
Vivek Rastogi: कोई अपनी श्टाईल की कॉपी करने लगा था
Albela: ha ha ha ha  ginti bataao paablaaji ko.
Vivek Rastogi: इसलिये
dipak: Albela ji
maine poochha ki bhaisaab kaise hain ab
rajiv: दीपक जी...मेरी नई कहानी पर आपका कमेन्ट नहीं मिला है :-(
Albela: yaar aaplog bahut jaldi jaldi karte ho, zara araam sde karo na yaar !
शरद: पाबला जी कहते है एक  फिर एक होर फिर एक हर फिर एक होर .. हो गये दस
dipak: abhi padh hi nhaiin paaya sir ji
Vivek Rastogi: अरे ये टिप्पणी वार्ता यहाँ भी
rajiv: हा...हा...हा
Vivek Rastogi: यहाँ ब्लॉगर मीट में तो छोड़ दीजिये
dipak: ha ha ha
Vivek Rastogi: नहीं तो सभी अपनी पोस्ट की लिंक चस्पा देंगे
dipak: Vivek ji sahi kaha
rajiv: ब्लोगर वही जो चेप हो जाए....
Albela: dipak ji namaskaar !
bspabla: दीपक जी, अलबेला जी के भाई सा'ब अभी स्वस्थ हैं
indu: अभी ज्ग्दुंगी आपमें से कोई नही आता मेरे ब्लोग पर
dipak: ye kya agli post ka title hai Rajiv ji
शरद: कोई लिंक नही देगा भई
indu: पर...........मैं नाराज नही
dipak: Thanks Pabla ji
मैं: ओ के सारी
bspabla: शायद अलबेला जी इस चैट गति को पकड़ नहीं पा रहे
dipak: yani oopar wala fir se meri duaayen kabool karne laga hai
Vivek Rastogi: रुको र्को
indu: तू मेरी खुजला मैं तेरी खुज्लाऊ
rajiv: इंदु जी...आप अपने ब्लॉग का लिंक दें मेरी मेल पर
dipak: abhi beech me kuchh time ko naraz ho gaya tha
शरद: अल्बेला जी को कविता सुनाओ अभी स्पीड पकड लेंगे
indu: नही
ललित: रुको रुको रुको
 shivam.misra77@gmail.com आपके संपर्कों में नहीं है. आप केवल वर्तमान मित्रों को आमंत्रित कर सकते हैं.
indu: आप खुद धुन्धिये
dipak: ruk gaye hum
Vivek Rastogi: इंदुजी झगड़ने वाली हैं
Albela: main kavi hoon koi typist thode hi hoon, jo jaldi jaldi kar sakoon..ha ha ha ha
Vivek Rastogi: चलिये झगड़िये सब रुक गये
indu: ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
शरद: दीपक तुम्हारी उम्र है नाराज़ होने की लेकिन हम पर नही कही सही जघ पर हो
dipak: bilkul sahi jawab Indu ma'am
rajiv: ji....
dipak: Archna maasi khaamosh hain kyon
indu: लडाकिन समझे हो मुझे?
bspabla: हन अब रूक गए
dipak: are main nahin
Vivek Rastogi: ऐ लो खुद ही बोली थीं
dipak: bhaia oopar wala ho gaya tha mujhse
Vivek Rastogi: अब पलट गयीं
indu: ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
शरद: दीपक ऊपर तो तुम्हारे विवेक है वह ?
indu: ऐसिच हूं मैं तो
Vivek Rastogi: येई तो
ललित: सुनो सुनो सुनो
मैं: :-/
शरद: सुनाओ
Vivek Rastogi: सुन रहे हैं
मैं: सुना
indu: ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
rajiv: पे कमीशन का रोना रो

स्कूल बढाएँ फीस...

स्कूल बढाएँ फीस...

रोम-रोम मेरा क्रंदन करे

दिल में उठे बस यही इक टीस

मन्दी के इस दौर में क्यूँ

वो देना चाहें हमको पीस
Vivek Rastogi: बस टाईम अप
bspabla: x-(
शरद: अरे सुनाओ भी हम बहरे थोडे ही है
dipak: aisa kya
maine dekha nahin
ललित: कोई तो बोलो
Vivek Rastogi: बस टाईम अप
इत्ती देर थोड़े ही लगती है
rajiv: क्या बोलें...सब इत्ती फटफटा भागे जा रहे हैं
शरद: गुरु गोविन्द दौ खडे काके खीचू पाव
indu: मन्दी के इस दौर में क्यूँ

वो देना चाहें हमको पीस
rajiv: बीवी…बच्चे…धोबी….

