हिन्दी लोक के प्रस्तोता की पसंद शायद आपकी पसंद भी हो
15.3.10
मीडिया का अनुपूरक है ब्लॉग : पियूष पांडे
चैत्र-नवरात्रि साधना पर्व पर सभी का हार्दिक अभिनन्दन है . मित्रों कल मेरे एलबम बावरे-फकीरा को रिलीज़ हुए पूरा एक वर्ष हो गया है. इस सूचना के साथ बिना आपका समय जाया किये सीधे आदरणीय पियूष पांडे जी से आपकी मुलाक़ात कराना चाहूंगा हिन्दी ब्लागिंग को लेकर कतिपय साहित्यकारों की टिप्पणियों को उनकी व्यक्तिगत राय मानने वाले पांडे जी से उनकी कविताएँ भी इस पाडकास्ट में उपलब्ध हैं.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
मेरे बारे में
- बाल भवन जबलपुर
- जन्म- 29नवंबर 1963 सालिचौका नरसिंहपुर म०प्र० में। शिक्षा- एम० कॉम०, एल एल बी छात्रसंघ मे विभिन्न पदों पर रहकर छात्रों के बीच सांस्कृतिक साहित्यिक आंदोलन को बढ़ावा मिला और वादविवाद प्रतियोगिताओं में सक्रियता व सफलता प्राप्त की। संस्कार शिक्षा के दौर मे सान्निध्य मिला स्व हरिशंकर परसाई, प्रो हनुमान वर्मा, प्रो हरिकृष्ण त्रिपाठी, प्रो अनिल जैन व प्रो अनिल धगट जैसे लोगों का। गीत कविता गद्य और कहानी विधाओं में लेखन तथा पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशन। म०प्र० लेखक संघ मिलन कहानीमंच से संबद्ध। मेलोडी ऑफ लाइफ़ का संपादन, नर्मदा अमृतवाणी, बावरे फ़कीरा, लाडो-मेरी-लाडो, (ऑडियो- कैसेट व सी डी), महिला सशक्तिकरण गीत लाड़ो पलकें झुकाना नहीं आडियो-विजुअल सीडी का प्रकाशन सम्प्रति : संचालक, (सहायक-संचालक स्तर ) बालभवन जबलपुर
Wow.....New
रिजर्व बैंक में इंग्लैंड से 100 मी सोना क्यों वापस प्राप्त किया ?
Listen also to podcasts on YouTube Channel जी हां भारत ने 46.91 मेट्रिक टन सोना बैंक ऑफ़ इंग्लैंड और बैंक ऑफ़ जापान के पास ...
-
सांपों से बचने के लिए घर की दीवारों पर आस्तिक मुनि की दुहाई है क्यों लिखा जाता है घर की दीवारों पर....! आस्तिक मुनि वासुकी नाम के पौरा...
-
संदेह को सत्य समझ के न्यायाधीश बनने का पाठ हमारी . "पुलिस " को अघोषित रूप से मिला है भारत / राज्य सरकार को चा...
-
मध्य प्रदेश के मालवा निमाड़ एवम भुवाणा क्षेत्रों सावन में दो त्यौहार ऐसे हैं जिनका सीधा संबंध महिलाओं बालिकाओं बेटियों के आत्मसम्मान की रक...
11 टिप्पणियां:
Bawre Fakira ki pahli saalgirah par badhai..
रनिंग कमेंट्री ..? आज जरा देर हो गई है कल ...।
हमारी तरफ़ से भी बहुत बहुत बधाई
इस सुंदर गीत के लिये भी धन्यवाद
अच्छा लगा बातचीत सुनकर पीयूष जी से.
नव संवत्सर 2067 व नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएं.
Bawre Fakira ki pahli saalgirah par badhai..
वार्ता बेहद सार्थक थी, लेकिन एक नाम बार बार बज रहा था, जिसको न मैं जानता हूँ, और न जाना चाहूंगा, बस जरूर कहना चाहूंगा कि हर आँख हर अलग सोच का आईना है। मुझे तो बस इतना पता है कि मुझे क्या करना है।
ब्लॉगिंग का एक सकारात्मक पहलू, आज विदेशों में बैठे, साईबर कैफों में बैठे, मुंशी प्रेम चंद, हरिवंश राय बच्चन को नहीं बल्कि नए लेखकों को पढ़ने हैं, जो समय के अनुकूल और सही है।
Aap sabhee kaa shukriyaa
बहुत ही सुन्दर और मनभावन!
नव संवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएं.
अच्छी कोशिश है
अच्छा लगा ।
गुलमोहर का फूल
एक टिप्पणी भेजें