नाई औ मुँशी…

सब माँगे पैसे

हालत अपनी बेहद पतली

ब्याँ करूँ मैँ कैसे
Vivek Rastogi: गाड़ी में फ़ुल टैंक पेट्रोल है अपने शेर सिंह की
dipak: ek min ek min. ek kaam karte hain sabka number lagate hain bolne ka
ललित: दोनो के खींच लो
Vivek Rastogi: नहीं
rajiv: जी...
मैं: चलो मेरा गोविन्द रख दीजिये
शरद: पाबला जी तुसी किथ्थे हो पाई ?
indu: मल्लिका बोली मुस्काय के बस टू पीस
dipak: numbering karo ek log Gireesh ji kee peeth pe anguliyaan rakh ke
Vivek Rastogi: हम जहाँ खड़े होते हैं वहीं से नंबर शुरु होता है
dipak: theek hai bhaai
शरद: लो फिर गिनती शुरू
bspabla: चैट विन्डो बड़ी कर लें, पॉप आऊट पर क्लिक कर
dipak: vivek ji pahle boliye
Vivek Rastogi: ये मेरा नहीं अमिताभ का डॉयलाग है
मैं तो बस ऐसे ही बोल गया :)
dipak: lekin wo to hai nahin
शरद: कर ली विंडो बडी
dipak: is meeting me
amitaabh hai kahan
bulaaiye use bhui
Vivek Rastogi: अरे वो भी ब्लॉगर हैं
शरद: कौन ?
Vivek Rastogi: उनको भी इन्वाईट कर लेते हैं
dipak: amitabh
ललित: कविता सुनो
Vivek Rastogi: बच्चन
ललित: अलबेला जी
Vivek Rastogi: नहीं,,,,
शरद: वो नही आयेगा
rajiv: 

सबको आजमाया बार-बार हमको आजमाएं एक बार …

पुरखों से मिला वरदान …

हर समस्या का मिनटों में समाधान …
dipak: vivek ji kah rahe hain pahgle bolne ka no. uska
Vivek Rastogi: अभी कविता का मूड नहीं है
Albela: bhai logo ! samajh me kuchh nahin aa raha par maza bahut a raha hai ..jai ho aapki..ha ha ha
शरद: समझे राजीव जी
ललित: भाषण सुनो
मैं: अभी टीर्स डे मनाओ सभी भाई
Vivek Rastogi: हाँ तो सुनो
 Shivam Misra (shivam.misra77@gmail.com) शामिल हो गए हैं.
 Shivam Misra चला गया है.
 Shivam Misra (shivam.misra77@gmail.com) शामिल हो गए हैं.
 Shivam Misra चला गया है.
archana: ab mujhe jana hoga
dipak: albela ji sardard ki dawa lene gaye honge
Vivek Rastogi: हमने तो कभी टीचर्स डे मनाया ही नहीं
archana: namaste  sabhi ko
शरद: जबल्पुर के टीचर तो हमारे घर मे है गिरीश भैया
Vivek Rastogi: एक बार मनाने की कोशिश की कॉलेज में
ललित: हम तो रोज मनाते हैं टीचर्स डे
rajiv: नमस्कार
ललित: शाम  7 बजे के बाद
शरद: हम भी ..
Vivek Rastogi: तो हमारे प्रोफ़ेशर साह्ह्ह्ब नाराज हो गये
dipak: ye manate kaise hain
ललित: दिल्ली में भी मनाए थे
राजीव जी को पता है
dipak: naraz ho gaye?
मैं: हमारी बहन जी है मेरी ओर से उनके चरण स्पर्श करिये
Vivek Rastogi: हमने पास के खेत से पूरे गुलाब के फ़ूल तोड़ कर कॉलेज में जो ले आये थे
dipak: sahi teacher's whisky pee ke
Vivek Rastogi: सब टीचर्स को देने के लिये
bspabla: शिवम मिश्रा आ-जा रहे, बात क्या है?
dipak: charansparsh
शरद: हम भी रोज करते है .. जबल्पुर वालो से डरके रहना पडता है भाई
मैं: @शरदजी हमारी बहन जी है मेरी ओर से उनके चरण स्पर्श करिये
Vivek Rastogi: तो बस प्रोफ़ेसर
rajiv: ARRE BHAI...ITNI UMR NAHIN HAI MERI
मैं: शरजी
Vivek Rastogi: ने हमारे बैंड बजा दी
Albela: sharad kokas ji bhi hain kya saath me ?
शरद: कर लिये भैया चरण स्पर्श आपकी ओर से
मैं: शरद जीजू वो  हमारी बहन जी है मेरी ओर से उनके चरण स्पर्श करिये
Vivek Rastogi: चलिये ब्लॉग महावीरों अब सबको हमारा नमन
हम तो चले
शरद: अरे अलबेला भाई पहचाना नही क्या ?
 ललित शर्मा चला गया है.
bspabla: जी अलबेला जी, शरद कोकास भी यहीं हैं
dipak: are vivek ji
band bajane ke baad
kya hua
indu: विवेक्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्क्
Vivek Rastogi: कल से पाँच दिन की मजदूरी के लिये सोना भी जरुरी है
indu: तुम ऐसे नही जा सकते
Vivek Rastogi: फ़िर कैसे
शरद: कर लिया भैया चरणस्पर्श आपकी ओर से भी अपनी ओर से भी सारे जबलपुर की ओर से भी
Albela: yaar ye to maharthiyon ki mahfil lagi hai ..roz lagaate ho kya ?
मैं: पकड़ो पकड़ो
 ललित शर्मा शामिल हो गए हैं.
dipak: pahle khet bhar gulaab laaiye fir se yahan vivek ji
मैं: कोइ जाने न पाए इधर से
rajiv: हमें तो लूट लिया मिल के पान-बीडी वालों ने...चाय-चाट वालों ने...
Vivek Rastogi: अरे पास के खेत वाले ने शिकायत जो कर दी
dipak: lalit ji chai pee aaye akele hi
Vivek Rastogi: हा हा दिल्ली वालों ने
bspabla: विवेक के विवेक को क्या हुआ, यूँ अचानक !
शरद: अल्बेला भाई यह पहली बार हो रहा है अभी और आयेंगे सब पाबला जी की करामात है
Vivek Rastogi: क्य्यँ
indu: तो खेत से गुलाब क्यों तोड़े?
Vivek Rastogi: पाबला जी क्या हुआ
dipak: Albela ji
wo bhi hain kya
Vivek Rastogi: अरे प्रोफ़ेसरों को देने के लिये
शरद: ललित जी इस समय चाय कहाँ मिली ?
मैं: ये जुड़ाव कैसे हुआ ?
Albela: paablaaji ke lakshan achhe nahin lag rahe..ha ha ha
dipak: mujhe laga pabla ji unke naam se tafri katr rahe hain
Albela: sharad bhaiya  namaskaar !
rajiv: आगे-आगे देखिये...होता है क्या?
Vivek Rastogi: हे हे
indu: अरे वो तो मालूम पर............नही तोड़ने थे न दुष्ट
dipak: :)
शरद: नमस्ते अलबेला भाई रसमलाई भरा स्वागत
dipak: ohhh mujhe laga ki prof. ke gharon tak pahunchaane ke liye
Vivek Rastogi: ऐ लो... तो गुलाब तोड़्ने के पहले बोलना था ना
Albela: khiolaao to jane......sharadji !
Vivek Rastogi: तो नहीं तोड़ते
dipak: aap kha ke dikhaao tab jaanen albela ji
indu: अरे हमरे पापा प्रोफ़ेसर थोड़े थे जो विवेक गुलाब लेके आते
शरद: यहाँ तो रस्म की अदाई है / हमारा सलाम ही रसमलाई है
indu: हा हा हा
Vivek Rastogi: अरे घर पर थोड़े ही गये थे
कॉलेज में ही गये थे
शरद: अरे यह गुलाब वाला क्या प्रकरण चल रहा है भाई ?
Vivek Rastogi: भव्य समारोह करवाया था
Albela: x-( x-( x-( x-( x-( vivek ji ki foto nakli hai... :-/ :-/
indu: नही नही हमसब जानते हैं
काहे के प्रोफेसर्स
Vivek Rastogi: पर क्या करें, खेत वाले ने .... ने बस
अरे नहीं अलबेला जी ऐसा कैसे
dipak: kaise pata ki photo nakli hai
 ललित शर्मा चला गया है.
indu: उनकी सुन्दर बिटिया तक गुलाब पहुँचाने थे तुम्हे
Vivek Rastogi: बिल्कुल असली १००० टका असली है
च्च्च्च्च्च्च
शरद: बाकी सब योद्धा कहाँ है भाई ?
bspabla: अलबेला जी यहाँ का अलबेलापन देख हैरान हैं
dipak: sahi kaha Indu ma'am
archana: और मै परेशान....
Vivek Rastogi: बिटिया अरे हम तो लड़्कियों से १००० कोस की दूरियों पर रहते थे
शरद: अलबेला जी नई पोस्ट तैयार कर रहे है ..
indu: अनुभवी हूं हा हा हा
dipak: main bhi yahi soch raha tha ki vivek ji itne shareef kaise ho liye ki prof. ko gulaab pahunchaayen
rajiv: इंदु जी को बिलेटिड हैप्पी बर्थडे
indu: ये टीचर्स,दोस्त सब बहाने है
Albela: maine dekha hai dipak ji.......... :P B-) ;)   unke bal tirupati  ko chadhe hue hain
indu: दुष्टों
शरद: यह 1000 कोस याने कितना इंच होता है विवेक ?
dipak: oho to mahilaaon se nahin
Vivek Rastogi: नहीं अब वापिस से उग आये हईं
indu: थेंक्स राजीव जी
कहो न १०० साल की हो उंगी
Vivek Rastogi: अरे ऐसे कैसे खाली खाली थैंक्स केक किधर है
dipak: ha ha ha
rajiv: ढूंढ लिया ना आपका ब्लॉग :-)
शरद: बाल होते तब तो तिरुपती को चढते ..इतने कम बाल मे तिरुपती जी नाराज नही होंगे ?
archana: इन्दूजी मेरी भी बधाई स्वीकारे
 आपने ललित को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
Vivek Rastogi: ये तो है
 ललित शर्मा शामिल हो गए हैं.
Albela: ha ha ha
 ललित शर्मा चला गया है.
indu: वाओ
Vivek Rastogi: १००० कोस मतलब गूगल से ढूँढना पड़ेगा
dipak: tirupati ji ne kaha hoga ye rejgaari wapas le jaao
Vivek Rastogi: कि कित्ते इंच होते हैं
नहीं
indu: समीर दादा ने मुझसे लिंक माँगा था
Vivek Rastogi: किसी ने हमारी श्टाईल मार ली
indu: मैंने कहा मैंने आपसे पूछा?
 आपने ललित को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
 ललित शर्मा शामिल हो गए हैं.
शरद: हाँ अब ऐसी दूरी तो इंच मे ही होना चाहिये ना
Vivek Rastogi: इसलिये अपुन अपने पुरानी मिलिट्री श्टाईल में आ गये हैं
नहीं इंच में तो नाक बीच में आती है
ललित: हलो  माईक टेस्टिंग माईक टेस्टिंग
शरद: वो ललित जी भी पुराने मिलिटरी मैन है
dipak: aap sab cheejen inch me kyon chahte hain Sharad bhaia.. kachhue se jyada hi inspired hain shayad
:(
indu: यस राजीव जी आपने ढूँढ लिया थेंक्स
dipak: inch-inch aage badho bhaai inch-inch
Vivek Rastogi: नहीं हम तो कोस वाले हैं
शरद: मेरी कविता है दौड .. सुनाऊ क्या ?
Vivek Rastogi: कम से कम अगर कोस न च्ले तो कोस तो लो
dipak: are mujhe sach-2 bataiye ki lalit ji pahle army me the kya
Vivek Rastogi: अब इंच का क्या करो
dipak: koi bataye mujhe
ललित: वि्देशी ताकतो  के हमले से हमारी चै
बंद हो गयी
dipak: haan haan
sunaaiye
Vivek Rastogi: अरे तभी तो ये मूँछें हैं
dipak: neki aur poochh poochh
indu: :)
ललित: लेकिन हम फ़िर वापस आ गए
Vivek Rastogi: जिससे देखते ही पता चल जाये कि मिलिट्री मैन हैं
indu: राजीव जी 'आरती' पढियेगा
rajiv: जी...
Vivek Rastogi: किधर गये थे एम्बुश लगाने
indu: ऊ तो यूँही मजाक शरारत थी मेरी
Vivek Rastogi: विदेशी ताकतों के एरिये में
bspabla: ललित जी, दीपक जी  कुछ जानना चाह रह ेआपसे
मैं: वो अविनाश जी की क्या खबर है भाई
dipak: Indu ma'am ka b'day kab tha
शरद: 236 दौड़
मनुष्य की जन्म जात प्रवृति नहीं है यह फिर भी कुछ लोगों ने जन्म लेते ही दौड़ना शुरू किया
कुछ लोगों ने सहारा लिया और चलने लगे चलते चलते उन्हे लगा अब दौड़ना चाहिये जहाँ हर कोई दौड़ रहा हो वहाँ एक जगह खड़े रहना वर्तमान से असहमति माना जा सकता है

दौड़ना उनके संस्कारों में शामिल नहीं था सो वे लड़्खड़ाये गिर पड़े हाँफते हाँफते फिर उठे और दौड़ने लगे उन्हे दौड़ता देख मैं भी दौड़ा हाँलाकि दौड़ में मैं सबसे पीछे था
कोई नई बात नहीं थी यह पर खरगोश और कछुए की कहानी मैने सुन रखी थी ।

               -  शरद कोकास
dipak: Sharad bhaia kaa aane wala hai
ललित: का हुआ अविनाश जी को
dipak: bhaai log ek badi party milegi
Vivek Rastogi: अरे \\\\\\\\\\\\\
जल्दी से दो भई पार्टी
ललित: बताई
कहां से पार्टी मिलेगी?
Vivek Rastogi: पार्टी के नाम से ही पेट में कुछ होने लगता है
मैं: अभी तो हुआ नही टाइम है
शरद: यह पार्टी कौन देगा ?
dipak: waah sharad bhaia
jawab nahin
मैं: मेरे जीजू
देगे
ललित: जो न्योता दे रहा है
indu: दीप मैं और मेरी बेटी अभिव्यक्ति दो सितम्बर को जन्मे थे
dipak: isiliye aap gurudev hain mere kavie ke maamle me
Vivek Rastogi: अब वो हमें नहीं पता हमें तो पार्टी चाहिये
शरद: कहो गिरीश भैया
ललित: ये भी पूछने की चीज है
indu: एक फूल एक..........
केक्टस हा हा
dipak: waah hum sab sitambar wale hain
Vivek Rastogi: नहीं फ़ूलगोभी..
हे हे
और एक किशन कन्हैया
शरद: दीपक 24 सितम्बर शरद 30 सितम्बर
मैं: पार्टी मांग रहे है चैटिये भाई-बहन
dipak: blog jagat me aisi kaun do deviyaan hain jinka aur unki betiyon ka b'day ek hi din hota hai
GK ka sawal hai
bataiye
indu: :P
ललित: पार्टी से कहां फ़ूल गोभी पर ले आए
bspabla: अदा व उनकी बिटिया
Vivek Rastogi: अरे सब्जी खानी है या ऐसे ही पार्टी कर लोगे
rajiv: अदा जी का
शरद: अब यह पहेली तो सब को मालूम हो गई हाहाहा
ललित: टीचर्स वाली पार्टी
dipak: aur indu ji ko bhool gaye Pabla sir
ललित: जबलपुर में
मैं: वो महफ़ूज़ के बारे में सुना
Vivek Rastogi: वैसे बैचलर्स पार्टी कैसे हो ती है
dipak: kya hua
शरद: जबल्पुर मे क्यो भाई ?
dipak: unka bhi b'day hai
Vivek Rastogi: आपमें से किसी को पता है क्या
कब
है
ललित: आपकी ससुराल जो है
dipak: ya shadi hai december me
 rajiv taneja चला गया है.
indu: रात बढ़ में भी तीन मिनट कम थे और वीरजी ने विश किया हम दोनों को
bspabla: वो तो ही बता दिया न इंदू जी ने
Vivek Rastogi: सही है
मैं: उनकी  शादी तय हो गई है
dipak: good
शरद: किसकी शदी ?
Vivek Rastogi: ये पाबला जी बारह में तीन पर ही फ़ोन कर देते हैं
बारह बजने ही नहीं देते
dipak: chalo ddecember me ek raat ke khane ka intzaam ho gaya
:P
indu: हा हा
शरद: बस बजने ही वाले है
Vivek Rastogi: देखना ये निकल लेंगे
मैं: आपकी दोबारा थोड़े होने देंगे
जीजू
dipak: kiska B'day hai kal
yani 2 min. baad
मैं: महफ़ू की होगी अब
ललित: हा हा हा
indu: मेरा शेर वीर जानता है बढ़ बजे इंदु को जरूरत नही पडेगी सरदार को बुलाने की खुद सरदारनी और शेरनी है
हा हा
ललित: महफ़ूज़ की  होगी
शरद: अरे एक बार तो तुम लोग मिलकर मुझे शहीद कर ही चुके हो गिरीश भैया अब तक मज़ा ले रहे हो
Vivek Rastogi: सही है इंदु जी
चलो सब मिलकर महफ़ूज को जन्मदिन विश कर देते हैं
शरद: तो महफूज़ की शहादत भी जबलपुर मे है बेचारा
Vivek Rastogi: एक के बाद एक फ़ोन लगाकर
मैं: न भाई उसका पुनरजनम होगा
ललित: ओके
मैं: जनम
ललित: लाईन बिजी मिलेगी
bspabla: हा हा हा, एक और बर्थडे बॉय को फोन कर हटा हूँ अभी-अभी
Vivek Rastogi: वे भी कन्फ़्यूज हो जायेगें कि सही में मेरा जन्मदिन है क्या
किसका....
मैं: जी शरद जी
शरद: अरे कौन है बबा ?
dipak: lagaaiye phn lagaaiye
indu: क्या सचमुच महफूज़ का ब'डे है आज?
ललित: हा
फ़ोन लगाओ
bspabla: भारी-भरकम है वह बर्थडE बॉय
dipak: Indu ma'am ka sawal mera bhi hai
indu: यस लगते है एक एक करके
Vivek Rastogi: अगर १०-१२ लोग वो भी ब्लॉगर किसी को हैप्पी बर्थ्डे बोल दें तो वो खुद ही सरेंडर कर देगा
मैं: न पुनर जनम होने वाला है उनका शादी का सेहरा बंधेगा
ललित: मै लगाता हूँ
Vivek Rastogi: और चुपचाप पार्टी दे देगा
indu: चैन हई नही लेने देंगे उसे
Vivek Rastogi: मैं भी लगाता हूँ
bspabla: धीरू सिंह का जनमदिन है भई, आज 6 को
dipak: lag gaya
शरद: इस मार्ग की सभी लाइने व्यस्त है
Vivek Rastogi: वाह बोलो हैप्पी बर्थ्डे
मैं: पिटेगें अगर ऐसा किया महूज़ ने तो
Vivek Rastogi: हमारे मोबाईल का तो नेटवर्क ही गायब है
dipak: Mahfooz bhai ka nahin hai
ललित: एक एक करके लगाओ
मैं: महफ़ूज़
dipak: unko jaga diya bekaar me
ललित: सभी लगाओगे तो व्यस्त तो मिलेगा ही
Vivek Rastogi: गिरिश जी लगता है कि ६ पैक देख लिये हैं
बल्ले शल्ले
indu: प्लीज़ चेक ड नम्बर
मैं: अभी व्यस्त बाद में त्रस्त नज़र आएंगे मियां
शरद: दीपक महफूज़ का न xxxxxxxxxx है ना ?
bspabla: नम्बर है कि दूँ
dipak: unka nhin hai
archana: अरे............................................
Vivek Rastogi: ३-४ नंबर रखते हैं
dipak: lalit ji bhi phone laga liye
शरद: धीरू का दीजिये
dipak: wo to 28 october ko hai
archana: दीपक की कोई तो सुनो
ललित: ओन लाईन है
शरद: 28 को किसका ?
ललित: लाईन पर है
Vivek Rastogi: कौन ऑनलाईन है
कौन
लाईन पर है
dipak: nahin bhaia xxxxxxxxxx hai
bspabla: xxxxxxxxxx धीरू सिंह
dipak: par b'day nahin unka
ललित: मह्फ़ुज
archana: हा हा हा ..................
indu: महफूज़ का न xxxxxxxxxx है ना ? स्विच ऑफ बता रहा है
Vivek Rastogi: ओह तो बोलिये जनमदिन की शुभकामनाएँ
archana: दीपक ...............................जोर से बोल
ललित: हा हा हा
dipak: maine jo no. bataya us par baat karo
lalit ji
ललित: बात हो गयी
Vivek Rastogi: चलिये अब शुभरात्रि
क्या हुआ
bspabla: महफ़ूज का जनमदिन नहीं है, पुनर्जनम है शादी के बहाने
 Albela Khtari चला गया है.
Vivek Rastogi: ललित भाई क्या हुआअ
ललित भाई
मैं: मेरे कने महफ़ूज़ के ५ नम्बर है सब बन्द
archana: शुभरात्रि
Vivek Rastogi: शुभरात्रि
शरद: महफूज़ की शदी किससे हो रही है ?
Vivek Rastogi: अपन भी चले
dipak: dheeru singh ji se baat ho rhi hai
मैं: शुभ रात्री
ललित: धीरु सिंग जी को लगाते हैं
Vivek Rastogi: लड़की से
मैं: मेरी तो एक पोस्ट तैयार हो गई
शरद: अरे मतलब किस लडकी से नई या पुरानी ?
Vivek Rastogi: वाह ब्लॉगरवीरों
archana: सभी को यादगार मुलाकात के लिए .....बधाई..........................
मैं: इस चेट को कापी पेस्ट करूंगा
Vivek Rastogi: रात को १२ बजके ‍६ मिनिट हो रहे हैं
dipak: shubhratri
ji main chala dinner pakane
Vivek Rastogi: और सबकी नींद खराब करने में लगे हैं
dipak: Archna maasi o thanks
indu: एक बड़ी प्यारी सी लड़की है रुखसार
Vivek Rastogi: नहीं
मैं: पाबला जी विवेक जी को सुनिये
dipak: meri koi nhin sunta
:(
archana: किस बात की
ललित: धीरु भाई को दे आए मुबारक बाद
Vivek Rastogi: क्या गिरिश जी
indu: उससे हो रही है हमरे महफूज़ की शादी
dipak: Rukhsaar
Vivek Rastogi: क्या हुआअ
ललित: जनम दिन की
Vivek Rastogi: वाह
नाम तो बहुत अच्छा है
शरद: नमस्ते अर्चना जी , इन्दु जी ललित जी गिरीश जी , दीपक , विवेक , राजीव , अलबेला भाई और सत श्री अकाल पाबला जी को
bspabla: महफ़ूज़ से बात हो रही, बेचारा परेशान हो गया
Vivek Rastogi: चलिये शुभरात्रि सभी को
मैं: दीपक इधर किसने किसे सुना भाई...?
dipak: Good Night Sharad bhaia
aur kaun jaane wala hai
ललित: जय हो
dipak: namste kar loon main
indu: हा हा
ललित: चल दिए सब
dipak: ha ha ha
 Vivek Rastogi चला गया है.
dipak: ye bhi sahi hai
indu: पर बहुत मजा आरहा है सच्ची
ललित: बादल गरज रहे है
शरद: पता नही मै तो नही जा रहा मुझे लगा सब जा रहे है .. कल से बात कर रहे है
ललित: बिजली गिरी है
आस पास
dipak: last me do log hi bachenge yahan
archana: दीपक किस बात का thanks
dipak: Indu Ma'am aur main
indu: यस
dipak: kyonki mera to abhi 7:40 hai
शरद: जो गरजते है वे बरसते नही  बने गोठियाए हस ललित
dipak: aur indu ma'am ko neend nahin aa rahi
indu: यस
सही बोला
ललित: सही मे
indu: मुझे मजा आ रहा है
शरद: पाबला जी जब आयर लैंड जायेंगे तो उन्हे बता देना
दीपक
Pabla ji kab aa rahe hain
शरद: तुम्हारा शोध कार्य पूरा होते ही
indu: उनका यकीन मट करना
एक तो मुझे बोला
आ रहा हूं माऊ और मैं
dipak: maine jo tasveeren blog par lagain Belfast ki uski wajah se 6-7 log london se yahan ghoomne ka man bana chuke hain
tourism walon se tax lena hoga
prachaar-prsaar ka
ललित: चलते हैं भैया
शब्बा खैर
dipak: good night Lalit ji
शरद: अलबेला भाई को बुला लेना कवि सम्मेलन मे
dipak: aapne bataya nahin par
ललित: जरा हमारी साइट पर तफ़री कर लेना
bspabla: हम ही चले
dipak: ki aap army me kab the
शरद: ओके ललित 17 सितम्बर की याद रखना
bspabla: हम भी चले, नमस्कार
indu: .....................कब थे? बताइए
dipak: Pabla ji aap aa rahe hain kya
Indu ma'am to kah rahi hain ki aapka bharosa na karen
bspabla: अफ़वाहें हैं सब
dipak: 17 ko kya hai
indu: अरे आपका यानि वीरजी का
dipak: B'day ke pahle hi party hainnnnnnnnnnnnn
शरद: विश्वकर्मा पूजा
dipak: oho
 ललित शर्मा चला गया है.
dipak: meri taraf se bhi ek pushp arpit kar dena bhaia
शरद: ललित भाई का विशेष लेख रहेगा
indu: वीरजी का भरोसा कोई भि मत करना
शरद: शिल्पकार है ना
dipak: Mahfooz bhai ki tarah
:P
indu: :P
शरद: उनके लिये एक शेर गज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया / तमाम रात कयामत का इंतिज़ार किया
dipak: ha ha ha
Pabla ji
indu: ओ यस
एक गाना भि है
dipak: chale gaye kya
शरद: कोई तो बताओ महफूज़ की शादी कब कहाँ और किससे हो रही है ?
indu: हम इन्त्ज्ज़र करेंगे तेरा कयामत तक
 archana chaoji चला गया है.
dipak: aap hi bata dijiye ki lalit ji army me kab the
indu: खुदा करे कि कयामत हो और टू आये
dipak: december me rukhsaar se ho rahi hai
शरद: 1857 मे
dipak: jabalpur se barat lko jaayegi
2010
:)
शरद: कहाँ जायेगी बरात ?
dipak: jabalpur se lucknow
indu: रुखसार जबलपुर की थोड़े ही है
dipak: fir?
शरद: कहाँ की है ?
indu: वो तो शायद लखनऊ की हई है
dipak: hmm
tab theek hai
indu: याद नही पर माह ने फोन पर बताया था
dipak: bas ka kharcha bachega
baratiyon ka
शरद: वही तो जबलपुर की तो अपनी है ..
indu: लो
dipak: hmm
indu: अपने ऋतू की शादी भि जबलपुर हई पक्की हुई है
dipak: badhaaai ho ma'am
शरद: अरे वा यह तो अच्छी बात है
indu: थेंक्स
dipak: abhi 2 log kaun hain
hamare alawa
शरद: कोई नही सब खेत रहे
dipak: pabla ji aur girish ji
indu: शरद जी ही दिख रहे है
dipak: ham bhi jaldi hi khalihaan hone wale hain
indu: अरे यही शब्द में लिखने वाली थी पर नही लिखा
dipak: same same
indu: खेत रहने का मतलब ...............
dipak: hum sabhi stage wale hain
tabhi na
indu: ठुस्स
 इन पंक्तियों के लिखे जाने तक चैट ज़ारी  थी ... मुझे दुख है कि अनिता कुमार जी और कुमाऊंनी चेली को बुला न पाया 

टिप्पणियाँ

राजीव तनेजा ने कहा…
अरे!...वाह...बहुत बढ़िया...ऑन दा रिकार्ड हो गई ये तो
Unknown ने कहा…
bada mazaa aaya bhai chait me shaamil hokar.......

karte rahiye aise sammelan.
jai ho !
शरद कोकास ने कहा…
जबलपुर वाले गिरीश भैया की जय हो ।
दीपक 'मशाल' ने कहा…
लेकिन ये सब सब्जीमंडी की वार्ता पढ़ेगा कौन
:P
आपने SANGITA को इस चैट के लिए आमंत्रित किया है.
SANGITA PURI शामिल हो गए हैं.
SANGITA PURI चला गया है.

इंटरनेट ने तो धोखा दिया मुझे .. सबों की बातचीत को पोस्‍ट का रूप देना अच्‍छा रहा .. ऑनलाइन ब्‍लॉगर मीट जैसा एक बढिया प्रयास !!
शुक्रिया संगीता जी
दीपक भाई सब्जी तो खरीदेगा न मिलेगा मुझे ही टिप्पणी का लाभ हा हा हा
बेनामी ने कहा…
पीहर ससुराल में बहुत बड़ा परिवार है मेरा. जब भी कोई शादी ब्याह या मौत मरण हो जाती है तभी सबका एक साथ मिलना हो पाता है.....
ससुराल में सास -ससुर और पीहर में मम्मी पापा नही रहे. दोनों परिवारों में हम ( फूफाजी भी)सबसे छोटे हैं. माँ बाप के जाने के बाद........जैसे वो अपना सब कुछ साथ ले गए सिर के ऊपर से छत और घर की देहरी भी.हम दोनों पति पत्नी चूँकि घर में सबसे छोटे थे इसलिए कुछ ज्यादा ही फील करते थे अकेलापन.
एक तरफा निभाह ??? कितने दिन तक??
सबकी अपनी दुनिया..जहाँ किसी को किसी की जरूरत नही.हम जैसे तडप उठते थे कई बार फूट फूट कर रोये भी.एक अजीब खालीपन भर गए दोनों परिवारों के माँ बाप हमारे जीवन में.
शायद दिमाग से कम दिल से ज्यादा सोचने की आदत जो है 'हम दोनों' की.
आज बरसों बाद लगा फिर पूरा परिवार एक साथ आ बैठा.तब..........जहाँ हम बेसिर पैर की बातें किया करते थे.पूरी रात जागते,चाय नाश्ता.ठंडी रोटियाँ,नमकीन जो भी मिल जाता खाते. बिना बात ठी ठी करते.
सच आज वही सब महसूस हो रहा है.कल ही इसकी प्रिंट आउट्स निकाल कर संजो लूंगी.चैट क्या हुई यादगार हो गई.आपने तो इसे अविस्मरणीय बना दिया गिरीशजी!
थेंक्स बोलूं?
नही. वापस अपने परिवार को जल्दी इकट्ठे करना.फिर मिलेंगे.खूब बाते करेंगे.खूब हंसेंगे.कोई किसी की नही सुन् रहा पर इंजॉय कर रहा.
हा हा हा अब सोऊँगी नही. इस चैट के एक एक शब्द को फिर पढूंगी.
सबको ढेर सारा प्यार.
मैं आज सचमुच बहुत खुश हूं,बचपन को जिला दिया आपने.
बेनामी ने कहा…
गिरीश भाई! मैंने इतनी मुश्किल से कमेन्ट नही लिखा, अपना दिल खोल कर रख दिया था.पोस्ट करने लगी एक एरर शो हुआ और पूरा का पूरा कमेन्ट गायब हो गया. ऐसा क्यों हुआ?
चलो अब कल लिखूंगी.वैसे पोस्ट हो जाता तो वो पहला कमेन्ट होता.
वैसे यूँ लगा जैसे एक बहुत बड़े परिवार के सारे मेम्बर्स एक साथ कई सालों बाद मिले हो एक छत के नीचे. फिर जल्दी मिलाना.मिलने पर भी शायद हम इतने लोग आपस में बात नही कर पाते यहाँ तो सबके लिखे को पढ़ रहे थे हम सब.पोस्ट बना दिया इसे??? जब चाहें पढ़ सकूंगी.
आप नही जांते आज मैं कितनी खुश हूं!
आप तो गुरु हो, पता नहीं क्या क्या खुरापतें दिमाग में अभी और बाकी हैं। पर हाँ मजा बहुत आया।
अरे वाह यह बात-चीत तो बहुत सार्थक रही!
--
घर बैठे ही श्रेष्ठ ब्लॉगरों से मुलाकात हो गई!
Udan Tashtari ने कहा…
ए भाई........................................................................बहुते लम्बी चटाई है. :)
अरे ...बुलाया काहे नहीं ? कल तो हम बहुत ऑनलाइन थे ....
हमारीवाणी ने कहा…
क्या आप हिंदी ब्लॉग संकलक हमारीवाणी के सदस्य हैं?

हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि
शरद कोकास ने कहा…
भाई इसका दूसरा पार्ट भी प्रकाशित कर दो
बाबा भूत नाथ ने कहा…
जै हो
इधर से गुज़रा तो नज़ारा देखा पहली बार
मज़ा आ गया भाई. पर लिम्का बुक वाले लोग नही आये इधर क्या
Mahak ने कहा…
ये हुआ कैसे की चैट में जो बात एक व्यक्ति कह रहा है वो at the same time एक से ज्यादा व्यक्तियों तक भी पहुँच रही है ???

कृपया procedure बताने का कष्ट करें

mahakbhawani@gmail.com

महक
साधवी ने कहा…
इसे पढ़िये:

http://sadhviritu.blogspot.com/2010/09/blog-post_06.html

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